सुप्रीम कोर्ट पूछा: क्या जेल में मुख्यमंत्री केजरीवाल को अधिकारिक कर्तव्यों के पालन करने पर है रोक?
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा है कि क्या मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर जेल से अपने आधिकारिक कर्तव्यों का पालन करने पर कोई प्रतिबंध है। यह सवाल सजा माफी में देरी की याचिका पर सुनवाई के दौरान...
नई दिल्ली। विशेष संवाददाता सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली सरकार से यह बताने के के लिए कहा है कि ‘क्या मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर जेल से अपने आधिकारिक कर्तव्यों का पालन करने पर कोई प्रतिबंध है? शीर्ष अदालत ने सजा माफी में हो रहे देरी से संबंधित याचिका पर सुनवाई के दौरान यह सवाल उठाया।
जस्टिस अभय एस. ओका और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने यह सवाल तब किया, जब दिल्ली सरकार की ओर से पेश अधिवक्ता ने कहा कि ‘संबंधित फाइल को उपराज्यपाल के पास तब तक नहीं भेजा जा सकता है, जब तक कि उस पर मुख्यमंत्री के हस्ताक्षर नहीं हो जाते, कि आबकारी नीति से जुड़े भ्रष्टाचार और धन शोधन के मामले में जेल में बंद हैं। इस पर जस्टिस ओका ने कहा कि ‘क्या मुख्यमंत्री केजरीवाल पर जेल से अपने कर्तव्यों का निर्वाहन करने पर कोई प्रतिबंध का आदेश है? हम इसकी जांच करना चाहते हैं क्योंकि इससे सैकड़ों मामले प्रभावित होंगे। उन्होंने कहा कि यह गंभीर मसला है क्योंकि मुख्यमंत्री से संबंधित न्यायालय द्वारा पारित विभिन्न आदेशों के कारण बहुत सारी फाइलें लंबित होंगी। पीठ ने कहा कि हम मौजूदा मामले को लंबे समय इस मामले को लंबित नहीं रख सकते। सुप्रीम कोर्ट ने सजा माफी को लेकर हरप्रीत सिंह की याचिका पर सुनवाई कर रही है। पीठ ने उसे अप्रैल, 2024 में फरलो पर रिहा था और 10 मई को शीर्ष अदालत ने दो माह के भीतर याचिकाकर्ता को सजा में स्थायी छूट देने के बारे में फैसला लेने को कहा था। बाद में पीठ ने 19 जुलाई को सजा में छूठ देने के लिए निर्णय लेने की समय सीमा एक माह के लिए बढ़ा दी थी। शुक्रवार को मामले की सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार अधिनियम, 1991 की धारा 45 आई (4) के खंड (i) और (vii) के कारण सजा माफी की प्रक्रिया रुकी हुई है। पीठ को बताया गया कि खंड (i) और (vii) के स्पष्ट प्रावधानों के मद्देनजर, याचिकाकर्ता के मामले पर विचार करने का प्रस्ताव उपराज्यपाल को तब तक नहीं भेजा जा सकता? पीठ ने दिल्ली सरकार की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी को इस बारे में सक्षम प्राधिकार से दिशा-निर्देश प्राप्त करने और अगली सुनवाई 23 सितंबर को जानकारी देने को कहा है। जस्टिस ओका ने कहा कि यह मामला याचिकाकर्ता की जीवन और स्वतंत्रता से जुड़ा है और इससे कई समान मामले प्रभावित हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि यदि हिरासत में रहते हुए मुख्यमंत्री द्वारा आधिकारिक फाइलों से निपटने में कोई बाधा आती है, तो न्यायालय को आगे की देरी को रोकने के लिए संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी शक्तियों का प्रयोग करना पड़ सकता है। अनुच्छेद 142 के तहत सुप्रीम कोर्ट को विशेष परिस्थितियों में पूर्ण न्याय देने के लिए विशेषाधिकार प्राप्त है। दिल्ली सरकार के आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन के मामले में ईडी ने मुख्यमंत्री केजरीवाल 21 मार्च 2024 को गिरफ्तार किया था। जेल में रहने के दौरान ही सीबीआई ने 26 जून को भ्रष्टाचार के मामले में उन्हें गिरफ्तार किया। धन शोधन मामले में गिरफ्तारी के बाद से ही वह जेल में हैं।
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