यूक्रेन को जहां इस भीषण संग्राम में बहुत नुकसान झेलना पड़ा, वहीं रूस को बड़ी तादाद में अपने सैनिक गंवाने पड़े। यूक्रेन के अधिकांश इलाके श्मशान घाट बन चुके हैं।
रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि उसके सैनिकों ने पूर्वी डोनेट्स्क क्षेत्र में यूक्रेनी गांव यंतर्ने और उत्तरपूर्वी खार्किव क्षेत्र में कलिनोवे गांव पर कब्जा कर लिया है।
स्थानीय सैन्य प्रशासन के अनुसार, रूसी गोलाबारी ने दक्षिणी यूक्रेन के खेरसॉन क्षेत्र में बिजली के उपकरणों को नुकसान पहुंचाया, जिससे लगभग 23,000 घरों की बिजली गुल हो गई।
खेरसॉन के गवर्नर ओलेक्सांद्र प्रोकुडिन ने टेलीग्राम पर कहा, "रूसी सेना ने क्षेत्र की बस्तियों के सामाजिक बुनियादी ढांचे और आवासीय क्षेत्रों पर गोलाबारी की। विशेष रूप से 2 बहुमंजिला इमारतों और 8 निजी घरों को नुकसान पहुंचाया।"
रूस के रक्षा मंत्रालय ने यह भी कहा कि उसके बलों ने 24 घंटे के भीतर यूक्रेनी सैन्य ठिकानों पर 139 मिसाइल, ड्रोन और तोपखाने से हमले किए।
यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने कहा कि वह रूस द्वारा बंदी बनाए गए यूक्रेनी युद्धबंदियों की वापसी के बदले में पकड़े गए उत्तर कोरियाई सैनिकों को प्योंगयांग को सौंपने के लिए तैयार हैं।
यूक्रेनी नेता ने कहा कि युद्ध में "निस्संदेह और भी" उत्तर कोरियाई सैनिक पकड़े जाएंगे। लेकिन अगर रूस हमारे युद्ध बंदी सैनिकों को छोड़ने के लिए तैयार होता है तो हम कोरियाई सैनिकों को आजाद कर सकते हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि अमेरिका ने रूस पर बड़े पैमाने पर प्रतिबंध लगाए हैं ताकि यूक्रेन को अपनी स्वतंत्रता बनाए रखने और मॉस्को के खिलाफ लड़ने में मदद मिल सके।
डोनाल्ड ट्रंप को कमान सौंपने से दस दिन पहले, बाइडन प्रशासन ने उन कंपनियों और संस्थाओं पर प्रतिबंध लगा दिए जो ऊर्जा, खास तौर पर गैस के निर्यात में रूस की मदद करती हैं। इनमें से दो कंपनियां भारत की हैं।
प्रतिबंध से संबंधित सूची में कहा गया है कि दो भारतीय कंपनियों ‘स्काईहार्ट मैनेजमेंट सर्विसेज’ और ‘एविजन मैनेजमेंट सर्विसेज’ पर पाबंदी लगाई गई है।