वरिष्ठ अधिवक्ता अपराजिता सिंह ने अदालत से कहा कि दिल्ली में भाजपा की सरकार बनने की तैयारियों के बीच उन्हें पूरी उम्मीद है कि अब यहां की सरकार और केंद्र सरकार के बीच टकराव नहीं होगा।
भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में करीब 99% आबादी ऐसी हवा में सांस ले रही है, जो विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) के मानकों पर खरी नहीं उतरती। वायु प्रदूषण के कारण हर साल करीब 70 लाख लोगों की असमय मौत हो जाती है।
दिल्ली वालों को पलूशन फिर परेशान कर सकता है। एकबार फिर दिल्ली में पलूशन बढ़ता नजर आ रहा है। दिल्ली के 17 इलाकों की हवा बेहद खराब श्रेणी में रिकॉर्ड की गई।
दिल्ली एनसीआर में ग्रैप-3 की पाबंदियां हटा दी गई हैं, क्योंकि बारिश के चलते राजधानी दिल्ली समेत आस-पास के हिस्सों में वायु गुणवत्ता सूचकांक में लगातार सुधार हो रहा है।
Delhi-NCR Grap 3 Revoked: दिल्ली में प्रदूषण का स्तर सुधरने के बाद ग्रैप तीन की पाबंदियां फिर हटा दी गई हैं।
ग्रैप की संशोधित अनुसूची की स्टेज-3 के तहत सभी पाबंदियों को दिल्ली-एनसीआर में तत्काल प्रभाव से लागू किया है, इसके अलावा चरण-I और II की कार्रवाइयां पहले से ही लागू हैं।
दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में सुधार आया है जिसके बाद ग्रैप तीन की पाबंदिया हटा दी गई हैं।
जानकारी के मुताबिक प्रदूषण का स्तर बढ़ने के साथ ही केन्द्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने ग्रैप तीन की पाबंदियां लगा दी है।
Delhi Air Pollution: दिल्ली में इस साल साफ हवा वाले दिनों की संख्या में पहले की तुलना में बढ़ोतरी हुई है, लेकिन प्रदूषक कणों की सघनता पहले से ज्यादा रही। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़े बताते हैं कि इस साल पीएम 10 और पीएम 2.5 कणों का औसत पिछले पांच साल में सबसे ज्यादा रहा।
Delhi Pollution: दिल्ली एनसीआर के इलाकों में बारिश के रुकते ही पलूशन की समस्या बढ़ती नजर आ रही है। दिल्ली में एक्यूआई एकबार फिर 300 के आंकड़े को पार कर गया है। आगे कैसे रहेंगे हालात जानने के लिए पढ़ें यह रिपोर्ट…