यूपी बोर्ड : हाईस्कूल व इंटर में लेखक चाहिए तो थर्ड डिवीजन पास छात्र लाएं
Bulandsehar News - यूपी बोर्ड की परीक्षाओं में छात्रों के लिए लेखक की आवश्यकता बड़ी समस्या बन गई है। छात्रों को ऐसे लेखक की तलाश है, जिनके अंक 45 फीसदी से कम हों। यह नियम बोर्ड के द्वारा लागू किया गया है, और सत्यापन के...

बुलंदशहर। यूपी बोर्ड की परीक्षाओं में लेखक लेने वाले छात्रों के सामने बड़ी समस्या खड़ी हो गई है। हाईस्कूल व इंटरमीडिएट में जिन छात्रों को लेखक चाहिए वह थर्ड डिग्री से पास छात्र को ही लेखक बना सकेंगे। विभाग सत्यापन के बाद ही परीक्षार्थियों को लेखक लाने की अनुमति देगा। हालांकि काफी छात्रों को लेखक मिल गए हैं, शनिवार को लेखक छात्र का सत्यापन कराने के लिए काफी छात्र डीआईओएस कार्यालय पर पहुंचे। नियमानुसार छात्र थर्ड डिग्री से पास होने वाले छात्रों को ढूढ रहे हैं। लेखक छात्र के अंतिम परीक्षा में 45 फीसदी अंक होने चाहिए, तभी वह छात्र के साथ परीक्षा में आ सकेगा। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद हाईस्कूलव इंटरमीडिएट की परीक्षाएं सोमवार 24 फरवरी से आरंभ हो रही हैं। जिन परीक्षार्थियों के हाथों में चोट है या फिर वह हाथ से दिव्यांग हैं तो उन्हें लेखक ले जाने की अनुमति होगी। बोर्ड ने परीक्षार्थियों के सामने ऐसी शर्त रख दी है कि वह परेशानी में हैं। बताया गया कि लेखक छात्र के अंतिम कक्षा में 45 फीसदी से नीचे अंक होने चाहिए, तभी वह परीक्षा में शामिल हो सकेगा। हाईस्कूल के छात्र को कक्षा नौ व इंटरमीडिएट के छात्र को 11वीं का लेखक मिलेगा। छात्र अब कम अंक वाले परीक्षार्थियों को तलाश कर रहे हैं, जिससे वह उन्हें लेखक बना सकें।
-----
जिले में करीब 50 परीक्षार्थी
जिले में करीब ऐसे 50 परीक्षार्थी हैं जिन्हें लेखक की जरूरत होगी। हालांकि इनकी संख्या कम भी हो सकती है। बोर्ड की गाइड लाइन के अनुसार लेखक संबंधित परीक्षार्थी के साथ परीक्षा कक्ष में बैठेगा और परीक्षार्थी उसे बताएगा फिर वह लिखेगा। बोर्ड के अनुसार परीक्षार्थी के अंक कम होने चाहिए, जो छात्र लेखक बनेगा उसके रिजल्ट भी संबंधित स्कूल से सत्यापन होगा और जांच पड़ताल के बाद ही लेखक बनने दिया जाएगा। डीआईओएस ने बताया कि बोर्ड से आदेश आए हैं परीक्षार्थी ऐसे की लेखक की तलाश करें, अन्यथा उन्हें परीक्षा में शामिल नहीं होने दिया जाएगा।
----
नहीं मिल रहे 45 फीसदी अंक वाले लेखक
हाथों से दिव्यांग परीक्षार्थियों को कम अंक वाले लेखक नहीं मिल रहे हैं। अब सैकेंड डिवीजन पास छात्रों की संख्या ज्यादा है। कक्षा नौ व 11 वीं में छात्रों को अच्छे अंक मिलते हैं। यूपी बोर्ड ने जब से मॉडरेशन नीति लागू कि है तभी से लगभग छात्र द्वितीय श्रेणी से पास हो रहे हैं। परीक्षार्थियों की मानें तो वह लेखक को तलाश कर रहे हैं, हालांकि उन्हें लेखक मिल गए हैं और स्कूल से सत्यापन हो गया है। दो कक्षाओं से नीचे भी लेखक छात्र का चयन हो सकता है। हालांकि उसके नंबर 45 फीसदी से अधिक हो सकते हैं।
---
कोट ---
लेखक छात्र के 45 फीसदी नीचे से अंक होने चाहिए। ऊंची कक्षाओं में लेखक छात्र नहीं होना चाहिए। जिन छात्रों के आवेदन आए हैं उन्हें लेखक दे दिए हैं। इसमें बोर्ड की गाइड लाइन का पालन किया गया है। स्कूलों के प्रधानाचार्य नियमानुसार ही लेखक छात्र का चयन कर रिपोर्ट दी है, जिसके आधार पर विभाग ने अनुमति दी है।
-विनय कुमार, डीआईओएस
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।