Hindi Newsएनसीआर न्यूज़More than 300 Pakistani Hindus are waiting to cast their vote in Delhi elections, this is the whole matter

300 से अधिक पाकिस्तानी हिन्दुओं को दिल्ली चुनाव में वोट डालने का इंतजार, ये है पूरा मामला

दिल्ली में विधानसभा चुनावों का शोर तेज हो गया है। इसी बीच खबर सामने आई है कि करीब 300 से अधिक पाकिस्तानी हिन्दू इन चुनावों में मतदान करने का इंतजार कर रहे हैं। आइए जानते हैं क्या है मामला…

Ratan Gupta हिन्दुस्तान टाइम्स, नई दिल्लीMon, 30 Dec 2024 09:18 PM
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दिल्ली में विधानसभा चुनावों का शोर तेज हो गया है। इसी बीच खबर सामने आई है कि करीब 300 से अधिक पाकिस्तानी हिन्दू इन चुनावों में मतदान करने का इंतजार कर रहे हैं। इन लोगों को उम्मीद है कि इस बार उन्हें इसकी परमीशन मिल जाएगी। चार साल की राधा बताती हैं कि वो अपने परिवार के साथ पाकिस्तान से भागकर भारत आई थीं। राधा अब भारतीय नागरिक बनकर भारत में एक नई जिन्दगी जी रही हैं और आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव में अपना पहला वोट डालने की तैयारी भी कर रही हैं। आइए जानते हैं कि क्या है पूरा मामला...

एएनआई के अनुसार राधा उन 300 पाकिस्तानी हिंदुओं में शामिल हैं, जिन्हें हाल ही में नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) 2019 के तहत भारतीय नागरिकता मिली है। इन सभी लोगों ने दिल्ली विधानसभा चुनावों से पहले मतदाता पहचान पत्र के लिए आवेदन किया है। इस नए कानून के तहत सरकार ने इस साल मई में इस समूह को नागरिकता प्रदान की थी। गौर करने वाली बात यह है कि इनमें से कई लोग सालों से भारत में रह रहे हैं, लेकिन अब तक वे नामहीन और राज्यविहीन हैं।

राधा ने बताया कि इस साल की शुरुआत में मुझे नागरिकता प्रमाणपत्र मिला है। हमने हाल ही में मतदाता पहचान-पत्र के लिए आवेदन किया है। यह पहली बार होगा जब मैं एक सच्चे भारतीय की तरह वोट डालूंगी। मुझे उम्मीद है कि जो भी सरकार सत्ता में आएगी, वह हमें यहां रहने देगी और हमारा समर्थन करेगी।

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बस्ती के प्रधान धर्मवीर सोलंकी ने बताया कि शिविर में 217 परिवार रहते हैं, जिनकी कुल संख्या लगभग 1000 है। सोलंकी 2013 में कई अन्य हिंदू परिवारों के साथ धार्मिक वीजा पर पाकिस्तान के सिंध से दिल्ली आए थे। उन्होंने कहा कि इनमें से 300 लोगों ने मतदाता पहचान पत्र के लिए आवेदन किया है। हमारे पास आधार कार्ड भी हैं और हमें जल्द ही राशन कार्ड मिलने की उम्मीद है।

2013 में दिल्ली आए 50 वर्षीय पूरन ने कहा कि पाकिस्तान में हम किसान थे। हम उत्पीड़न से बचने के लिए वहां से भागे थे। यहां हम खुश हैं, लेकिन खेती के लिए जमीन की कमी है। अगर सरकार हमें यमुना के किनारे पट्टे पर जमीन दे दे, तो हम कुछ भी उगा सकते हैं और अपने परिवारों का भरण-पोषण कर सकते हैं। एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, पूरन की दो पत्नियां और 21 बच्चे हैं। इनमें से 20 की शादी हो चुकी है और वह खेती के लिए जमीन सुरक्षित करना चाहते हैं।

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