असम में मानव तस्करी और जादू टोना के खिलाफ नीति लागू
नोट--सिर्फ हेडिंग में बदलाव है --छह मई को राज्यपाल ने जारी की थी अधिसूचना

गुवाहाटी, एजेंसी। असम सरकार ने मानव तस्करी और जादू-टोना को रोकने के लिए शुक्रवार को एक नीति अधिसूचित की। इसका उद्देश्य सभी को समान जीवन जीने के अधिकार को सुनिश्चित करना है। मुख्यमंत्री कार्यालय ने ‘एक्स पर एक पोस्ट में लिखा कि मानवाधिकारों और गरिमा को बनाए रखने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है। राज्यपाल के एक आदेश द्वारा छह मई को जारी अधिसूचना में कहा गया है कि आधिकारिक राजपत्र में प्रकाशन की तारीख से नीति लागू होगी। नीति में यह स्वीकार किया गया कि मानव तस्करी एक संगठित और जादू-टोना एक सामाजिक अपराध है। यह महिलाओं और लड़कियों को काफी प्रभावित करता है।
असम विच हंटिंग (निषेध, रोकथाम और संरक्षण) अधिनियम, 2018 जादू-टोने से संबंधित है, जिसमें यह एक संज्ञानात्मक और गैर-जमानत योग्य अपराध है। जादू-टोने के मामले इस कानून के लागू होने के बाद कम हुए हैं, लेकिन पूरी तरह से समाप्त नहीं हुए हैं। असम पुलिस के आंकड़ों के अनुसार 2022-24 के बीच इसके 32 मामले दर्ज किए गए। महिला और बाल विकास विभाग इस नीति के कार्यान्वयन के लिए नोडल विभाग के रूप में काम करेगा। सुरक्षा और पुनर्वास पर बल नीति के अनुसार, इसका उद्देश्य एक ऐसा राज्य बनाना है, जहां सभी व्यक्ति समान जीवन जीकर अपनी पूरी क्षमता को प्राप्त कर सकें। सभी तरह के दुर्व्यवहार और शोषण से मुक्त हो सकें। साथ ही निजी और सार्वजनिक जीवन में समान रूप से भाग ले सकें। नीति को मानव तस्करी और जादू-टोने की रोकथाम और इसके शिकार लोगों की सुरक्षा और पुनर्वास सुनिश्चित करने के लिए डिजाइन किया गया है।
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