Notification Icon
Hindi Newsराजस्थान न्यूज़Bhajanlal government changed the name of Ashok Gehlot Chief Minister Bal Gopal Doodh Yojana

अशोक गहलोत की इस योजना का बदला नाम, आदेश जारी

  • राजस्थान में भजनलाल सरकार द्वारा गहलोत की योजनाओं का नाम बदलने का सिलसिला जारी है। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में कक्षा 8 तक के छात्रों को पाउडर मिल्क उपलब्ध कराने वाली मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना का नाम बदलकर 'पन्नाधाय बाल गोपाल' योजना किया गया है।

Prem Narayan Meena लाइव हिन्दुस्तानFri, 6 Sep 2024 07:08 AM
share Share

राजस्थान में भजनलाल सरकार द्वारा गहलोत की योजनाओं का नाम बदलने का सिलसिला जारी है। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में कक्षा 8 तक के छात्रों को पाउडर मिल्क उपलब्ध कराने वाली मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना का नाम बदलकर 'पन्नाधाय बाल गोपाल' योजना किया गया है। मिड डे मील योजना आयुक्त विश्व मोहन शर्मा की ओर से जारी आदेश में योजना के नए नाम का उपयोग किए जाने के निर्देश दिए गए है। हालांकि शेष प्रावधान ज्यों के त्यों रहेंगे।

पहले राजीव गांधी स्कॉलरशिप योजना का नाम बदलकर विवेकानंद स्कॉलरशिप फॉर एकेडमिक एक्सीलेंस योजना किया गया। फिर इंदिरा रसोई योजना का नाम बदलकर अन्नपूर्णा रसोई योजना किया गया. इसके बाद मुख्यमंत्री वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना का नाम बदलकर पंडित दीनदयाल उपाध्याय वरिष्ठ नागरिक तीर्थ योजना किया गया और अब बीजेपी सरकार ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना का नाम बदलकर पन्नाधाय बाल गोपाल योजना कर दिया है।

मिड डे मील योजना की आयुक्त विश्व मोहन शर्मा ने इस संबंध में आदेश जारी किए हैं। उन्होंने अपने आदेशों में स्पष्ट किया है कि स्कूलों में प्री प्राइमरी से कक्षा 8 तक के विद्यार्थियों को पाउडर मिल्क से तैयार दूध उपलब्ध कराया जाता है, जो अब तक मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना के नाम से जाना जाता था, लेकिन अब इस योजना का नाम परिवर्तित करके पन्नाधाय बाल गोपाल योजना करने का फैसला लिया गया है। भविष्य में इस योजना से जुड़े सभी पत्राचार में पन्नाध्याय बाल गोपाल योजना का नाम ही प्रयोग किया जाएगा। फिलहाल योजना के बाकी प्रावधानों को यथावत रखा गया है।

हालांकि बीते दिनों प्रदेश के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने बाल गोपाल योजना में संशोधन करते हुए छात्रों को दूध के बजाय मिलेट्स यानी मोटा अनाज दिए जाने पर मंथन करने की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि कुछ छात्रों को पाउडर का दूध पीना पसंद नहीं है। ऐसे में विभाग छात्रों को उचित पोषण देने के लिए पीने के बजाय खाने के विकल्प के बारे में सोच रहा है। लेकिन मिड डे मील आयोग की ओर से निकाले गए आदेशों में फिलहाल पुराने प्रावधानों के तहत ही स्कूलों में पाउडर मिल्क मिलता रहेगा। यानी कक्षा 1 से 5 तक के छात्रों को 15 ग्राम पाउडर से तैयार 150 एमएल दूध और कक्षा 6 से 8 तक के छात्रों के लिए 20 ग्राम पाउडर दूध से तैयार 200 एमएल दूध उपलब्ध कराया जाएगा।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें