अमेरिका में कैंडिडा ऑरिस नाम के फंगल इन्फेक्शन के कई मामले सामने आए हैं। यह इन्फेक्शन साइलेंट किलर का काम करताहै। कई बार बिना गंभीर रूप से बीमार किए यह संक्रमण फैलता रहता है।
इंग्लैंड, आइसलैंड, फ्रांस और अमेरिका में भी यह पाया गया। आज के अन्य प्रमुख कोविड स्ट्रेन जैसे XBB.1.5 और HV.1 की तुलना में इस वेरिएंट में भारी अंतर से वैज्ञानिक विशेष रूप से आश्चर्यचकित हैं।
आजकल हर जगह डिजीज एक्स की चर्चा हो रही है। कहा जा रहा है कि कोरोना से भी गंभीर महामारी आने वाली है। हालांकि अभी यह केवल एक कल्पना है जिसका कोई पैथोजन अस्तित्व में नहीं है।
एसबीए के कार्यवाहक सहयोगी प्रशासक बेली डेविस ने कहा कि इंस्पेक्टर जनरल के नजरिए में गंभीर खामियां दिखती हैं, जो इस संभावित धोखाधड़ी को काफी हद तक बढ़ा-चढ़ाकर पेश करती नजर आ रही है।
नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ वायरोलॉजी ने एक देसी टेस्ट किट विकसित की है जो कि इन्फ्लुएंजा ए, बी और कोविड 19 की जांच एक साथ कर सकता है। इसके लिए एक ही सैंपल की भी जरूरत होगी।
कोरोना के केसों में इस महीने लगातार इजाफा देखने को मिला है। अब इसे लेकर सरकार भी सतर्क हो गई है। केंद्नीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश के 8 राज्यों से कोरोना के मामलों पर निगरानी रखने को कहा है।
यह वैरिएंट का पहली बार इसी साल जनवरी में पता चला था। उसके बाद इसका प्रसार बढ़ा है। WHO ने वैरिएंट को चिंता का विषय बताया है। विश्व स्वास्थ्य निकाय नए स्ट्रेन की निगरानी कर रहा है।
COVID-19 Daily Data: देश के कई हिस्सों में संक्रमण बढ़ने के कारण बीते 24 घंटे में 11,109 नए मामले भी सामने आए थे। शुरुआती दौर में मौत की संख्या कम थी।
कोरोना एक बार फिर रफ्तार पकड़ रहा है। दो सप्ताह के अंदर ही कोरोना के मामलों में साढ़े तीन गुना का इजाफा देखा गया है। केरल में सबसे ज्यादा कोरोना के मामले हैं।
दूसरी लहर के दौरान कोरोना का गढ़ बने महाराष्ट्र से एक बार फिर चिंता भरी खबरें हैं। यहां रविवार को ही 397 नए मामले सामने आए हैं यानी देश भर के एक चौथाई केस अकेले महाराष्ट्र से ही मिले हैं।