उद्धव और राज के बाद अब पवार फैमिली में एकता की चर्चा, राउत बोले- पहले ही एक हैं दोनों
- पवार परिवार में पावर की जंग कम हुई और एकता स्थापित होती है तो फिर यह बड़ा उलटफेर होगा। इस उलटफेर को यूं भी बल मिला है क्योंकि सुप्रिया सुले का कहना है कि परिवार के तौर पर हमारे रिश्ते कभी खराब नहीं रहे। सुप्रिया सुले के इस अच्छे रिश्तों वाले बयान से भी एकता की अटकलें लग रही हैं।

बीते 15 दिनों में शरद पवार और अजित पवार तीन बार मुलाकात कर चुके हैं और मंच साझा किया है। दोनों नेताओं के बीच पहले जैसी तल्खी भी नहीं दिखी। इससे महाराष्ट्र की राजनीति में कयास फिर से तेज हैं कि दोनों नेता साथ आ सकते हैं। ये चर्चाएं ऐसे दौर में शुरू हुई हैं, जब शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे और मनसे लीडर राज ठाकरे के भी एकजुट होने के कयास लग रहे हैं। ऐसे में यदि पवार परिवार में पावर की जंग कम हुई और एकता स्थापित होती है तो फिर यह बड़ा उलटफेर होगा। इस उलटफेर को यूं भी बल मिला है क्योंकि सुप्रिया सुले का कहना है कि भले ही हमने राजनीतिक रूप से अलग राहें अपना ली हैं, लेकिन परिवार के तौर पर हमारे रिश्ते कभी खराब नहीं रहे। सुप्रिया सुले के इस अच्छे रिश्तों वाले बयान से भी एकता की अटकलें लग रही हैं।
यही नहीं इस बीच उद्धव सेना के एक नेता का कहना है कि यदि शरद पवार और अजित पवार साथ भी आ जाएं तो कोई हैरानी की बात नहीं होगी। यही नहीं उद्धव सेना के लीडर ने कहा कि चाचा और भतीजे तो पहले ही साथ आ चुके हैं। शिवसेना के मंत्री संजय शिरसाट का कहना है कि यदि कुछ दिनों में शरद पवार और अजित पवार हाथ मिला लें तो फिर कोई हैरानी की बात नहीं होगी। सोमवार को शरद पवार और अजित पवार जब साथ आए तो तेजी से कयास लगने लगे। दोनों नेता ऐग्रिकल्चर और शुगर इंडस्ट्री में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस्तेमाल को लेकर आयोजित एक कार्यक्रम में पहुंचे थे। पुणे में आयोजित इस आयोजन को लेकर जब बात हुई तो अजित पवार ने ज्यादा चर्चा नहीं की। इतना ही कहा कि परिवार हमेशा साथ रहता है और हमारी मुलाकातों पर कयास नहीं लगाने चाहिए।
हालांकि इन कयासों के बीच राजनीतिक तंज भी शुरू हो चुके हैं। उद्धव सेना के लीडर संजय राउत ने तो साफ कहा कि ऐसा लगता है कि वे साथ आ गए हैं। संजय राउत ने कहा, 'दोनों पवार पहले ही साथ आ चुके हैं। क्या आपने कभी हमें एकनाथ शिंदे के साथ मंच पर देखा है? हम उनसे नहीं मिलते और न मिलेंगे।' यही नहीं पवार फैमिली पर तंज कसते हुए राउत ने कहा कि हमारे शुगर और एजुकेशन से जुड़े संस्थान नहीं हैं। हमारे पास वसंत दादा शुगर इंस्टिट्यूट नहीं है। बता दें कि राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे ने भी अलग-अलग बयानों में साथ आने के संकेत दिए थे। दोनों का कहना था कि उनके लिए महाराष्ट्र और मराठी का हित पहले है। उद्धव ठाकरे का कहना था कि हम महाराष्ट्र के हित में साथ काम करने के लिए तैयार हैं।