कोलकाता पैकेज : पूर्व प्राचार्य, थाना प्रभारी 17 तक सीबीआई हिरासत में
शब्द : 809 - सीबीआई ने कोर्ट में कहा, पुलिस को स्वत: संज्ञान लेकर
शब्द : 809 - सीबीआई ने कोर्ट में कहा, पुलिस को स्वत: संज्ञान लेकर कार्रवाई करनी थी
- कहा, दोनों ने घटना को कमतर दिखाने और अपराध छिपाने का प्रयास किया
कोलकाता, एजेंसी।
आरजी कर अस्पताल मामले में संस्थान के पूर्व प्राचार्य संदीप घोष और ताला थाना प्रभारी अभिजीत मंडल को स्थानीय अदालत ने रविवार को 17 सितंबर तक सीबीआई की हिरासत में भेज दिया। दोनों को शनिवार रात गिरफ्तार करने के बाद अदालत में पेश किया गया। जांच एजेंसी ने अदालत में दलील दी कि अपराध में इन दोनों की अहम भूमिका थी, इसलिए पूछताछ जरूरी है।
सीबीआई ने इस मामले में शनिवार को संदीप घोष के खिलाफ साक्ष्यों से छेड़छाड़ का आरोप जोड़ा था। घोष भ्रष्टाचार के एक मामले में इस समय न्यायिक हिरासत में हैं। सीबीआई ने मंडल को भी गिरफ्तार किया है। मंडल को सबूतों से छेड़छाड़ करने और प्राथमिकी दर्ज करने में देरी समेत अन्य आरोपों के तहत गिरफ्तार किया गया है।
सीबीआई ने अदालत में दावा किया कि घोष और मंडल एक-दूसरे के संपर्क में थे और घोष ने पुलिसकर्मी को निर्देश दिए थे कि उन्हें इस मामले में आगे क्या करना है। जांच एजेंसी ने कहा कि मंडल इस मामले में आरोपी हैं। सीबीआई ने यह भी कहा कि मंडल को नौ अगस्त को सुबह करीब 10 बजे चिकित्सक की मौत के बारे में सूचित किया गया था, लेकिन प्राथमिकी रात करीब 11 बजे दर्ज की गई। अदालत में कहा गया कि दोनों ने घटना को कमतर करके दिखाने और इस जघन्य अपराध को छिपाने का प्रयास किया। सीबीआई ने कहा कि चूंकि यह दुष्कर्म और हत्या का मामला है, इसलिए पुलिस को शुरू से ही स्वत: संज्ञान लेकर मामले में कार्रवाई करनी चाहिए थी।
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सीबीआई कार्यालय, स्वास्थ्य भवन के बाहर प्रदर्शन
कोलकाता में रविवार सुबह कई लोगों ने सीजीओ कॉम्प्लेक्स स्थित सीबीआई दफ्तर के बाहर प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन उस समय हुआ जब सीबीआई के अधिकारी ताला थाना प्रभारी अभिजीत मंडल को नियमित मेडिकल परीक्षण के लिए ले जा रहे थे। प्रदर्शनकारियों के हाथों में तख्तियां और पोस्टर थे। प्रदर्शनकारियों ने महिला चिकित्सक के लिए न्याय की मांग करते हुए नारे लगाए तथा सीबीआई द्वारा मामले को अपने हाथ में लिए जाने से पहले पुलिस द्वारा की गई जांच की आलोचना की। वहीं, स्वास्थ्य भवन के बाहर जूनियर डॉक्टरों का प्रदर्शन बारिश के बीच छठे दिन भी जारी रहा।
इसके अलावा पुरुलिया सैनिक स्कूल के पूर्व छात्र और सेवानिवृत्त सैन्य जवानों तथा स्कूल की पूर्व छात्राओं एवं नर्सों ने भी शहर में अलग- अलग स्थानों पर पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए रैलियां निकालीं।
चाय तभी पिएंगे जब न्याय मिलेगा : डॉक्टर अकीब
इससे पहले, शनिवार रात आंदोलनकारी डॉक्टरों को संबोधित करते हुए डॉक्टर अकीब ने कहा कि न्याय मिलने तक हमारा विरोध जारी रहेगा। डॉक्टर अकीब उस प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे जो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से उनके आवास पर मिलने गए थे। मुख्यमंत्री के साथ बैठक रद्द होने के बारे में उन्होंने कहा कि हमें बिना किसी समाधान के लौटना पड़ा। जब हम वहां गए, तो हमने अपनी मांग से समझौता भी कर लिया। हमने कहा कि केवल बैठक को रिकॉर्ड करें और खत्म होने के बाद हमें इसकी एक प्रति दी जाए। लेकिन अधिकारी इस पर भी सहमत नहीं हुए। इसके बाद मुख्यमंत्री बाहर आईं और हमसे चाय पर मिलने का अनुरोध किया। उन्होंने बताया कि जूनियर डॉक्टरों ने कहा कि हम तभी चाय पिएंगे जब न्याय मिलेगा। उन्होंने बताया कि हमसे कहा गया कि देरी हो गई है और अब कुछ नहीं किया जा सकता। हम बारिश में इंतजार करते रहे, लेकिन हमें बिना किसी समाधान के लौटना पड़ा।
उन्होंने यह भी कहा कि संदीप घोष की गिरफ्तारी से साफ है कि हमारी मांग सही थी। घोष ने जो किया है वह एक संस्थागत अपराध है। ऐसे कई प्राचार्य और अधिकारी ऐसी गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं। हम चाहते हैं कि इसमें शामिल ऐसे सभी लोग इस्तीफा दें, न्याय मिलने तक हम अपना विरोध जारी रखेंगे।
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भाजपा ने ममता से इस्तीफा मांगा :
भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने कोलकाता मामले को लेकर रविवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें अपने पद पर बने रहने का अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा, इससे बड़ा अपमान नहीं हो सकता कि एक महिला मुख्यमंत्री के रहते यह घटना घटी। उनकी सरकार ने जांच रोकने की पूरी कोशिश की।
वहीं, पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने सबूतों से छेड़छाड़ और प्राथमिकी में देरी करने के आरोप में पुलिस अधिकारी को गिरफ्तार किए जाने के बाद मुख्यमंत्री ममता से इस्तीफा देने की मांग की। मुख्यमंत्री के पास गृह विभाग का भी जिम्मा है। भाजपा नेता ने अपने 'एक्स' हैंडल पर कोलकाता पुलिस आयुक्त विनीत गोयल को तत्काल निलंबित करने की भी मांग की। उन्होंने दावा किया, ताला थाना प्रभारी अभिजीत मंडल की गिरफ्तारी से यह साबित हो गया है कि पुलिस सबूतों से छेड़छाड़ करने में सीधे तौर पर शामिल थी।
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