Jangpura Chunav Result: मनीष सिसोदिया हार गए जंगपुरा की जंग, फिर से डिप्टी सीएम बनने का किया था दावा
- Jungpura Election Result: 2020 के चुनाव में पटपड़गंज सीट से मनीष सिसोदिया की जीत का अंतर 3000 वोट के करीब ही रह गया था। माना जा रहा है कि पिछली बार के परिणाम और इस बार भाजपा कैंडिडेट रविंद्र सिंह नेगी की ताकत को देखते हुए उन्होंने सीट ही बदल डाली।
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Jungpura Election Result LIVE: दिल्ली की जंगपुरा विधानसभा सीट से पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया हार गए हैं। उन्हें भाजपा के प्रत्याशी तरविंदर सिंह मारवाह ने 600 वोटों के अंतर से मात दी। जंगपुरा की सीट पर देश की आजादी के बाद पहली बार भाजपा को जीत मिली है, जो उसके लिए बड़ी सफलता है। इस सीट पर पूरे देश की नजरें थीं क्योंकि यहां मनीष सिसोदिया ने खुद कहा था कि वह जीत गए तो डिप्टी सीएम बनेंगे। अरविंद केजरीवाल ने भी उन्हें फिर से उपमुख्यमंत्री बनाने का ऐलान किया था। ऐसे में उनकी हार चौंकाने वाली है। मनीष सिसोदिया के अलावा पूर्व सीएम और पार्टी के सबसे बड़े चेहरे अरविंद केजरीवाल भी हार गए हैं।
मनीष सिसोदिया इस चुनाव से पहले तक ईस्ट दिल्ली की पटपड़गंज सीट से चुनाव लड़ा करते थे, लेकिन इस बार वह जंगपुरा की जंग में उतरे थे। 2020 के चुनाव में पटपड़गंज सीट से मनीष सिसोदिया की जीत का अंतर 3000 वोट के करीब ही रह गया था। माना जा रहा है कि पिछली बार के परिणाम और इस बार भाजपा कैंडिडेट रविंद्र सिंह नेगी की ताकत को देखते हुए उन्होंने सीट ही बदल डाली। इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला माना जा रहा था। भाजपा से तरविंदर सिंह मारवाह उनके मुकाबले में थे, जो कभी कांग्रेसी नेता थे और पूर्व विधायक रहे हैं। इसके अलावा कांग्रेस से फरहाद सूरी मैदान में थे।
तरविंदर सिंह की स्थानीय स्तर पर अच्छी साख मानी जाती है और उन्हें लोकल कनेक्ट वाला नेता माना जाता है। इसके अलावा मुस्लिम वोटों में फरहाद सूरी सेंध ने भी लगा दी। सिसोदिया ने यहां तक आरोप लगाया था कि जंगपुरा में भाजपा पैसे बांट रही है। उसे पुलिस प्रशासन और चुनाव आयोग से भी मदद की जा रही है। उन्होंने चुनाव आयोग से अपील की थी कि यदि आपके अंदर जरा भी आत्मसम्मान बचा है तो फिर संविधान की हत्या करने वालों के खिलाफ ऐक्शन लें।
बता दें कि मनीष सिसोदिया के अलावा नई दिल्ली की सीट पर भी कड़ा मुकाबला देखा जा सकता है, जहां से खुद अरविंद केजरीवाल उतरे हैं। उनके मुकाबले भाजपा ने प्रवेश वर्मा तो वहीं कांग्रेस ने पूर्व सीएम शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित को उतारा था। 5 फरवरी को आए ज्यादातर एग्जिट पोल्स में भाजपा की दिल्ली में वापसी की भविष्यवाणी की गई है। सर्वे के मुताबिक भाजपा कुल 26 सालों के बाद दिल्ली की सत्ता में लौट सकती है।