पाकिस्तान, सीरिया, लेबनान, फिलिस्तीन जैसे देशों में आत्महत्या की दर बहुत कम है।
अकसर इजरायल के साथ जंग और गरीबी की मार झेलने वाला फिलिस्तीन तो आत्महत्या के मामलों में सबसे अच्छी स्थिति में हैं। यहां 2021 में प्रति एक लाख में आत्महत्या का आंकड़ा महज 0.78 ही था।
इसी तरह गृह युद्ध और तख्तापलट जैसे संघर्षों को झेल रहे सीरिया में भी यह आंकड़ा 0.89 प्रति लाख ही है।
मुस्लिम बहुल और इजरायल के पड़ोसी मुल्क लेबनान में यह आंकड़ा 0.94 प्रति लाख है।
मुस्लिम बहुल और इजरायल के पड़ोसी मुल्क लेबनान में यह आंकड़ा 0.94 प्रति लाख है।
दुनिया में मुस्लिमों की सबसे बड़ी आबादी वाले देश इंडोनेशिया में आत्महत्या की दर एक लाख में 1.64 है।
अफगानिस्तान में यह आंकड़ा प्रति लाख 4.1 ही है।
भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान में आत्महत्या की दर प्रति एक लाख पर 5.82 ही है।
दरअसल इस्लामिक मुल्कों में आत्महत्या की दर कम होने की वजह यह है कि इस्लाम में खुदकुशी को हराम माना गया है।
वहीं दुनिया के अमीर और विकसित देशों में शुमार स्वीडन, बेल्जियम औऱ ग्रीनलैंड जैसे देशों में सुसाइड रेट अधिक है। इसका कारण यह है कि वहां इच्छा मृत्यु की कानूनी वैधता है। इसके अलावा अधिक सुखी लोग जीवन के कुछ झंझावातों में आने पर ही जान देने तक की नौबत पर आ जाते हैं।