Notification Icon
Hindi Newsराजस्थान न्यूज़Rajya Sabha elections: Preparations to shift Haryana Congress MLAs to Jaipur

हरियाणा के 30 विधायकों को किया जा सकता है जयपुर शिफ्ट, जानें कांग्रेस का 'प्लान'

कांग्रेस ने हरियाणा के अपने 30 विधायकों को जयपुर शिफ्ट करने की तैयारी कर ली है। इन विधायकों को आज रात तक जयपुर शिफ्ट किया जा सकता है। हरियाणा में कार्तिकेय शर्मा के चुनाव लड़ने से जंग रोचक हो गई है।

Prem Narayan Meena लाइव हिंदुस्तान, जयपुरWed, 1 June 2022 04:51 AM
share Share

कांग्रेस ने हरियाणा के अपने 30 विधायकों को जयपुर शिफ्ट करने की तैयारी कर ली है। इन विधायकों को आज रात तक जयपुर शिफ्ट किया जा सकता है। हरियाणा में कार्तिकेय शर्मा के निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतरने से सियासी जंग रोचक हो गई है। कांग्रेस ने राजस्थान की प्रदेश प्रभारी अजय माकन को हरियाणा से उम्मीदवार बनाया है। इस चुनाव में बड़ा खेल होने का अनुमाना लगाया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि जजपा ने कार्तिकेय शर्मा को समर्थन देने की घोषणा की है। ऐसे में कांग्रेस अपने विधायकों की खरीद-फरोख्त से डरी है। कार्तिकेय शर्मा इस चुनाव में अजय माकन का खेल बिगाड़ सकती है। हालांकि, हरियाणा कांग्रेस के विधायकों को कहां रोका जाएगा इसके बारे में अभी कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। 

तोड़फोड़ से बचाने की कवायद 

राज्यसभा चुनाव में किसी भी तरह की राजनीतिक तोड़फोड़ से बचाने के लिए हरियाणा कांग्रेस के विधायकों को बाड़ेबंदी में जयपुर लाने की तैयारियां हो रही है। चर्चा है कि कांग्रेस के 30 विधायकों को जयपुर विशेष विमान से लाया जाएगा। बता दें कि हरियाणा से कांग्रेस पार्टी ने राजस्थान के प्रभारी अजय माकन को कैंडिडेट बनाया है। वही विवेक बंसल भी राजस्थान के सह प्रभारी रह चुके हैं। ये दोनों ही नेता राजस्थान में जितनी भी बाड़ेबंदियां गहलोत के इस कार्यकाल में हुई हैं उनमें भी मौजूद रहे। ऐसे में राजस्थान ही बाडाबंदी के लिए सबसे महफूज़ जगह लग रही है। विधायकों के साथ राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी और हरियाणा के कांग्रेस कैंडिडेट अजय माकन, हरियाणा के प्रभारी विवेक बंसल और दीपेंद्र सिंह हुड्डा भी जयपुर आ सकते हैं। 

गहलोत सरकार में पहले भी कई बार हुई सफल बाड़ाबंदी 

कांग्रेस के लिहाज से अगर देखा जाए तो प्रत्याशियों को जोड़-तोड़ की राजनीति से बचाने के लिए राजस्थान सबसे सुरक्षित राज्य माना जाता है। छत्तीसगढ़ और राजस्थान की तुलना की जाए तो राजस्थान कई मायनों में ज्यादा सुरक्षित है। सीएम अशोक गहलोत राजनीति के माहिर खिलाड़ी माने जाते हैं। गहलोत को संकटों से उबरने का लंबा अनुभव है। गहलो सरकार में पहले भी बाड़ेबंदी हुई है। पायलट गुट के समय की बाड़ाबंदी सबसे चर्चित बाड़ेबंदी रही थी। महाराष्ट्र का सियासी संकट हो या फिर असम विधानसभा चुनाव। कांग्रेस के विधायकों एवं प्रत्याशियों की बाड़ेबदी राजस्थान में की गई थी। एक बार फिर से राजस्थान सियासी बाड़ेबंदी का गवाह बन सकता है। 

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें