अमेरिका में कोरोना की राहत राशि में भी लगी सेंध, 200 अरब डॉलर के घोटाले का दावा
एसबीए के कार्यवाहक सहयोगी प्रशासक बेली डेविस ने कहा कि इंस्पेक्टर जनरल के नजरिए में गंभीर खामियां दिखती हैं, जो इस संभावित धोखाधड़ी को काफी हद तक बढ़ा-चढ़ाकर पेश करती नजर आ रही है।
अमेरिका में कोरोना राहत प्रोग्राम के दौरान 200 अरब डॉलर से अधिक की चोरी का संदेह है। संघीय वित्त पोषित कार्यक्रमों की जांच करने वाले फेडरल वाचडॉग ने यह आशंका जताई है। रिपोर्ट के मुताबिक, 2 कोविड रिलीफ इनिशिएटिव्स के जरिए छोटे व्यवसायों को बचाने में मदद मिली, जो कि 100 से अधिक वर्षों में सबसे खराब स्थिति का सामना कर रहे थे। हालांकि, इनमें बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा है। संभावित चोरी की राशि को लेकर अमेरिकी लघु व्यवसाय प्रशासन महानिरीक्षक की ओर से जारी आंकड़े पिछले अनुमानों से कहीं अधिक हैं। इससे पता चलता है कि आपदा ऋण कार्यक्रम धोखेबाजों के लिए आसान टारगेट बने। खासकर कोरोनो वायरस महामारी के शुरुआती दिनों में ऐसा ज्यादा हुआ।
इंस्पेक्टर जनरल की रिपोर्ट में कहा गया, 'सभी COVID-EIDL और पीपीपी फंड का कम से कम 17 फीसदी धोखाधड़ी करने वाले संभावित लोगों को वितरित किया गया।' रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना आर्थिक चोट आपदा ऋण कार्यक्रमों में 136 बिलियन डॉलर से अधिक की धोखाधड़ी का अनुमान है, जो उस कार्यक्रम पर खर्च किए गए कुल धन का 33 प्रतिशत है। महानिरीक्षक ने कहा कि पे-चेक प्रोटेक्शन धोखाधड़ी का अनुमान 64 बिलियन डॉलर का है।
घोटाले की राशि को लेकर असहमति
रिपोर्ट के मुताबिक, एसबीए के एक सीनियर अधिकारी ने घोटाले की इस राशि को लेकर असहमति जताई है। एसबीए के कार्यवाहक सहयोगी प्रशासक बेली डेविस ने कहा कि इंस्पेक्टर जनरल के नजरिए में गंभीर खामियां हैं जो धोखाधड़ी को काफी हद तक बढ़ा-चढ़ाकर पेश करती हैं। यह जनता को विश्वास दिलाने के लिए गुमराह करती है कि हमने जो काम किया, उसका धोखाधड़ी से बचाव में कोई असर नहीं हुआ। मालूम हो कि एसबीए महानिरीक्षक ने पहले अनुमान लगाया था कि कोरोना आपदा ऋण कार्यक्रम में 86 बिलियन डॉलर और पे-चेक प्रोटेक्शन प्रोग्राम में 20 बिलियन डॉलर की धोखाधड़ी हुई है।
ट्रंप के शासनकाल में शुरू हुए प्रोग्राम
धोखाधड़ी के इस मामले को लेकर एसोसिएटेड प्रेस में 13 जून को एक रिपोर्ट छपी थी। इसमें बताया गया कि घोटालेबाजों और ठगों ने संभावित रूप से COVID-19 आपातकालीन सहायता में लगभग 280 बिलियन डॉलर की हेराफेरी की है। इसके अलावा, 123 बिलियन डॉलर बर्बाद हुआ या फिर गलत जगहों पर खर्च किया गया। इस संभावित नुकसान का बड़ा हिस्सा 2 एसबीए कार्यक्रमों से जुड़ा है। इसमें महामारी के कारण हुई आर्थिक उथल-पुथल के कारण अचानक बेरोजगार होने वालों को लेकर चलाया गया कार्यक्रम भी शामिल है। मालूम हो कि ये तीनों कदम ट्रंप प्रशासन के दौरान उठाए गए, जिन्हें राष्ट्रपति जो बाइडेन के कार्यकाल में विस्तार दिया गया।
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