गाजियाबाद के 2 चरणों में बसेगी हरनंदीपुरम टाउनशिप, हाईटेक शहर में क्या-क्या होगा खास
गाजियाबाद के राजनगर एक्सटेंशन के पास नई टाउनशिप हरनंदीपुरम दो चरणों में बसेगी। पहले चरण में पांच गांव की करीब 334 हेक्टेयर जमीन पर इसे बसाया जाएगा। फिर दूसरे चरण में तीन गांव की करीब 124 हेक्टेयर जमीन पर इसका विस्तार होगा।
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गाजियाबाद के राजनगर एक्सटेंशन के पास नई टाउनशिप हरनंदीपुरम दो चरणों में बसेगी। पहले चरण में पांच गांव की करीब 334 हेक्टेयर जमीन पर इसे बसाया जाएगा। फिर दूसरे चरण में तीन गांव की करीब 124 हेक्टेयर जमीन पर इसका विस्तार होगा।
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) 20 साल बाद हरनंदीपुरम नाम की टाउनशिप बसाने में जुटा है। प्राधिकरण ने 8 गांवों की 501.2173 हेक्टेयर जमीन पर टाउनशिप बसाने की योजना तैयार की, लेकिन 3 गांव का सर्किल रेट ज्यादा होने के कारण प्राधिकरण की किसानों के साथ जमीन खरीदने को लेकर सहमति नहीं बन रही है। अब प्राधिकरण ने इस टाउनशिप को दो चरण में विकसित करेगा।
जीडीए के उपाध्यक्ष अतुल वत्स ने बताया कि प्राधिकरण पहले चरण में 5 गांव के किसानों से जमीन खरीदने की सहमति बनाने में जुटा है। इस संबंध में पूर्व में इन गांव के भू-धारकों से आपत्ति व सुझाव भी मांगे गए थे, जिनका प्राधिकरण द्वारा निस्तारण किया जा रहा है। पांच गांव की जमीन खरीदने के लिए डीएम की अध्यक्षता में बैठक होगी, जिसमें जमीन की कीमत तय हो सकती है।
पहले चरण में ये गांव शामिल होंगे : पहले चरण में मथुरापुर गांव की करीब 14 हेक्टेयर, शमशेर गांव की करीब 86 हेक्टेयर, चम्पतनगर गांव की करीब 33 हेक्टेयर, भनेड़ाखुर्द गांव की करीब नौ हेक्टेयर, नंगला फिरोज मोहनपुर की करीब 192 हेक्टेयर जमिन शामिल है। वहीं दूसरे चरण में तीन गांव शामिल हैं। इसमें भोवापुर गांव की करीब 53 हेक्टेयर, शाहपुर निज मोरटा की करीब 66 हेक्टेयर और मोरटा गांव की करीब पांच हेक्टेयर जमीन चिह्नित की गई है।
हाईटेक होगी पूरी टाउनशिप
टाउनशिप पूरी तरह हाईटेक बसाई जाएगी। रेन वाटर हार्वेसिटिंग सिस्टम की व्यवस्था होगी। इसके लिए एक कंट्रोल रूम होगा, जहां से ड्रेनेज और सीवरेज सिस्टम पर नजर रखी जा सकेगी। इसमें पानी व बिजली बचाने के लिए आर्टिफिशल इंटेलिजेंस का प्रयोग किया जाएगा। जल प्रबंधन सिस्टम को पूरी तरह से एआई बेस्ड होगा। डेटा एनालिसिस एआई के माध्यम से होगा, जिससे पानी बर्बाद नहीं होगा। इसके अलावा यदि कही पर पाइप में लीकेज होगा तो वह भी एआई के माध्यम से पता चल जाएगा। सौर ऊर्जा का प्रयोग होगा।
कई तरह की जमीन शामिल
योजना में ग्राम समाज की करीब 27 हेक्टेयर जमीन शामिल है। साथ ही 462 जमीन काश्तकारों की है। इसके अलावा करीब 19 हेक्टेयर जमीन जीडीए ने पूर्व में ही अर्जित कर रखी है। वहीं, करीब 11 हेक्टेयर जमीन का प्राधिकरण के पास लैंड बैंक मौजूद है।