सावधान : केवाईसी के नाम पर इन 6 तरीकों से ठगे जा रहे ग्राहक
साइबर ठगों ने पेटीएम केवाईसी के नाम पर ठगी के अलग-अलग तरीके तलाश कर लिए हैं। ठग एक ही झटके में लोगों के मेहनत की कमाई उनके खाते से उड़ा रहे हैं। डेबिट व क्रेडिट कार्ड के माध्यम से ठगी...
साइबर ठगों ने पेटीएम केवाईसी के नाम पर ठगी के अलग-अलग तरीके तलाश कर लिए हैं। ठग एक ही झटके में लोगों के मेहनत की कमाई उनके खाते से उड़ा रहे हैं।
डेबिट व क्रेडिट कार्ड के माध्यम से ठगी करने के बाद अब ठगों ने पेटीएम केवाईसी को ठगी का जरिया बना लिया है। नोएडा में आए दिन केवाईसी के नाम पर ठगी का कोई न कोई मामला सामने आ रहा है। ठग केवाईसी के बहाने सालभर में करोड़ों रुपये खाते से निकाल रहे हैं।
नोएडा-ग्रेटर नोएडा में जनवरी 2020 में पेटीएम केवाईसी के नाम पर ठगी के करीब 29 केस दर्ज किए गए। इसके अलावा 8 से 10 शिकायतों की जांच की जा रही है। इन मामलों में ठगों ने करीब 8 लाख रुपये ग्राहकों के खाते से निकाले। यह पैसा ठगों ने पेटीएम केवाईसी के नाम पर अलग-अलग तरीके से निकाला। स्थिति यह है कि एक भी मामला पुलिस अभी तक ट्रेस नहीं कर सकी।
पेटीएम पेमेंट बैंक के प्रवक्ता ने कहा, 'ऑनलाइन फ्रॉड पर लगाम लगाने के लिए हमारी 200 सायबर सिक्योरिटी और फ्रॉड डिटेक्शन एक्सपर्ट्स की टीम पूरी जी जान से जुटी हुई है। ये टीम 24 घंटे लेन-देन पर नजर रखती है। संदिग्ध गतिविधि नजर आने पर एक्स्पर्ट्स की टीम फौरन कार्रवाई करती है। इसके अलावा हम लगातार नए नए सिक्योरिटी फीचर्स भी जोड़ रहे हैं।
हम ग्राहकों को सूचित और शिक्षित करते रहते हैं कि वह विभिन्न अति लुभावने ऑफर्स का फायदा ध्यान से उठाएं। किसी भी अनजान गैरभरोसेमंद को एडवांस पेमेंट न करें। किसी भी तरह का फ्रॉड होने पर लोग हमें और क्राइम ब्रांच को सूचित करें। हमारी टीम भी क्राइम ब्रांच कें संपर्क में रहती है। हम लगातार ग्राहकों को इस तरह की घटनाओं से बचने के उपायों के बारे में बताते रहते हैं।
ऐसे करें बचाव
- किसी नंबर से पेटीएम केवाईसी कराने के लिए कॉल आता है तो उस पर विश्वास न करें
- किसी के कहने पर मोबाइल पर एप डाउनलोड न करें। फर्जी एप से मोबाइल पर आए मैसेज व ओटीपी को पढ़ सकता है।
- कोई भी बैंक व वॉलेट कंपनी कभी भी कॉल करके केवाईसी का वेरिफिकेशन नहीं कराती।
- केवाईसी कराने के लिए पेटीएम अपना प्रतिनिधि भेजता है। प्रतिनिधि की सारी डिटेल उपभोक्ता के मैसेज की जाती है।
कैश बैक ऑफर का झांसा देकर एप डाउनलोड करा रहे
1. फर्जी लिंक भेज रहे
साइबर अपराधी पेटीएम अकाउंट का फर्जी लिंक बनाकर पेटीएम धारक को एक टेक्स्ट मैसेज भेजते हैं। मैसेज में कैशबैक का ऑफर दिया जाता है। इसके लिए पेटीएम धारक से केवाईसी भरवाया जाता है। पेटीएम का जो फर्जी लिंक भेजा जाता है। फिर लिंक से साइबर अपराधी पेटीएम अकाउंट में यूजर आईडी और पासवर्ड से लॉगइन कर उनके खाते से राशि दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर कर लेते है।
2. रिमोट एप का कोड मांग देते हैं धोखाधड़ी
ठग तकनीकी सपोर्ट देने के बहाने ग्राहक के मोबाइल में एक छोटा रिमोट एप डाउनलोड कराते हैं। फिर रिमोट एप का कोड मांगते हैं और जैसे ही कोड मिलता है तो ग्राहक के स्मार्टफोन पूरा कंट्रोल ठग के हाथ में चला जाता है।
3. खाता बंद होने का डर दिखाकर
अधिकतर ठग ग्राहक के मोबाइल पर मैसेज या कॉल करके केवाईसी नहीं होने पर पेटीएम बंद होने का डर दिखाते हैं। फिर केवाईसी के नाम पर पेटीएम खाते की डिटेल ले पैसा निकालते हैं।
4. रिफंड के नाम पर
कई मामलों में सामने आया है कि ठग एक मैसेज भेजकर ग्राहक को पैसा रिफंड का लालच देता है। पैसे के लालच में ग्राहक पेटीएम की सारी जानकारी ठग को दे देता है।
5. केवाईसी चेक करने के नाम पर
पेटीएम ठगी के कई मामलों में देखा गया है कि ठग ग्राहक से एप डाउनलोड कराने के बाद केवाईसी चेक करने के नाम पर 1 रुपये का कोई भी ट्रांजेक्शन करने को कहते हैं। जैसे ही ग्राहक ट्रांजेक्शन करते हैं, तो पूरी डिटेल ठगों के पास चली जाती है। फिर ठग खाते से रुपये निकाल लेते हैं।
6. खुद को पेटीएम कर्मचारी बता फंसाते हैं
ग्राहकों के पास कॉल करने वाले ठग खुद को पेटीएम कस्टमर केयर टीम का कर्मचारी बताकर जाल में फंसाते हैं। ताकि ग्राहक को आसानी से फंसा सके। आरोपी के झांसे में आकर ग्राहक फर्जी एप को डाउनलोड कर लेता है। इतना ही नहीं ठगों ने पेटीएम कस्टमर केयर के नाम से कई फर्जी नंबर भी इंटरनेट पर अपलोड कर रखे हैं। इन नंबरों को सही मानकर कुछ यूजर कॉल करते हैं। फिर ठग उन्हें झांसे में लेते हैं।
ठगी के कुछ मामले
- पेटीएम केवाईसी के नाम पर सेक्टर 75 गोल्फ एवेन्यू निवासी अंकिता भटनागर के खाते से 1.77 लाख रुपये निकाल लिये थे। ठग ने महिला को लिंक भेजा, जैसे ही लिंक पर क्लिक किया खाते से रुपये निकले।
- केवाईसी के नाम पर सेक्टर 93 बी ग्रांड ओमेक्स सोसाइटी निवासी सुमिता राजपूत के खाते से 1 लाख रुपये ट्रांसफर कर लिये। आरोपी ने पीड़िता से मोबाइल एप डाउनलोड कराई थी। उसे डाउनलोड करते ही खाते से रुपये निकल गए थे।
- ठगों ने सेक्टर-121 क्लो काउंटी सोसाइटी निवासी राज कुमार गुप्ता के खाते से 27 दिसबंर को लिंक भेज 94 हजार रुपये निकाले गए।
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