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DDA के प्रोजेक्ट में फ्लैट का सपना दिखाने वालों से सावधान, लैंड-पूलिंग पॉलिसी के नाम पर ठगी

DDA Land-Pooling Policy Fraud : जांच के दौरान खुलासा हुआ कि बिल्डर ने

Nishant Nandan एएनआई, नई दिल्लीTue, 9 Jan 2024 12:40 PM
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DDA Land-Pooling Policy Fraud : दिल्ली पुलिस ने DDA Land-Pooling Policy Fraud के मास्टरमाइंड को गिरफ्तार कर लिया है। 38 साल के इस चालबाज पर आऱोप है कि वो लोगों को डीडीए की अप्रूव्ड लैंड पूलिंग पॉलिसी के तहत विकिसत की गई जमीन देने का लालच देकर लोगों से पैसे ठग लेता था। वो घर खरीदने वाले को डीडीए के अप्रूव्ड योजना के तहत जमीन दिलाने का लालच देता था। दिल्ली सरकार के आर्थिक अपराध शाखा के अधिकारियों ने इस आरोपी को गिरफ्तार किया है। 

आर्थिक अपराध शाखा के मुताबिक, इस मामले में वैभव कुमार सिंह और अन्य लोगों द्वारा शिकायत मिली थी। द्वारका जिले की तरफ से यह शिकायतें EOW को मिली थीं। यह सभी शिकायतें डीडीए की लैंड पूलिंग पॉलिडी फ्रॉड से जुड़ी थी। शिकायतकर्ताओं ने आरोप लगाया था कि उन्हें Kamp Developers Pvt. Ltd के कर्मचारियों ने The Crystal Residency" और "Eden Height" प्रोजेक्ट में जमीन खरीदने के लिए कहा था। उन्हें बताया गया था कि यह प्रोजेक्ट द्वारका के एल-जोन में हैं। बताया गया था कि यह प्रोजेकट 10 एकड़ जमीन का है।

शिकायतकर्ताओं का कहना है कि Kamp Developers और उनके बीच एक एमओयू साइन किया गया था। सभी शिकायतकर्ताओं को इस बात विश्वास दिलाया गया था कि उन्हें साल 2019 में फ्लैट मिल जाएगा। उन्हें यह भी विकल्प दिया गया था कि एमओयू साइन करने के तीन साल बाद उन्हें पूरे पैसे 9 फीसदी वार्षिक ब्याज के आधार पर वापस मिल सकता है। 

इस MOU में पैसों, फ्लैट समेत अन्य बातों का विवरण दिया गया था और प्रति स्क्वायर फीट उनकी कीमत लिखी गई थी। जांच के दौरान खुलासा हुआ कि बिल्डर ने "The Crystal Residency" और "Eden Heights" नाम से दो प्रोजेक्ट शुरू किए और इसके तहत कोई भी विकास कार्य नहीं हुआ है। जांच के दौरान 30 और शिकायतें मिलीं और इन सभी शिकायतों की एक साथ जांच-पड़ताल शुरू की गई।

शिकायतकर्ताओं को बताया गया था कि Land Pooling Policy (LPP) को सरकार ने साल 2013 में सरकार द्वारा मंजूरी दी गई थी। इसमें कहा गया है कि इस नीति के तहत डीडीए किसी व्यक्ति, बिल्डरों के समूह से जमीन लेगा और फिर इसे विकसित कर उसे इसके मालिकों को लौटा देगा। 

जांच के दौरान यह भी पता चला कि डीडीए ने Kamp Developers Pvt Ltd को कोई भी लाइसेंस या अप्रूवल नहीं दिया है। आरोपी कंपनी ने कोई भी जमीन लैंड पूलिंग पॉलिसी के तहत डीडीए को नहीं दी थी। यह प्रोजेक्ट RERA के साथ भी पंजीकृत नहीं था। आर्थिक अपराध शाखा की तरफ से कहा गया है कि प्रदीप शहरावत ने डीडीए की लैंड-पूलिंग पॉलिसी के तहत फ्लैट दिलाने के नाम पर कई शिकायतकर्ताओं को चूना लगाया है।

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