जातीय जनगणना: मायावती बोलीं- सही दिशा में देरी से उठाया गया कदम, किसने क्या कहा
मोदी सरकार के जातीय जनगणना कराने के फैसले का हर कोई स्वागत कर रहा है। भाजपा ही नहीं विपक्षी पार्टियों ने अपने-अपने अंदाज में इस फैसले का समर्थन किया है।

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती ने बुधवार को जातिवार जनगणना कराने के केंद्र के फैसले का स्वागत किया और इसे देर से उठाया गया दुरुस्त कदम बताया। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, "देश में मूल जनगणना के साथ ही 'जातीय जनगणना' कराने का केंद्र सरकार द्वारा आज लिया गया फैसला काफी देर से उठाया गया सही दिशा में कदम है। इसका स्वागत है।"
उन्होंने कहा कि बसपा इसकी मांग काफी लंबे समय से करती रही है। उम्मीद है कि सरकार 'जनगणना से जनकल्याण' के इस फैसले को समय से जरूर पूरा कराएगी। केंद्र सरकार ने बुधवार को एक महत्वपूर्ण फैसले में आगामी जनगणना में जातिवार जनगणना को 'पारदर्शी' तरीके से शामिल करने का फैसला किया। राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति द्वारा लिए गए फैसलों की घोषणा करते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि जनगणना केंद्र के अधिकार क्षेत्र में आती है, लेकिन कुछ राज्यों ने सर्वेक्षण के नाम पर जातिवार जनगणना की है।
मंत्री ने कहा कि आगामी अखिल भारतीय जनगणना में जातिवार गणना को पारदर्शी तरीके से शामिल करना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार का संकल्प है। जनगणना की प्रक्रिया अप्रैल 2020 में शुरू होनी थी, लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण इसमें देर हुई है।
जातिगत जनगणना का फैसला पीडीए की जीत: अखिलेश
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि जाति जनगणना का फैसला 90% पीडीए की एकजुटता की 100% जीत है। हम सबके सम्मिलित दबाव से भाजपा सरकार मजबूरन ये निर्णय लेने को बाध्य हुई है। सामाजिक न्याय की लड़ाई में ये पीडीए की जीत का एक अति महत्वपूर्ण चरण है। उन्होंने इसे आईएनडीआईए (इंडिया) की जीत बताया है।
अखिलेश ने भाजपा सरकार को चेतावनी है कि अपनी चुनावी धांधली को जाति जनगणना से दूर रखें। एक ईमानदार जनगणना ही हर जाति को अपनी-अपनी जनसंख्या के अनुपात में अपना अधिकार और हक दिलवाएगी, जिस पर अब तक वर्चस्ववादी फन मारकर बैठे थे। ये अधिकारों के सकारात्मक लोकतांत्रिक आंदोलन का पहला चरण है और भाजपा की नकारात्मक राजनीति का अंतिम। भाजपा की प्रभुत्ववादी सोच का अंत होकर ही रहेगा। संविधान के आगे मनविधान लंबे समय तक चल भी नहीं सकता है।
लोकतंत्र को मजबूत करेंगे जातीय आंकड़े: ब्रजेश
देश में आगामी जनगणना के साथ जातीय गणना कराने के केंद्रीय कैबिनेट के फैसले पर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लिया गया यह फैसला देश की राजनीति में एक ऐतिहासिक क्षण है। यह सिर्फ एक निर्णय नहीं बल्कि दशकों की उपेक्षा और अनदेखी का अंत है।
डिप्टी सीएम ने कहा कि कांग्रेस सहित जो राजनीतिक दल वर्षों तक सत्ता में रहकर भी इस विषय पर मौन साधे रहे, उनके लिए यह एक करारा संदेश है। उन राजनीतिक दलों ने सिर्फ घोषणाओं और भाषणों में जातीय जनगणना की बात की, लेकिन आज प्रधानमंत्री ने इसे कर दिखाया। पाठक ने कहा कि जातीय आंकड़े लोकतंत्र को मजबूत करेंगे। नीति निर्माण को न्यायसंगत बनाएंगे और समावेशी विकास की राह को प्रशस्त करेंगे। इस ऐतिहासिक निर्णय के लिए डिप्टी सीएम ने प्रधानमंत्री का आभार भी व्यक्त किया है।
जातीय जनगणना महत्वपूर्ण फैसला: केशव
जातीय जनगणना कराने के केंद्र सरकार के फैसले पर खुशी जताते हुए उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने कहा कि देश के इतिहास में यह सबसे महत्वपूर्ण और बड़ा फैसला है। 140 करोड जनता प्रधानमंत्री के प्रति आभारी है। सर्किट हाउस में बुधवार को मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने 60 साल तक शासन किया लेकिन जातीय जनगणना नहीं कराई। जब एक गरीब मां बाप का बेटा अति पिछड़े वर्ग से आने वाले नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बन गये, तब राहुल गांधी और अखिलेश यादव ने जातीय जनगणना को मुद्दा बनाया, ढोंग कराया, जनता को गुमराह किया और झूठ बोला।
उन्होंने कहा कि कुछ लोग झूठ फैलाकर सत्ता की मलाई खाना चाहते थे। लेकिन सत्ता में पहुंचने के बाद समाज की भलाई के लिए कोई काम करता है तो वह नरेंद्र मोदी हैं। राहुल गांधी हों या अखिलेश यादव, उनके ढोंग और झूठ पर चोट पड़ी है। भाजपा वो काम करेगी जो देश की जरूरत हो। उनके साथ जिलाध्यक्ष व एमएलसी हंसराज विश्वकर्मा, महानगर अध्यक्ष प्रदीप अग्रहरी, जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम मौर्या एवं विधायक टी. राम आदि उपस्थित थे।
सत्ता के समय जातीय जनगणना की विरोधी रही कांग्रेस: स्वतंत्रदेव
जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने बुधवार को केंद्र सरकार के जातीय जनगणना को आने वाली जनगणना में शामिल किए जाने के फैसले को ऐतिहासिक बताया। उन्होंने इस अभूतपूर्व फैसले के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया। पार्टी मुख्यालय पर पत्रकारों से वार्ता करते हुए स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि कांग्रेस की सरकारों ने आज तक जातीय जनगणना का विरोध किया है। आजादी के बाद की गई सभी जनगणनाओं में जातीय की जनगणना नहीं की गई।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस, आरजेडी या किसी भी इंडी गठबंधन की सरकार ने जातीय जनगणना नहीं कराई। कांग्रेस की कर्नाटक सरकार ने जातिगत सर्वे कराया था लेकिन आज तक इसे सार्वजनिक नही किया। स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि कांग्रेस ने सत्ता में रहते हुए बस वादे ही किए। पीएम मोदी ने जो कहा उसे हमेशा पूरा किया लेकिन जो लोग दशकों तक सत्ता में रहे उन्होंने जातियों को बांटने की राजनीति की। कांग्रेस ने लोगों को जात-धर्म में बांटकर वोट बैंक के रूप इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों की केन्द्र और राज्यों में पूर्ण बहुमत की सरकार थी, तब इनको किसने रोका था। कहा कि मोदी सरकार के इस फैसले से हर वर्ग को सम्मान मिलेगा।
सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयासः जयंत चौधरी
रालोद प्रमुख जयंत चौधरी ने कहा कि सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास। NDA सरकार का ऐतिहासिक निर्णय!! प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में राजनीतिक विषयों की कैबिनेट समिति द्वारा आजाद भारत में पहली बार जातिगत जनगणना कराने का निर्णय लिया गया है। आगामी जनगणना में जातिगत जनगणना को सम्मिलित किया जाएगा जो देश के सामाजिक और आर्थिक प्रगति को नई दिशा देगा।
वहीं, आजाद पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद ने जातीय जनगणना की मांग को लेकर संसद में दिए गए भाषण को रिट्वीट किया है। इसमें कहा है कि जातिगत जनगणना से शुरूआत करूँगा जिसकी देश को जरूरत है क्योंकि गणना होगी तो आंकड़े आएंगे,आंकड़े आएंगे तो जो बजट दिया जा रहा है वो सही तरीके से लोगों तक पहुंच पाएगा और लोगों को उस बजट का फायदा होगा।