फर्ज निभाते हुए कुर्बान हुआ पंजाब का लाल, जम्मू में अग्निवीर आकाशदीप शहीद, गांव में पसरा मातम
अग्निवीर आकाशदीप सिंह सिख रेजिमेंट में सेवाएं दे रहे थे और उनकी तैनाती जम्मू में थी। वे 20 अप्रैल को छुट्टियां पूरी कर ड्यूटी पर वापस लौटे थे।

पंजाब का एक और अग्निवीर जवान जम्मू कश्मीर में शहीद हो गया है। फरीदकोट के अग्निवीर आकाशदीप सिंह जम्मू कश्मीर में सिर पर गोली लगने से शहीद हो गए। वह जिले के गांव कोठे चहल का रहने वाले थे। इस खबर से इलाके में शोक की लहर दौड़ गई है। आकाशदीप का पार्थिव शरीर शुक्रवार को गांव में पहुंचेगा, जिसके बाद अंतिम संस्कार किया जाएगा। 22 साल का आकाशदीप सिंह दो साल पहले अग्निवीर सेना में भर्ती हुए थे।
सिख रेजिमेंट में तैनात थे आकाशदीप
आकाशदीप सिंह सिख रेजिमेंट में तैनात थे और उसकी पोस्टिंग जम्मू में थी। वह 20 अप्रैल को अपनी छुट्टियां काटकर वापस गए थे। कल शाम उसने अपनी मां से फोन पर बात की थी और आज सुबह उसके शहीद होने की खबर परिवार को मिली। पिता बलविंदर सिंह ने बताया कि गुरुवार सुबह उनके बेटे आकाशदीप सिंह के शहीद होने की सूचना मिली। उन्हें बताया गया कि सिर में गोली लगने से आकाशदीप सिंह की जान चली गई।
विधानसभा स्पीकर ने दुख जताया
पंजाब विधानसभा के स्पीकर कुलतार सिंह संधवां ने आकाशदीप सिंह की शहादत पर नमन करते हुए परिवार के साथ दुख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि आकाशदीप के पिता बलविंदर सिंह उनके पुराने साथी हैं और इस दुख की घड़ी में वह उनके साथ खड़े हैं। उन्होंने कहा कि वे परमात्मा के चरणों में प्रार्थना करते हैं कि वे बलविंदर सिंह और पूरे परिवार को इस दुःख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें।
परिवार को एक करोड़ रुपए, परिवार के एक सदस्य को नौकरी
पंजाब सरकार ने अग्निवीरों के लिए विशेष योजना बनाई है। इसके तहत शहीद अग्निवीरों के परिवार को एक करोड़ रुपए और परिवार के एक सदस्य को नौकरी का प्रावधान है। इस नीति के तहत पंजाब सरकार शहादत पाने वाले कई अग्निवीरों को यह मदद दे चुकी है। पंजाब के मुख्यमंत्री अग्निवीर योजना के विरोध में हैं। उनका कहना है कि यह बहादुर सैनिकों के योगदान का निरादर है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह योजना देश के नौजवानों का शोषण है क्योंकि उन्हें छोटी उम्र में थोड़े समय की नौकरी करने के बाद बिना किसी वित्तीय सुरक्षा के वापस घर भेज दिया जाता है। इस योजना को देश के हित में तुरंत वापस लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र की सत्ता पर काबिज लोगों को इन शहीदों के परिवारों के साथ कोई हमदर्दी नहीं है, जिस कारण वह इन शहीदों के परिवारों की भलाई की कभी चिंता नहीं करते।
रिपोर्ट: मोनी देवी
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