आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी की शुरुआत 1998 में हुई। टूर्नामेंट के पहले संस्करण में भारतीय टीम की कप्तानी मोहम्मद अजहरुद्दीन ने की। अजहरुद्दीन के नेतृत्व में भारत ने सेमीफाइनल तक का सफर तय किया था, जहां वेस्टइंडीज के हाथों हार मिली।
चैंपियंस ट्रॉफी का दूसरा संस्करण साल 2000 में हुआ, जिसमें सौरव गांगुली ने कमान संभाली। भारत को फाइनल में न्यूजीलैंड ने हाराया। उन्होंने 2002 में टूर्नामेंट में कप्तानी की, जिसमें भारत और श्रीलंका को संयुक्त विजेता घोषित किया। बारिश के कारण फाइनल नहीं हुआ था। गांगुली ने 2004 में भी बागडोर संभाली लेकिन भारत सेमीफाइनल में नहीं पहुंचा। गांगुली एकमात्र भारतीय कप्तान हैं, जिन्हें चैंपियंस ट्रॉफी के तीन संस्करण में नेतृत्व करने का गोल्डन चांस मिला।
पूर्व दिग्गज बल्लेबाज राहुल द्रविड़ ने 2006 में चैंपियंस ट्रॉफी में टीम इंडिया की कप्तानी की थी। टूर्नामेंट का पांचवां सीजन भारतीय सरजमीं पर आयोजित हुआ था। हालांकि, भारत सेमीफाइनल में नहीं पहुंचा था।
पूर्व भारतीय कप्तान एमएस धोनी को डबल चांस मिला। उन्होंने 2009 में चैंपियंस ट्रॉफी में कमान संभाली लेकिन भारतीय टीम अंतिम चार में जगह बनाने में कामयाब नहीं रही। हालांकि, धोनी की अगुवाई में भारत ने 2013 में कमाल कर दिया। भारतीय टीम ने सातवें संस्करण में इंग्लैंड को हराकर खिताब जीता।
स्टार क्रिकेटर विराट कोहली को चैंपियंस ट्रॉफी में सिर्फ एक बार कप्तानी करने का मौका मिला। उन्होंने 2017 में टूर्नामेंट में भारत की बागडोर संभाली लेकिन ट्रॉफी से चूक गए। भारत को तब फाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ 180 रनों से हार झेलनी पड़ी थी।
रोहित आगामी चैंपियंस ट्रॉफी में भारतीय टीम की अगुवाई करेंगे। वह टूर्नामेंट में भारत की कप्तानी करने वाले छठे कप्तान होंगे। पाकिस्तान चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का मेजबान है लेकिन भारत हाइब्रिड मॉडल के तहत अपने सभी मैच दुबई में खेलेगा। ग्रुप ए का हिस्सा भारत 20 फरवरी को अपना अभियान बांग्लदेश के खिलाफ शुरू करेगा। रोहित ब्रिगेड 23 फरवरी को पाकिस्तान से टकराएगी। भारत का आखिरी लीग मैच दो मार्च को न्यूजीलैंड से है।