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Hindi Newsएनसीआर न्यूज़नोएडाCyber Scam Woman Duped of 20 Lakhs by Fraudsters Using Drug Parcel Threat

इंजीनियर को तीन घंटे डिजिटल अरेस्ट कर 20 लाख ठगे

नोएडा में एक महिला आईटी इंजीनियर के साथ साइबर जालसाजों ने 20 लाख रुपये की ठगी की। ठगों ने ड्रग्स के पार्सल का डर दिखाते हुए उसे लोन लेने पर मजबूर किया। महिला ने इंस्टेंट लोन लेकर ठगों के खाते में पैसे...

Newswrap हिन्दुस्तान, नोएडाSun, 15 Sep 2024 01:26 PM
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जालसाजों ने पार्सल में ड्रग्स होने का डर दिखाया महिला ने लोन लेकर जालसाजों को रकम भेजी

नोएडा,वरिष्ठ संवाददाता। ईरान भेजे जा रहे पार्सल में ड्रग्स समेत अन्य आपत्तिजनक सामान होने का डर दिखाकर साइबर जालसाजों ने महिला आईटी इंजीनियर के साथ 20 लाख रुपये की ठगी की। ठगों ने करीब साढ़े तीन घंटे तक डिजिटल अरेस्ट रखा। महिला ने इंस्टेंट लोन लेकर जालसाजों के खाते में रकम ट्रांसफर की। पीड़िता के पति ने साइबर क्राइम थाने में अज्ञात जालसाजों के खिलाफ केस दर्ज कराया है।

सेक्टर-82 निवासी मनोज कुमार ने बताया कि पुलिस को बताया कि उनकी पत्नी आईटी इंजीनियर हैं। वर्तमान में घर से ही काम कर रही हैं। बीते दिनों शाम साढ़े तीन बजे के करीब पत्नी घर पर अकेली थीं, तभी उनके मोबाइल पर अनजान नंबर से कॉल आई। कॉलर ने खुद को फेडेक्स इंटरनेशनल कुरियर सर्विस का कर्मचारी बताया। साथ ही कहा कि महिला के नाम से एक कुरियर ईरान जा रहा है। इसमें ड्रग्स समेत अन्य आपत्तिजनक सामान है। ज्यादा जानकारी के लिए महिला को मोबाइल पर एक बटन दबाने को कहा गया। ऐसा करते ही कॉल कथित मुंबई साइबर क्राइम के अधिकारियों के पास गई। महिला को मामले में उसके खिलाफ केस दर्ज होने की जानकारी दी गई। इसके तुरंत बाद जालसाजों ने महिला को स्काइप कॉल पर जोड़ लिया। राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दे का डर दिखाकर ठगों ने घटना की जानकारी किसी और से साझा न करने का निर्देश दिया। साथ ही महिला को घर के अंदर ही डिजिटल अरेस्ट कर लिया । जालसाजों ने केस के संबंध में महिला से पूछताछ करते हुए जानकारी दी कि उसके आधार कार्ड का इस्तेमाल मोहम्मद इस्लाम नामक व्यक्ति बीते सात महीने से कर रहा है। इसके ऊपर मनी लांड्रिंग का केस दर्ज है।

लोन लेने का दबाव बनाया

महिला से बीते एक साल के अंदर उसके खातों से हुई ट्रांजेक्शन, डेबिट कार्ड समेत अन्य दस्तावेजों की जानकारी ली गई। इसके बाद जेल जाने का डर दिखाते हुए निजी बैंक से 20 लाख रुपये का लोन लेने को कहा गया। कथित पुलिस अधिकारियों ने भरोसा दिया कि जांच के बाद पूरी रकम उसके खाते में वापस कर दी जाएगी। जेल जाने से बचने के लिए डरी सहमी महिला ने 20 लाख रुपये का इंस्टेंट लोन लिया और जालसाज के बताए खाते में रकम भेज दी। रकम ट्रांसफर होने के दस मिनट बाद ही ठगों ने महिला से संपर्क तोड़ दिया। करीब साढ़े तीन तक महिला को डिजिटल अरेस्ट करके रखा गया।

सर्टिफिकेट देने का भरोसा दिया

ठगों ने महिला को पुलिस क्लिरियंस सर्टिफिकेट देने का भी भरोसा दिया, ताकि आगे उसे किसी प्रकार की परेशानी न हो। महिला का कहना है कि उसने बैंक के जो रकम लोन पर ली है, अब हर महीने उसकी भी ब्याज समेत किस्त देनी होगी। बदनामी के डर से महिला ने ठगी की जानकारी सोसाइटी में किसी को नहीं दी।

क्या होता है डिजिटल अरेस्ट:

डिजिटल अरेस्ट में पुलिस किसी को जेल नहीं भेजती है। डिजिटल अरेस्ट में ठग द्वारा पीड़ित को फोन कर बताया जाता है कि उनका नाम ड्रग तस्करी, मनी लॉड्रिग के केस में आया है और उन्हें घर से बाहर निकलने की अब अनुमति नहीं है। इतना ही नहीं, पीड़ित से यह भी कहा जाता है कि वह डिजिटल तौर पर लगातार उनसे यानी ठगों से जुड़े रहेंगे। साथ ही वह इस बारे में अपने परिवार के किसी सदस्य या दोस्त व परिचित को नहीं बता सकते हैं। पीड़ित से केस रफा-दफा करने के लिए पैसों की मांग की जाती है। इस दौरान ठग लगातार फर्जी अधिकारी बनकर वीडियो कॉलिंग के जरिए बात भी करते रहते हैं। पीड़ित डर की वजह से साइबर अपराधियों के झांसे में आकर उनके पास रुपये भेज देता है।

पहले भी हुई ऐसी घटनाएं

27 अगस्त 2024: साइबर जालसाजों ने रिटायर्ड मेजर जनरल को डिजिटल अरेस्ट कर दो करोड़ रुपये कराए ट्रांसफर

27 अगस्त 2024: साइबर अपराधियों ने आईटी इंजीनियर युवती को तीन घंटे डिजिटल अरेस्ट रखकर करीब पांच लाख ठगे

28 अगस्त 2024: ठगों ने बुजुर्ग महिला को कई दिन तक डिजिटल अरेस्ट करने के बाद 19 लाख रुपये ऐंठे

11 अगस्त 2024: जालसाजों ने निजी बैंक के प्रोजेक्ट मैनेजर को एक सप्ताह तक डिजिटल अरेस्ट रखकर 52 लाख 50 हजार रुपये ठग लिए।

12 मार्च 2024: पार्सल में ड्रग्स होने का डर दिखाकर ठगों ने आईटी इंजीनियर से सात लाख रुपये ठगे

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