Ahoi Ashtami tara time:इस दिन सब्जी आदि नहीं काटनी चाहिए और चाकू का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। इसके अलावा इस व्रत में स्याऊ माता की कहानी है, तो इस दिन गाय के दूध का सेवन नहीं करना चाहिए। शाम व्रत खोलने के लिए तारों को अर्घ्य दिया जाता है। जानें किस समय निकलेंगे तारे और क्या विधि
Ahoi ashtami 2024 muhurat: अहोई अष्टमी का व्रत सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक निर्जला रखा जाता है। इस व्रत में अन्न-जल ग्रहण नहीं किया जाता है। शाम को तारों या चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत पारण करते हैं।
Ahoi ashtami vrat 2024 today taron ka time : अहोई अष्टमी का व्रत कैसे रखा जाता है, सुबह की पूजा से लेकर शाम तक का संपूर्ण विधि और कथा पढ़ने का टाइम से लेकर तारों का टाइम भी यहां जानें
अहोई अष्टमी एक बहुत ही महत्वपूर्ण त्योहार है। हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक माह में अहोई अष्टमी मनाई जाती है। इस बार यह व्रत 24 अक्टूबर को पड़ रही है। माताएं अपनी संतान के अच्छे स्वास्थ्य और लंबी आयु के लिए यह व्रत करती हैं।
अहोई अष्टमी के दिन ब्रज में मौजूद राधाकुंड में स्नान का बहुत अधिक महत्व है। पौराणिक मान्यता है कि राधा जी ने उक्त कुंड को अपने कंगन से खोदा था इसलिए इसे कंगन कुंड भी कहा जाता है।
Ahoi Ashtami 2024 muhurat : अहोई अष्टमी के दिन मां पार्वती के स्वरूप अहोई माता की आराधना की जाती है। इस व्रत का पारण तारों के निकलने के बाद किया जाता है। वहीं, इस व्रत में पूजा के दौरान 7 प्रकार के अनाज भी रखे जाते हैं।
Ahoi Ashtami date Timingsअहोई अष्टमी का व्रत करवा चौथ के 4 दिन बाद रखा जाता है। इसलिए 24 अक्टूबर को माताएं यह व्रत करेंगी। इस साल कार्तिक मास, कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर अहोई अष्टमी मनाई जाएगी। इस दिन माताएं अपनी संतान की लंबी उम्र और तरक्की के लिए व्रत रखकर शाम में पूजन करती हैं।
इस बार अहोई अष्टमी का पर्व 24अक्टूबर को मनाया जाएगा। कार्तिक कृष्ण पक्ष की अष्टमी को माताएं अपनी संतान की दीर्घायु व सुख समृद्धि के लिए पूजा अर्चना कर उपवास करेंगी। इस दिन शाम के समय अहोई माता की तस्वीर के सामने विधि विधान से पूजा अर्चना करनी चाहिए।
Ahoi Ashtami puja and moonrise time होई अष्टमी आमतौर पर करवा चौथ के चार दिन बाद और दिवाली से आठ दिन पहले मनाई जाती है। संतान की लंबी आयु के लिए अहोई अष्टमी व्रत किया जाता है। यह व्रत कार्तिक मास की अष्टमी को किया जाता है।
Ahoi Ashtami Time : अहोई अष्टमी पर महिलाएं बिना अन्न व जल ग्रहण कर उपवास करती हैं। इस व्रत में कथा सुनने के बाद शाम के समय महिलाएं तारों को अर्घ्य देती हैं और अपनी सास आदि को बायना देकर व्रत संपूर्ण करती हैं।
हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक माह में अहोई अष्टमी मनाई जाती है। अहोई माता को मां पार्वती के रूप में पूजा जाता है। मां प्रेम, करुणा और शक्ति का प्रतीक हैं। इस दिन अहोई माता की आरती जरूर करें।
Ahoi Ashtamiअहोई अष्टमी के दिन निर्जला व्रत संतान की लंबी आयुके लिए रखा जाता है। इस साल यह व्रत 24 अक्टूबर को रखा जा रहा है। आइए जानें इस व्रत के लिए क्या-क्या जरूरी है।