Uttarakhand sought help from 16th Finance Commission in 9 sector forest water conservation issues उत्तराखंड ने 9 सेक्टर में मांगी 16वें वित्त आयोग से मदद, वन-जल संरक्षण आदि मु्द्दों पर फोकस, Uttarakhand Hindi News - Hindustan
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उत्तराखंड ने 9 सेक्टर में मांगी 16वें वित्त आयोग से मदद, वन-जल संरक्षण आदि मु्द्दों पर फोकस

राज्य गठन से अब तक का ब्योरा रखते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में शहरीकरण बढ़ने के साथ-साथ विकासात्मक गतिविधियां बढ़ रही हैं।

Himanshu Kumar Lall लाइव हिन्दुस्तानTue, 20 May 2025 08:24 AM
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उत्तराखंड ने 9 सेक्टर में मांगी 16वें वित्त आयोग से मदद, वन-जल संरक्षण आदि मु्द्दों पर फोकस

उत्तराखंड ने 16वें वित्त आयेाग से राज्य की विषम भौगोलिक परिस्थितियों के मद्देनजर अधिक केंद्रीय वित्तीय सहायता की संस्तुति करने की पैरवी की है। सोमवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में 16 वें वित्त आयोग के अध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया के नेतृत्व में आए दल के साथ बैठक में नौ विभिन्न सेक्टर में विशेष केंद्रीय आर्थिक सहायता पर जोर दिया।

मुख्यमंत्री ने राज्य को उसकी पर्यावरणीय सेवाओं, तीर्थयात्री और पर्यटकों की फ्लोटिंग आबादी के लिए बुनियादी संसाधन जुटाने, बुनियादी ढांचे के विकास में अधिक निर्माण लागत को विशेष सहायता की जरूरत बताई। उन्होंने नौ प्रमुख मुददों को आयोग के समक्ष रखते हुए अनुरोध किया कि राज्य के पक्ष को प्रमुखता से आयेाग की रिपोर्ट में शामिल किया जाए।

मुख्यमंत्री ने आयोग सदस्यों के सम्मुख प्रभावी ढंग से राज्य के मुद्दों को बारी बारी से रखा। कहा कि पिछले 25 वर्षों में उत्तराखंड ने वित्तीय प्रबंधन के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय प्रगति की है। राज्य गठन से अब तक का ब्योरा रखते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में शहरीकरण बढ़ने के साथ-साथ विकासात्मक गतिविधियां बढ़ रही हैं।

वहीं राज्य के कुल भौगोलिक क्षेत्र का 70 प्रतिशत से अधिक भाग वनों से आच्छादित होने के कारण प्रमुख रूप से दो चुनौतियों का सामना भी करना पड़ रहा है। जहां एक ओर हमें वनों के संरक्षण के लिए अधिक व्यय करना पड़ता है। वहीं वन क्षेत्र में किसी अन्य विकास गतिविधि पर प्रतिबंध के कारण ईको-सर्विस लागत का वहन भी करना पड़ता है।

जल संरक्षण, तीर्थाटन-पर्यटन की वजह से बढ़ने वाली फ्लोटिंग आबादी के प्रबंधन, प्राकृतिक आपदाओं समेत कई चुनौतियों से जूझना पड़ता है। राज्य को पूर्व में मिलने वाली कई सुविधाएं समाप्त हो गई हैं। मुख्यमंत्री ने पर्वतीय क्षेत्र में बिखरी हुई आबादी को बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने के लिए होने वाले सार्वजनिक व्यय का मुद्दा भी रखा।

आयोग अध्यक्ष ने राज्य द्वारा उठाए गए सभी विषयों को गंभीरता से सुना। कहा कि आयोग देश के सभी राज्यों में जाकर वहां की बुनियादी विषयों, समस्याओं और आवश्यकताओं पर चर्चा कर रहा है। सभी पहलुओं का अध्ययन करने के बाद अपनी रिपोर्ट केंद्र को सौंपी जाएगी।

उत्तराखंड मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में हम उत्तराखंड को देश का श्रेष्ठ राज्य बनाने के अपने 'विकल्प रहित संकल्प' को पूर्ण करने में अवश्य सफल रहेंगे। इस संबंध में आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता के लिए 16 वें वित्त अयोग की अनुशंसा राज्य के काफी महत्वपूर्ण होगी।

उत्तराखंड की उम्मीदें

1. राज्य के वनाच्छादित भूभाग के संरक्षण-संवर्द्धन के एवज में आर्थिक सहायता

2. कर हस्तांतरण में वन आच्छादन के लिए हिस्सेदारी को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत किया जाए

3. उत्तराखंड में वनों के उचित प्रबंधन एवं संरक्षण के लिए राज्य को विशेष अनुदान के रूप में सहायता

4. जलविद्युत परियोजनाओं के निर्माण पर रोक से नुकसान की भरपाई।

5. उत्तराखंड के लिए राजस्व घाटा अनुदान के स्थान पर राजस्व आवश्यकता अनुदान लागू करें

6. फ्लोटिंग आबादी के लिए बुनियादी सुविधाएं जुटाने के लिए निकायों को विशेष वित्तीय अनुदान मिले

7. पर्वतीय क्षेत्रों में भौगोलिक वजहों से होने वाली निर्माण कार्यों की अधिक लागत की भरपाई को विशेष मदद

8. स्वास्थ्य, शिक्षा सेक्टर पर प्रति व्यक्ति अधिक से अधिक व्यय करने के लए राजस्व आवश्यकता अनुदान से सहायता

9. जल संरक्षण के लिए विशेष अनुदान के रूप में आर्थिक मदद

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