New Delhi Seat : केजरीवाल की सीट पर नई दिल्ली में त्रिकोणीय लड़ाई, क्या हैं यहां के मुद्दे और समस्या
New Delhi Assembly Seat : दिल्ली के बीते सात विधानसभा चुनावों में छह बार लगातार दिल्ली को मुख्यमंत्री देने वाली नई दिल्ली विधानसभा सीट पर इस बार मुकाबला रोचक हो गया है। यहां अरविंद केजरीवाल के सामने भाजपा ने प्रवेश वर्मा और कांग्रेस ने संदीप दीक्षित को मैदान में उतारा है।
New Delhi Assembly Seat : दिल्ली के बीते सात विधानसभा चुनावों में छह बार लगातार दिल्ली को मुख्यमंत्री देने वाली नई दिल्ली विधानसभा सीट पर इस बार मुकाबला रोचक हो गया है। यहां आम आदमी पार्टी से पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सामने भाजपा ने पूर्व सीएम साहिब सिंह वर्मा के बेटे प्रवेश वर्मा और कांग्रेस ने शीला दीक्षित के पुत्र संदीप दीक्षित को मैदान में उतारा है। इसलिए लोग भी कहने लगे हैं कि इस सीट पर मुकाबला दिलचस्प होगा...
एक नजर में सीट
नई दिल्ली विधानसभा सीट का गठन 1993 में हुआ था। शीला दीक्षित 1998 से 2008 तक लगातार तीन बार चुनाव जीतकर मुख्यमंत्री बनीं। वर्ष 2013 में वह आप मुखिया अरविंद केजरीवाल के सामने चुनाव हार गईं थीं। हालांकि, मुख्यमंत्री इसी सीट से निकला। उसके बाद 2015, फिर 2020 में केजरीवाल लगातार चुनाव जीत रहे हैं।
पानी और जाम बड़ा मुद्दा
यहां के लोग आज भी रोजगार, पानी और जाम जैसे मुद्दों को अहम मानते हैं। पिलंजी गांव की झुग्गियां में पानी को लेकर शिकायतें हैं तो वाल्मिकी बस्ती के युवा रोजगार को लेकर नाराज हैं। सरकारी कर्मियों की शिकायतें हैं कि उनसे किए जा रहे वादे पूरे नहीं हो रहे। वाल्मिकी बस्ती के रहने वाले युवा मोहित व विपिन ने बताया कि हमारे लिए इस बार रोजगार ही सबसे बड़ा मुद्दा है।
कुल मतदाता :- 145901
पुरुष मतदाता :- 79799
महिला मतदाता :- 66101
आंकड़े 29 अक्तूबर 2024 तक।
प्रमुख समस्याएं
● नई दिल्ली विधानसभा में रोजगार बड़ा मुद्दा है
● नई दिल्ली क्षेत्र में जगह-जगह अतिक्रमण हो रखा जिस कारण सुबह-शाम जाम लगता है
● पिलंजी गांव, संजय बस्ती, दयानंद बस्ती में गंदे पानी की आपूर्ति बड़ी समस्या है
● सरकारी कर्मचारी बाहुल्य इलाके में एनडीएमसी कर्मियों की ड्यूटी पर मौत में परिवारवालों की नौकरी की मांग
स्थानीय लोग क्या बोले
केके गोपी, झुग्गीवासी ने कहा, ''नई दिल्ली सीट पर गंदे पानी की आपूर्ति अहम मुद्दा है। पानी की पाइपलाइन तो बिछा दी गई है, लेकिन अभी कई इलाकों में समस्या बनी हुई है।''
विजयपाल सिंह, रिटायर्ड, एनडीएमसी कर्मी ने कहा, ''एनडीएमसी कर्मियों की मौत पर उनके परिजनों को नौकरी का वादा किया गया था जोकि पूरा नहीं हुआ। मोहल्ला क्लीनिक यहां बंद हैं।''