कूड़े की किचकिच: बॉर्डर से लेकर शहर भर में लगे कूड़े के ढेर
- नगर निगम की नाकामी से गाजियाबाद में बढ़ रही गंदगी ट्रांस हिंडन, वरिष्ठ
- नगर निगम की नाकामी से गाजियाबाद में बढ़ रही गंदगी ट्रांस हिंडन, वरिष्ठ संवाददाता। शहर में प्रवेश से लेकर अंदरूनी मार्ग तक कई जगह कूड़े के ढेर लगे हैं, जो न सिर्फ स्वच्छता को बर्बाद कर रहे हैं बल्कि प्रदूषण भी बढ़ा रहे हैं। एक ओर शहर में स्वच्छता अभियान चल रहा है तो वहीं दूसरी ओर ऐसे कूड़े के ढेर अभियान की पोल भी खोल रहे हैं। शहर के हर प्रमुख मार्ग पर ये खुले में पड़ा कूड़ा शहरवासियों के परेशानी का सबब बना हुआ है। कूड़े के निस्तारण की योजना न होने के कारण बरसात के दिनों में नगर निगम खुले स्थानोें से कूड़ा उठाने में भी नाकाम साबित हो रहा है, जिसका परिणाम है कि शहर में बॉर्डर से लेकर अंदरूनी मार्गों तक कूडे के ढेर लगे हैं। बारिश में गंदगी से बजबजाते मार्ग, बदबू व प्रदूषण के कारण शहरवासियों को बड़ी मुश्किलों को सामाना करना पड़ रहा है।
भोपुरा बॉर्डर से हिंडन एयरफोर्स स्टेशन आने वाला मेन वजीराबाद रोड शहर का प्रमुख मार्ग है, जिससे होकर लोग हिंडन एयरपोर्ट भी जाते हैं। दिल्ली जाने वाले इस मार्ग पर दो स्थानों पर कूड़े के ढेर लगे हैं। भोपुरा और तुलसी निकेतन में सड़क के किनारे नगर निगम की गाड़ियां कूड़ा डालती हैं, जो सड़क तक फैलता है।इससे मार्ग संकरा हो जाता है। कूड़े के कारण यातायात में बाधा पहुंचती है और आसपास के क्षेत्र में बदबू से लोगों का बुरा हाल हो रहा है। भोपुरा पर सबसे ज्यादा समस्या है। सुंदरता के लिए यहां प्रवेश द्वार बना दिया है, लेकिन कूड़ा शहर की शान को कचरे में मिला रहा है। लोगों का कहना है कि कूड़े में खाने-पीने की चीजें होने के कारण हर जगह बड़ी संख्या में गाय व अन्य बेसहारा पशु यहां मंडराते रहते हैं। इस कारण हादसे का खतरा रहता है। वाहन चालकों के साथ गायों के चोटिल हो सकती हैं।
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गाजियाबाद में प्रवेश करते ही बदबू-गंदगी से सामना
गाजियाबाद को यूपी का प्रवेश द्वार कहा जाता है और प्रदेश में सबसे स्वच्छ का तमगा भी गाजियाबाद नगर निगम के पास है, लेकिन अप्सरा बॉर्डर पर दिल्ली से गाजियाबाद में प्रवेश करते हैं तो इस तमगे की छवि धूमिल होती है। प्रवेश करते ही कूड़े का ऊंचा ढेर दिखता है। साथ ही बदबू भी आने लगती है और कूड़े का कारण यातायात भी बाधित हो रहा है। यह कूड़ा फैलकर सड़क तक फैल जाता है और दोपहिया वाहन चालकों को सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है। उन्हें इसी कूड़े के बीच से होकर जाना पड़ रहा है। रोजाना बड़ी संख्या में नौकरीपेशा व कारोबारी दिल्ली व गाजियाबाद आते-जाते हैं, उन्हें इस समस्या से रोजाना दो-चार होना पड़ रहा है। स्थानीय व्यापारियों ने कई बार शिकायत भी की, लेकिन समस्या रोजाना बड़ी होती जा रही है। लोग यहां के फोटो व वीडियो लगातार सोशल मीडिया पर डाल रहे हैं ताकि समस्या का समाधान हो जाए, लेकिन निगम यहां से कूड़ा हटाने में नाकाम साबित हो रहा है।
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पॉश इलाके में डंपिंग ग्राउंड बनाया
वसुंधरा दिल्ली से सटे गाजियाबाद का एक पॉश इलाका है, जहां सेक्टर चार में नगर निगम ने आबादी के बीच डंपिंग ग्राउंड बना रखा है। लोग लंबे समय से इसे हटाने की मुहिम चला रहे हैं, लेकिन इसका कोई असर नहीं हो रहा है। बारिश में यहां के हालात बदतर हो गए हैं। कूड़ा डालने और उठाने की प्रक्रिया में जमीन में गड्ढा हो रहा है, जिसमें बारिश का पानी भर जाता है। इसी पानी में कूड़ा डाल दिया जाता है, जिसके सड़ने पर आसपास 300-400 मीटर के दायरे में रहने वाले लोग बदबू से परेशान हैं। बच्चों व बुजुर्गों को इस डंपिंग ग्राउंड से सबसे ज्यादा समस्या हो रही है। वहीं यहांं लगने वाले साप्ताहिक बाजार में खरीददारों की संख्या भी घट रही है।
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मेन वजीराबाद रोड पर कूड़े का अंबार है। तुलसी निकेतन और भोपुरा पर कई सौ टन कूड़ा पड़ा सड़ता रहता है। इस पर मवेशियों घूमते हैं, जिससे राहगीरों के चोटिल होने का भी खतरा बना हुआ है। - रविंद्र होल्कर, पंचशील कॉलोनी।
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हैरानी की बात है कि जो नगर निगम कूड़े के निस्तारण का हल नहीं खोज पाया, वह लगातार स्वच्छता का सिरमौर बन रहा है। वसुंधरा व अप्सरा बॉर्डर से लेकर शहर भर में कूड़े के ढेर व्यवस्था की पोल खोल रहे हैं। - कैलाश, वसुंधरा।
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बरसात में कूड़े के निस्तारण की प्रक्रिया बाधित होती है। कूड़ा भींग जाने से इसे अलग करने में समस्या आती है। हर जगह से रोजाना कूड़ा उठाया जा रहा है। जल्द ही सभी स्थानों को कूड़ामुक्त करेंगे। - डॉ. मिथलेश कुमार, नगर स्वास्थ्य अधिकारी।
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