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एनआईए ने PFI सदस्य को सौंपी FIR की कॉपी, गिरफ्तारी का कारण जानने को हाईकोर्ट पहुंचा था शख्स

कट्टरपंथी इस्लामी संगठन पर 28 सितंबर को लगाए गए बैन से पहले बड़े पैमाने पर छापेमारी के दौरान कई राज्यों में बड़ी संख्या में कथित पीएफआई सदस्यों को हिरासत में लिया गया था या गिरफ्तार किया गया था।

Praveen Sharma नई दिल्ली | पीटीआई, Mon, 10 Oct 2022 04:24 PM
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दिल्ली हाईकोर्ट को सोमवार को बताया गया कि पीएफआई पर बैन लगाने से पहले बड़े पैमाने पर कार्रवाई के दौरान गिरफ्तार किए गए एक व्यक्ति को एफआईआर और गिरफ्तारी मेमो की कॉपी उपब्ध करा दी गई हैं। आरोपी अपनी गिरफ्तारी का कारण बताए जाने की मांग कर रहा था।

पीएफआई के कथित कार्यकर्ता ने हाईकोर्ट का रुख किया था और अब बैन किए जा चुके संगठन के सदस्यों के खिलाफ दर्ज एफआईआर, उनमें से प्रत्येक की गिरफ्तारी का कारण बताए जाने और हिरासत में आरोपियों से पूछताछ के लिए एनआईए द्वारा दायर रिमांड आवेदनों की कॉपी मांगी थी।

जस्टिस अनूप कुमार मेंदीरत्ता ने मामले में अगली सुनवाई के लिए 11 नवंबर की तारीख निर्धारित की क्योंकि आरोपी के वकील ने कहा कि मामला आज बाद में निचली अदालत के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है तथा उन्हें उम्मीद है कि उनके मुवक्किल को रिमांड आवेदन प्रदान किया जाएगा क्योंकि उसकी एनआईए हिरासत समाप्त होने की संभावना है।

सख्त आतंकवाद रोधी कानून गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत दर्ज मामले में 22 सितंबर को चेन्नई से गिरफ्तार किए गए मोहम्मद यूसुफ के वकील ने हाईकोर्ट को यह भी बताया कि याचिका दायर करने के बाद उन्हें एफआईआर की एक कॉपी मिली है तथा आरोपी को एनआईए के रिमांड आवेदन से उसकी गिरफ्तारी के कारणों का पता चल जाएगा।

यूसुफ की ओर से पेश हुए वकील अदित पुजारी ने दलीलों के दौरान कहा कि जब हम अपने खिलाफ मामला नहीं जानते हैं तो हम जमानत अर्जी कैसे देंगे?

एनआईए के वकील ने कहा कि गिरफ्तारी के आधार का भी एफआईआर में उल्लेख किया गया है। उन्होंने रिमांड आवेदन की प्रति के लिए आरोपी के आवेदन का विरोध किया। उन्होंने कहा कि रिमांड आवेदन में वह चीज भी शामिल है जिसकी एजेंसी जांच कर रही है और अगर इसकी प्रति आरोपी को दी जाती है, तो इससे एनआईए का मामला प्रभावित होगा।

कट्टरपंथी इस्लामी संगठन पर 28 सितंबर को लगाए गए राष्ट्रव्यापी प्रतिबंध से पहले बड़े पैमाने पर छापेमारी के दौरान कई राज्यों में बड़ी संख्या में कथित पीएफआई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया था या गिरफ्तार किया गया था। 

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