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जो हथकड़ी तुम शीला दीक्षित को पहनाना चाहते थे, वो तुम खुद पहन चुके हो; संदीप दीक्षित का केजरीवाल पर वार

कांग्रेस नेता और नई दिल्ली विधानसभा सीट से उम्मीदवार संदीप दीक्षित ने शुक्रवार को ‘आप’ के मुखिया अरविंद केजरीवाल पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि 15 साल दिल्ली पर राज करने वाली शीला दीक्षित और कांग्रेस पार्टी हर अग्निपरीक्षा में पवित्र निकली हैं।

Praveen Sharma लाइव हिन्दुस्तानSat, 1 Feb 2025 08:02 AM
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जो हथकड़ी तुम शीला दीक्षित को पहनाना चाहते थे, वो तुम खुद पहन चुके हो; संदीप दीक्षित का केजरीवाल पर वार

कांग्रेस नेता और नई दिल्ली विधानसभा सीट से उम्मीदवार संदीप दीक्षित ने शुक्रवार को आम आदमी पार्टी (आप) के मुखिया अरविंद केजरीवाल पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि 15 साल दिल्ली पर राज करने वाली शीला दीक्षित और कांग्रेस पार्टी हर अग्निपरीक्षा में पवित्र निकली हैं। जो हथकड़ी तुम शीला दीक्षित को पहनाना चाहते थे, वे तुम खुद पहननी पड़ी हैं। आगामी 5 फरवरी को होने वाले चुनाव में नई दिल्ली सीट पर संदीप दीक्षित का मुकाबला ‘आप’ के अरविंद केजरीवाल और भाजपा के प्रवेश वर्मा से है।

संदीप दीक्षित ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि 'आप' सरकार के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उनके साथ खुली बहस की चुनौती स्वीकार नहीं की क्योंकि उनमें दिल्ली से जुड़े सवालों का जवाब देने की हिम्मत नहीं है। उन्होंने यह दावा भी किया कि नई दिल्ली में केजरीवाल की जमानत आज ही जब्त हो गई। दीक्षित ने केजरीवाल को शुक्रवार दोपहर 2 बजे जंतर-मंतर पहुंचकर बहस करने की चुनौती थी। उन्होंने इसके लिए जंतर-मंजर पर मंच भी बनाया था।

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संदीप दीक्षित ने कहा कि तय समय से 45 मिनट तक इंतजार करने के बावजूद केजरीवाल जी नहीं पहुंचे। केजरीवाल जी, आपने आज यहां नहीं आकर, सवालों का जवाब का हिम्मत नहीं दिखाकर यह बताया है कि अभी आपकी जमानत जब्त हो गई है, चुनाव में देखते हैं क्या होता है।

संदीप दीक्षित ने एक मंच से कहा, ''15 साल जिसने इस दिल्ली में राज किया है, वो मेरी मां तो थीं, पर वो दिल्ली की भी मां थींं। दिल्ली का नागरिक आज यह सवाल भी पूछता है कि तुम जो साढ़े तीन सौ पेज लेकर घूमा करते थे। तुम कहा करते थे कि शीला दीक्षित जी के खिलाफ मेरे पास सबूत हैं। 10 साल में वो सबूत कहां गए। केजरीवाल जी 10 साल से इंतजार कर रहा हूं। वो हथकड़ी जो आप शीला जी को लगाना चाहते थे, दुर्भाग्य से आज उसे आपको खुद पहनना पड़ा है। ये है नियति की नियति। याद रखिएगा, आप भगवान को मानो, अल्लाह को मानो, वाहे गुरु को मानो उसकी लाठी में जो दम है ना वो किसी और की लाठी में दम नहीं है। आज आपने अगर घर-घर शराब बांटकर कुछ गलत काम किया तो उसके कर्मों का आप भुगतोगे। 10 साल में ये वो अग्नि परीक्षा थी, एक अग्नि परीक्षा सीता माता ने की थी आग के अंदर जाकर, 10 साल हमने भी वो अग्नि परीक्षा की है। उस अग्नि परीक्षा में जितनी पवित्र कांग्रेस निकली है, जितनी पवित्र शीला जी निकली हैं, जितनी पवित्र सोनिया गांधी निकली हैं। शायद हिन्दुस्तान का और कोई नेता नहीं होगा। सारी फाइलें अरविंद केजरीवाल के पास, सारी फाइलें भारतीय जनता पार्टी के पास, अरे एक शब्द ही निकाल लेते। हिम्मत है तो एक शब्द निकाल लेते। आज आपके पास अपने झूठ के सिवाय और कुछ लहराने को नहीं है। एक दिल्ली का नागरिक होकर मुझे निराशा होती है कि एक साधारण आदमी के सवाल का जवाब देने के लिए भी आपके पास हिम्मत नहीं रही।''

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