3 दिन में तोड़े जाएंगे 8000 घर, गुजरात में एक साथ गरज रहे 50 से ज्यादा बुलडोजर; पहलगाम और बांग्लादेशी कनेक्शन
गुजरात के अहमदाबाद में एक बार फिर बुलडोजर गरज रहे हैं। चंदोला झील के किनारे बसाए गए मोहल्लों को मिट्टी में मिलाया जा रहा है।

गुजरात के अहमदाबाद में एक बार फिर 50 से ज्यादा बुलडोजर गरज रहे हैं। चंदोला झील के किनारे बसाए गए मोहल्लों को मिट्टी में मिलाया जा रहा है। तीन दिन में यहां करीब 8000 घरों और अन्य ढांचों को तोड़ा जाएगा। पहलगाम हमले के बाद गुजरात में बांग्लादेशियों की पहचान और फिर बड़ी संख्या में यहां घुसपैठियों के पकड़े जाने के बाद अप्रैल के अंत में नगर निगम ने बुलडोजर ऐक्शन की शुरुआत की थी। तब 1.5 लाख वर्ग मीटर जमीन को कब्जे से मुक्त कराया गया था तो अब यहां कुल 2.5 लाख वर्ग मीटर जमीन को कब्जे से मुक्त कराया जाएगा।
मंगलवार सुबह से ही चंदोला इलाके में दर्जनों बुलडोजर गरजने लगे। विरोध की आशंका को देखते हुए 3000 पुलिसकर्मियों को मौके पर तैनात किया गया है। नगर निगम के अलावा पुलिस और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर मौजूद हैं। अहमदाबाद के डीसीपी रवि मोहन सैनी ने कहा, 'चंदोला इलाके से अवैध अतिक्रमण को हटाने के लिए अभियान की शुरुआत की गई है। एसआरपी की 25 कंपनियां और 3000 पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। इस इलाके के सभी निर्माण अवैध हैं और सबको हटाया जा रहा है।'
इससे पहले 29 और 30 अप्रैल को बड़े पैमाने पर ध्वस्तीकरण किया गया था। इसकी शुरुआत तब की गई जब इन बस्तियों से बड़ी संख्या में अवैध बांग्लादेशियों को हिरासत में लिया गया था। कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद अहमदाबाद पुलिस ने 26 अप्रैल को चंदोला झील क्षेत्र में छापा मारा और लालू पठान उर्फ लल्लू बिहारी की मदद से क्षेत्र में अवैध रूप से रह रहे 150 से अधिक बांग्लादेशी नागरिकों को हिरासत में लिया।
चंदोला झील में सरकारी जमीन पर अतिक्रमण के पीछे के ‘मास्टरमाइंड’ लालू पठान के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। पठान ने बांग्लादेशी घुसपैठियों को किराये का मकान दिलाने और आधार कार्ड प्राप्त करने में भी मदद की थी।
अधिकारियों ने बताया कि अवैध रूप से निर्मित लगभग हजारों मकान, झोपड़ियां और अन्य संपत्तियों को ध्वस्त करने के लिए चिह्नित किया गया है। अप्रैल में हुई कार्रवाई में अतिक्रमण हटाने के लिए 70 से अधिक ‘अर्थमूवर’ मशीनें और 200 ‘डंपर’ लगाए थे। वहीं, सरकार ने अभियान के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए राज्य रिजर्व पुलिस (एसआरपी) की 20 कंपनियों के साथ लगभग 2,000 पुलिसकर्मियों को भी तैनात किया था।
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