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महामारी का संकट? यहां तेजी से फैल रहा जानलेवा फंगल इन्फेक्शन, साबित होता है साइलेंट किलर

अमेरिका में कैंडिडा ऑरिस नाम के फंगल इन्फेक्शन के कई मामले सामने आए हैं। यह इन्फेक्शन साइलेंट किलर का काम करताहै। कई बार बिना गंभीर रूप से बीमार किए यह संक्रमण फैलता रहता है।

Ankit Ojha एजेंसियां, वॉशिंगटनSun, 4 Feb 2024 03:15 PM
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अमेरिका में एक जानलेवा फंगल इन्फेक्शन कैंडिडा ऑरिस तेजी से फैल रहा है। इस महीने वॉशिंगटन में कम से कम चार लोग इस फंगस से संक्रमित पाए गए। यह एक दुर्लभ इन्फेक्शन होते हुए भी खतरनाक माना जाता है क्योंकि डॉक्टरों का कहना है कि इसकी मृत्यु दर काफी ज्यादा होती है। वहीं इस फंगल इन्फेक्शन पर दवाओं का असर बहुत कम होता है। यह इन्फेक्शन अस्पतालों में आसानी सेफैल जाता है और कई बार लोगों को पता नहीं चलता। इस फंगल इन्फेक्शन से ग्रसित होने के बाद मरीज में तुरंत लक्षण नहीं दिखाई देते। वह तुरंत गंभीर रूप से बीमार नहीं पड़ता है। ऐसे में अन्य लोगों में भी संक्रमण फैलने के चांस ज्यादा होते हैं।

एनबीसी न्यूज के मुताबिक सबसे पहले इस फंगल इन्फेक्शन का मामला 10 जनवरी को सामने आया था। इशके बाद सिएटल और किंग काउंट में तीन और मामले सामने आए हैं। यह इन्फेक्शन मरीज की इम्यून पावर खत् कर देता है। वहीं कई एंटीफंगल दवाएं इसपर काम नहीं करती। ऐसे में मरीज पर औऱ भी बीमारियां धावा बोल देती हैं। कई बार मरीज की जान चली जाती है। 

डॉक्टरों के मुताबिक यह पैथोजन फीडिंग ट्यूब, ब्रीदिंग ट्यूब या फिर कैटहीटर इस्तेमाल करने वाले मरीजों  को आसानी से संक्रमित कर देता है। सीडीसी के मुताबिक यह खून से लेकर त्वचा तक को संक्रमित कर सकता है। इससे बड़े बड़े घाव हो सकते हैं। कई बार यह इंसान की त्वचा या अन्य अंग पर आता है लेकिन व्यक्ति जल्दी बीमार नहीं दिखाई देता है। ऐसे में यह फैलने लगता है और संपर्क में आने वाले अन्य लोगों को भी बीमार कर देता है। 

संक्रमति व्यक्ति को अलग कमरे में रखना चाहिए। इसके अलावा उसके संपर्क में आते समय दस्तानों को प्रयोग करना चाहिए। वहां से निकलते वक्त हैंड सैनटाइजर का उपयोग करना चाहिए। इसके अलावा बच्चों और ज्यादा लोगों को मरीज के संपर्क में नहीं रहना चाहिए। यह इन्फेक्शन सबसे पहले 15 साल पहले जापान में मिला था। 2022 में इससे 2377 लोग, 2016 में 53 लोग संक्रमति हुए थे। 40 देशों में इसके मामले पाए गए हैं। 

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