पेड़ों की कटाई को डीडीए के खिलाफ अवमानना कार्यवाही पर मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष होगी सुनवाई
राजधानी के रिज क्षेत्र में पेड़ों की कटाई को लेकर डीडीए के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अवमानना की कार्यवाही अब मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष होगी। यह मामला गुरुवार को...
नई दिल्ली। विशेष संवाददाता राजधानी के रिज क्षेत्र में रोक के बाद भी पेड़ों की कटाई किए जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में डीडीए के खिलाफ चल रही अवमानना की कार्यवाही से जुड़े मामले की सुनवाई अब मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष होगी।
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की पीठ के समक्ष यह मामला गुरुवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है। दरअसल, राजधानी के रिज क्षेत्र में पेड़ों की कटाई को लेकर अलग-अलग पीठों के समक्ष लंबित दो अलग-अलग अवमानना कार्यवाही पर संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पिछले माह कहा था कि वह ‘न्यायिक औचित्य में विश्वास करता है और नहीं चाहता कि मामले में कोई विरोधाभासी आदेश पारित किया जाए। यह टिप्पणी करते हुए, शीर्ष अदालत ने कहा था कि विरोधाभासी आदेशों से बचने के लिए रिज क्षेत्र में पेड़ों से कटाई को लेकर अवमानना की कार्यवाही से संबंधित मामलों की सुनवाई एक पीठ द्वारा करना उचित होगा। रिज क्षेत्र में पेड़ों की कटाई को लेकर डीडीए उपाध्यक्ष के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अवमानना की कार्यवाही चल रही है।
जस्टिस बीआर गवई, पीके मिश्रा व केवी विश्वनाथन की पीठ ने इस बात पर आश्चर्य जताया था कि जब एक पीठ पहले से ही मामले की सुनवाई कर रही थी तो क्या बाद की पीठ को इस पर गौर करना चाहिए था। जस्टिस गवई ने कहा कि पेड़ों की कटाई के संबंध में अवमानना कार्यवाही इस साल 24 अप्रैल को उनकी अध्यक्षता वाली पीठ द्वारा शुरू की गई थी, लेकिन शीर्ष अदालत की एक अन्य पीठ ने भी मई में इस मुद्दे पर अवमानना कार्यवाही शुरू की थी। उन्होंने कहा कि दूसरी पीठ के लिए यह अधिक उपयुक्त होता कि वह उसी कारण से अवमानना कार्यवाही शुरू करने से पहले इस बारे में मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ से स्पष्टीकरण लेते कि ‘किस पीठ को उक्त कार्यवाही जारी रखनी चाहिए। इसके साथ ही जस्टिस गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार (न्यायिक) को उचित आदेश के लिए मामले को मुख्य न्यायाधीश के समक्ष रखने का निर्देश दिया था। पीठ ने कहा कि वह अपने द्वारा शुरू की गई कार्यवाही को आगे बढ़ाने का प्रस्ताव नहीं रखती है क्योंकि अन्य पीठ के समक्ष पहले से ही कार्यवाही आगे बढ़ चुकी है। इसके बाद, अब मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ के समक्ष दोनों मामलों को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है। जस्टिस अभय एस ओका और उज्जल भुइयां की पीठ के समक्ष पेड़ काटने को लेकर डीडीए के खिलाफ लंबित अवमानना मामले को भी मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है।
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