Notification Icon
Hindi Newsएनसीआर न्यूज़गाज़ियाबादTragic Accident Father and Son Killed by Runaway Bullock Cart After Encountering Nilgai Herd

हादसा: मिट्टी भरी बुग्गी पलटने से पिता-पुत्र की मौत

नील गायों का झुंड झाड़ियों से निकलने पर बिदक गया खच्चर बर्तन बनाने

Newswrap हिन्दुस्तान, गाज़ियाबादWed, 18 Sep 2024 12:17 PM
share Share

नील गायों का झुंड झाड़ियों से निकलने पर बिदक गया खच्चर बर्तन बनाने के लिए जंगल से मिट्टी लेकर लौट रहे रहे थे पिता-पुत्र

ट्रांस हिंडन, संवाददाता। टीला मोड़ थाना क्षेत्र के निस्तौली गांव में बुधवार तड़के बुग्गी पलटने से पिता-पुत्र की मौत हो गई। बेटे की गर्दन पहिये के नीचे कुचल गई और पिता की मिट्टी में दबने से मौत हो गई। दोनों बर्तन बनाने के लिए मिट्टी लेने गए थे। इस दौरान झाड़ियों से अचानक नील गायों का झुंड बाहर निकलने पर खच्चर बिदक गया। इस कारण बुग्गी अनियंतित्र होकर पलट गई। हादसे की सूचना पर पुलिस पहुंची, लेकिन ग्रामीणों ने पोस्टमार्टम न कराने का आग्रह किया। लिखित में देने पर शव परिजनों के सुपुर्द कर दिए।

निस्तौली गांव में रहने वाले ताराचंद प्रजापति के छह बेटे हैं। तीसरे नंबर के दिनेश गांव में पत्नी सरोज व दो बेटों 18 वर्षीय प्रियांशु व 14 वर्षीय दीपांशु के साथ रहते थे। दिनेश मजदूरी करते थे, जबकि उनके बड़े भाई सुरेश मिट्टी के बर्तन बनाते हैं। प्रियांशु 12वीं की पढ़ाई कर रहा था, जबकि दीपांशु आठवीं कक्षा में है। बुधवार सुबह लगभग साढ़े चार बजे दिनेश अपने बड़े भाई सुरेश के बर्तन बनाने के लिए गांव के जंगल से बुग्गी से मिट्टी लेने प्रियांशु के साथ गए थे। बुग्गी में उन्होंने खच्चर बांधा हुआ था। मिट्टी भरकर लौटते समय जंगल में बड़ी झाड़ियों में से पांच बजे अचानक नील गायों का झुंड निकला। अचानक इतने सारे नील गायों को देखकर खच्चर बिदक गया और वह भी बुग्गी लेकर इधर-उधर दौड़ने लगा। दिनेश ने बुग्गी व खच्चर को नियंत्रित करने का हर संभव प्रयास किया। तभी बुग्गी के ऊपर से गुजरी एक नील गाय की टक्कर सिर में लगने से प्रियांशु गिर गया और उसकी गर्दन से मिट्टी से भरी बुग्गी का पहिया गुजर गया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। इसके साथ ही अनियंत्रित बुग्गी पलटने से दिनेश भी घायल हो गया और वह बुग्गी की मिट्टी के नीचे दब गया, जिससे उसकी भी मौत हो गई। ग्रामीणों के जंगल जाने पर हादसे का पता चला।

हादसे के घर में मचा कोहराम

हादसे की सूचना मिलते ही जहां पूरे परिवार में कोहराम मच गया, वहीं जिसे भी इस बारे में पता चला वह दिनेश के घर की तरफ दौड़ा चला आया। गांव के हर व्यक्ति की आंखे हादसे को सुनकर नम थीं। किसी को भी यकीन नहीं था कि नील गायों का झुंड इस प्रकार पिता-पुत्र की मौत का कारण बन जाएगा।

परिजनों ने नहीं कराया पोस्टमार्टम

हादसे की सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची टीला मोड़ पुलिस ने दोनों के शव कब्जे में लिए और पंचनामा भरने की कार्रवाई की। इस दौरान परिजनों ने दोनों का अंतिम संस्कार कराने के इंकार कर दिया। गांव के लोगों व परिजनों की लिखित सहमति पर पुलिस ने शव परिजनों को सौंप दिये।

गांव के ही शमशान घाट पर किया अंतिम संस्कार

गांव के पूर्व प्रधान कृष्ण सिंह ने बताया कि पंचनामा की कार्रवाई होने के बाद परिजनों ने गांव के ही शमशान घाट पर पिता-पुत्र के शव का अंतिम संस्कार कर दिया। हादसे से पूरा गांव हतप्रभ था और अंतिम संस्कार में भी पूरा गांव ही उमड़ पड़ा। हर किसी को दोनों की मौत का अफसोस हो रहा था।

छह भाइयों में तीसरे नंबर के थे दिनेश कुमार प्रजापति

दिनेश प्रजापति छह भाईयों में तीसरे नंबर के थे। उनसे बड़े दो और छोटे तीन भाई है। परिवार के लोगों ने बताया कि सबसे बड़े भाई मिट्टी के बर्तन बनाते हैं, जबकि एक छोटा भाई सतीश बाइक का मिस्त्री है जबकि उससे छोटा मनोज पहले परचून की दुकान करता था और अब वह भी अन्य भाईयों के साथ ही मजदूरी करता है।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें