शंभू बार्डर पर खुदकुशी करने वाले के परिवार को मिलेंगे 5 लाख, सरकारी नौकरी भी; पंजाब सरकार का ऐलान
- 14 दिसंबर को शंभू बॉर्डर से दिल्ली कूच करने वाले किसानों के जत्थे में शामिल जहर खाने वाले 57 साल के रणजोध सिंह की 18 दिसंबर को मौत हो गई थी। तीन दिन से वह पटियाला के राजिंदरा हॉस्पिटल में भर्ती था।
शंभू बार्डर पर सल्फास निगलकर खुदकुशी करने वाले पंजाब के लुधियाना जिले के रतनहेड़ी गांव के रहने वाले रणजोध सिंह के परिवार को पंजाब सरकार ने पांच लाख रुपए की आर्थिक मदद देने की घोषणा की है। साथ ही परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का भी भरोसा दिया है। पंजाब सरकार के इस अश्वासन के बाद मृतक का उसके पैतृक गांव में अंतिम संस्कार कर दिया गया। 14 दिसंबर को शंभू बॉर्डर से दिल्ली कूच करने वाले किसानों के जत्थे में शामिल जहर खाने वाले 57 साल के रणजोध सिंह की 18 दिसंबर को मौत हो गई थी। तीन दिन से वह पटियाला के राजिंदरा हॉस्पिटल में भर्ती था। उसके परिवार में मां, पत्नी, बेटा और एक बेटी हैं। बेटी की शादी हो चुकी है। वह लम्बे समय से किसान आंदोलन से जुड़ा हुआ था। रणजोध सिंह को अपनी बहन की शादी और घर बनाने के लिए अपनी जमीन बेचनी पड़ी थी। इसके बाद भाई की गंभीर बीमारी के कारण कर्ज लेना पड़ा। उस पर 7 लाख का कर्जा था।
शंभू बॉर्डर पर लाया गया शव
शंभू बॉर्डर पर इस खुदकुशी के बाद प्रदर्शनकारी किसानों का आक्रोश और बढ़ गया था। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने मृतक रणजोध सिंह के परिवार को 25 लाख रुपये की वित्तीय सहायता, एक पारिवारिक सदस्य को योग्यता के मुताबिक सरकारी नौकरी दिए जाने और उक्त परिवार का सरकारी व गैर सरकारी कर्ज माफ किए जाने की मांग सरकार से की थी। आज रणजोध सिंह का शव शंभू बॉर्डर पर लाया गया था। अंतिम दर्शनों के बाद उसके परिजनों को शव सौंप दिया गया और पैतृक गांव में उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया।
मां से कह कर गया-इस बार जीत कर लौटूंगा
पिछले किसान आंदोलन में भी रणजोध सक्रिय था। रणजोध की मां तेज कौर ने बताया है कि 8 दिसंबर को वह शंभू बॉर्डर पर गया था। वह कहता था कि उसने दिल्ली कूच करने वाले जत्थे में अपना नाम लिखवा दिया है। वह इस बार दिल्ली जाकर ही मानेगा और सरकार से अपनी बात मनवा कर ही लौटेगा। 14 दिसम्बर को पुलिस ने दिल्ली जा रहे जत्थे को रोक लिया था। इसी दौरान रणजोध ने सल्फास खा ली। गंभीर हालत में किसानों ने उसे पटियाला अस्पताल में पहुंचाया था।
रिपोर्ट: मोनी देवी
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