हिंदू धर्म में तुलसी पूजनीय है। मान्यता है कि नियमित रूप से तुलसी पूजन करने से जीवन में खुशियों का आगमन होता है। तुलसी का धार्मिक व वैज्ञानिक दोनों महत्व है। तुलसी का सेवन शरीर के लिए लाभकारी होता है। तुलसी का पौधा हरा-भरा रहता है तो लाभकारी होता है, लेकिन सूखने के बाद भी इसका प्रयोग किया जा सकता है। कई बार लोग तुलसी का पौधा सूखने के बाद इसे फेंक देते हैं, लेकिन ऐसा करना अशुभ माना गया है। जानें तुलसी का पौधा सूख जाए तो क्या करना चाहिए।
अगर तुलसी सूख जाए तो इसका प्रयोग हवन में कर सकते हैं। तुलसी में कई एंटीबैक्टीरियल गुण भी पाए जाते हैं। इसे जलाने से घर में कीटाणु खत्म होते हैं और पॉजिटिव एनर्जी का संचार होता है।
अगर आपके घर में लगा हुआ तुलसी का पौधा सूख गया है तो आप सूखे हुए पौधे से नया पौधा भी उगा सकते हैं। आप दूसरे गमले में मंजरियों यानी तुलसी के बीज को डाल दें और समय-समय पर पानी दें। जल्द ही गमले में नया तुलसी का पौधा उग आएगा।
अगर तुलसी सूख जाए तो इसकी लकड़ी का प्रयोग कई तरह से किया जा सकता है। तुलसी की लकड़ी को नहाने के पानी में डालकर स्नान करने से जीवन में सकारात्मकता आती है और नेगेटिविटी से छुटकारा मिलता है।
वास्तु के अनुसार, तुलसी का पौधा सूर्यग्रहण, पूर्णिमा, अमावस्या, एकादशी, रविवार, सूतक या पितृपक्ष के दौरान नहीं उखाड़ना चाहिए। इसके अलावा आप किसी भी दिन सूखे हुए तुलसी के पौधे को उखाड़ सकते हैं।
तुलसी का पौधा लगाने के लिए गुरुवार का दिन सबसे उत्तम माना गया है। ध्यान रहे कि रविवार और एकादशी के दिन तुलसी पर जल नहीं अर्पित करना चाहिए और न ही पत्ते तोड़ने चाहिए।
सूखी तुलसी की जड़ को निकाल लें और इसे धोकर साफ कर लें। अब किसी लाल या पीले कपड़े में बांधकर इसे प्रवेश द्वार पर टांग सकते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और मां लक्ष्मी का घर पर स्थाई वास होता है।