दिल्ली में प्रदूषण फैलाने वाली इकाइयों पर एक्शन, DPCC ने 5 को किया सील; 52 लाख का जुर्माना लगाया
दिल्ली में प्रदूषण फैलाने वाली इकाइयों पर दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति ने सख्त एक्शन लिया है। समिति ने पांच को सील कर दिया और इनपर 52 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है। यह कदम एक याचिका के बाद लिया।
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) एक्शन मोड में है। समिति ने चांदनी चौक में अवैध रूप से चल रही पांच इंडस्ट्रियल यूनिट्स के खिलाफ प्रदूषण फैलाने को लेकर कार्रवाई की है। इलेक्ट्रोप्लेटिंग का काम करने वाली इन यूनिट्स पर पर्यावरण क्षतिपूर्ति के तौर पर कुल 52 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। डीपीसीसी ने यह एक्शन चांदनी चौक के लाल कुआं में रहने वाले एक शख्स की शिकायत के बाद लिया है।
दरअसल, लाल कुआं में रहने वाले शख्स ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में इन इंडस्ट्रियल यूनिट्स द्वारा पैदा हो रहे प्रदूषण के संबंध में शिकायत दर्ज कराई थी, जिन्हें ऐस नॉन-कंफर्मिंग क्षेत्र में संचालित किया जा रहा है, जो ऐसी औद्योगिक गतिविधियों के लिए नहीं है। इलेक्ट्रोप्लेटिंग को रेड कैटेगरी के उद्योग के रूप में क्लासीफाइड (वर्गीकृत) किया गया है, जिसका मतलब है कि इसमें प्रदूषण पैदा करने की उच्च क्षमता है।
याचिका में कहा गया था कि ये यूनिट्स हाइड्रोक्लोरिक एसिड का उपयोग करके नट और बोल्ट धोने और चमकाने का काम कर रही थीं, जिससे पर्यावरण को नुकसान हो रहा है। 11 नवंबर को एनजीटी ने आरोपों की जांच के लिए डीपीसीसी को सदस्य के तौर पर शामिल करते हुए एक समिति बनाई। डीपीसीसी ने सोमवार को एनजीटी को बताया कि ऐसी 14 इकाइयों में से नौ खाली हैं। समिति ने कहा कि खाली यूनिट्स के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई और बाकी को सील कर दिया गया और उनके बिजली कनेक्शन काट दिए गए।
डीपीसीसी ने बताया कि चार यूनिट्स पर नॉन-कंफर्मिंग क्षेत्र में इलेक्ट्रोप्लेटिंग करने और बिना किसी प्रदूषण नियंत्रण उपकरण के संचालन करने के लिए 10-10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया। पांचवीं इकाई पर अन्य उल्लंघनों के अलावा अवैध रूप से भूजल निकालने के लिए 12 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया।
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