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Hindi Newsएनसीआर न्यूज़नई दिल्लीFinance Minister Introduces Banking Law Amendment Bill 2024 in Lok Sabha Amidst Opposition

बैंकिंग कानून संशोधन विधेयक लोकसभा में पेश

- बैंक खातों में चार नॉमिनी के नाम जोड़े जाने से लेकर निवेशकों के हित

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीFri, 9 Aug 2024 01:10 PM
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नई दिल्ली, प्रमुख संवाददाता वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में शुक्रवार को बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक-2024 पेश किया। नए विधेयक में एक बैंक खाते में चार नॉमिनी के नाम जोड़े जाने से लेकर बैंकिंग से जुड़े कुछ अन्य प्रावधान किए गए हैं। विधेयक को लेकर विपक्ष की तरफ से विरोध भी जताया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार, राज्यों के अधिकार क्षेत्र में अतिक्रमण कर रही है। लंबी चर्चा के बाद विधेयक को पेश किए जाने की मंजूरी दी गई।

कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि सरकारी समितियों और सहकारी बैंकों से जुड़े कानूनों में संशोधन करने का अधिकार राज्य सरकारों का है। सहकारी समितियों में केंद्र नियंत्रण कर सकता है या नहीं, इसे लेकर भी विरोधाभास है। तृणमूल कांग्रेस के सांसद सौगत राय ने चार कानूनों को एक विधेयक के माध्यम से संशोधित किए जाने को लेकर आपत्ति दर्ज कराई।

वित्त मंत्री बोलीं, पहले भी संशोधन हो चुका

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सहकारी बैंक से जुड़े कानून में पहले भी सदन के माध्यम से संशोधन किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि हम चार विधेयक भी ला सकते थे लेकिन जब एक समान तरह के कामकाज से जुड़े कानून हैं तो हम एक संशोधन विधेयक ला रहे हैं। बैंकिंग विनियमन अधिनियम और सहकारी बैंकों के बीच एक संबंध है और कोई भी संशोधन इसी रास्ते से लाना होगा।

कमजोर करने का कोई प्रयास नहीं

मंत्री ने कहा कि सहकारी संस्थाओं को कमजोर करने का कोई प्रयास नहीं है। बैंक और बैंकिंग गतिविधियों से जुड़े काम करने वाली सहकारी समितियों के लिए एक नियम होना चाहिए, इसलिए यह विधेयक लाया गया है। बैंक प्रशासन में सुधार और निवेशकों की सुरक्षा के लिए बैंकिंग विनियमन अधिनियम, बैंकिंग कंपनी अधिनियम और भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम में कुछ संशोधन किए जा रहे हैं। विधेयक के माध्यम से भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम- 1934, बैंकिंग विनियमन अधिनियम-1949, भारतीय स्टेट बैंक अधिनियम- 1955, बैंकिंग कंपनियां (उपक्रमों का अधिग्रहण और हस्तांतरण) अधिनियम-1970 और बैंकिंग कंपनियां (उपक्रमों का अधिग्रहण और हस्तांतरण) अधिनियम-1980 में संशोधन का प्रस्ताव है।

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विधेयक में मुख्य प्रावधान

- प्रति व्यक्ति अपने बैंक खाते में चार नॉमिनी के नाम जोड़ सकेगा। इसके साथ ही, नॉमिनी की हिस्सेदारी भी तय करने का अधिकार होगा। खाता धारक तय कर सकेगा कि किस नॉमिनी की कितनी हिस्सेदारी होगी।

- विधेयक में वैधानिक लेखा परीक्षकों को भुगतान किया जाने वाला पारिश्रमिक तय करने में बैंकों को अधिक स्वतंत्रता देने का प्रावधान है।

- लाभांश, शेयर और बॉन्ड भुगतान को निवेशक, शिक्षा और संरक्षण कोष (आईईपीएफ) में स्थानांतरित कर सकेगा। यह परिवर्तन लोगों को फंड पर दावा करने या रिफंड प्राप्त करने की अनुमति देगा, जिससे निवेशकों के हितों की रक्षा करने में मदद मिलेगी।

- बैंकों के लिए रिपोर्टिंग तारीखों को दूसरे और चौथे शुक्रवार के बजाय हर महीने की 15 और अंतिम तिथि निर्धारित करने का भी प्रावधान है।

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बैंक खाते में नॉमिनी बढ़ाने की वजह

देशों में काफी संख्या में ऐसे खाते हैं, जिनमें जमा धनराशि को लेकर कोई दावा करने वाला नहीं है। इस वर्ष मार्च तक ही देश भर के बैंकों में करीब 78213 रुपया गैर दावा (अनक्लेम्ड) धनराशि जमा थी। उससे पहले मार्च 2023 तक यह धनराशि 42270 करोड़ था। इसका मतलब है कि नॉमिनी न होने के चलते व अन्य किसी विवाद के चलते बैंक खातों में गैर दावा राशि बढ़ रही है। सरकार चाहती है कि पैसा सही हाथों में जाए। इसलिए लिए बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक लेकर आई है। इसी तरह से बांड, शेयरों व लाभांश के मामले में भी गैर दावा धनराशि काफी ज्यादा है, जिसे सरल बनाया गया है।

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