एनएचएम हड़ताल से स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित
फरीदाबाद में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कर्मचारियों की हड़ताल सोमवार को 18वें दिन में प्रवेश कर गई। इससे स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हो रही हैं। कर्मचारियों ने सामूहिक रूप से मुंडन कराया और...
फरीदाबाद, वरिष्ठ संवाददाता। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत कार्यरत कर्मचारियों की हड़ताल को सोमवार को 18 दिन हो गए है। कर्मचारियों और सरकार के बीच मांगों को लेकर सहमति नहीं बन पाने से हड़ताल के चलते आमजन को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा कर्मचारियों ने हड़ताल को प्रभावी बनाने के लिए नए तरीके अपनाना शुरू कर दिया है। इसके तहत सोमवार को कर्मचारियों ने बीके चौक पर एकत्रित होकर सामूहिक रूप से मुंडन कराया। इससे पूर्व कर्मचारियों ने बीके चौक तक रैली निकाल कर विरोध भी दर्ज कराया। एनएचएम कर्मचारियों की हड़ताल 26 जुलाई से शुरू हुई थी। हड़ताल के बाद से स्वास्थ्य विभाग का लगभग 70 प्रतिशत काम प्रभावित हो गया है। इसमें स्वास्थ्य केंद्रों की ओपीडी, आपातकालीन सेवाएं, कार्यालय संबंधी कार्य, टेस्ट सहित कई तरह के कार्य प्रभावित हो गए हैं। आलम यह है कि कई प्रमुख स्वास्थ्य केंद्रों पर 18 दिनों से ताला लगा हुआ है। स्वास्थ्य केंद्रों के आसपास रहने वाले लोगों को चिकित्सकीय सुविधा के लिए बीके अस्पताल आना पड़ रहा है। हड़ताल के बाद से ही डबुआ, शिव दुर्गाविहार, पॉली क्लीनिक सेक्टर-55, सारन, हरिविहार सहित कई जगहों पर डिलीवरी बंद पड़े हैं। यहां पर ओपीडी सुविधा भी लोगों को नहीं मिल रही है।
टीकाकारण भी हो रहा है प्रभावित
स्मार्ट सिटी में प्रतिदिन साढ़े तीन से चार हजार बच्चों का टीकाकरण प्रतिदिन किया जाता है। हड़ताल के बाद से यह भी काफी अधिक प्रभावित हुआ है। स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार 30 हजार से अधिक बच्चों का टीकाकरण ड्यू है। बीके अस्पताल में भी नर्सिंग की छात्राएं बच्चों के टीकाकरण का काम कर रही हैं। डिलीवरी हट बंद रहने से पाली, खेड़ीकलां, तिगांव व कौराली स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, सेक्टर-30 एवं सेक्टर-तीन स्थित एफआरयू पर गर्भवतियों की डिलीवरी का अतिरिक्त कार्य बढ़ गया है।
आज मांगेंगे भीख
एनएचएम सांझा मोर्चा के राज्य उप प्रधान धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि हमारी मांगे पूरी होने तक विभिन्न तरह से विरोध प्रदर्शन दर्ज कराएंगे। मंगलवार को कर्मचारी सार्वजनिक रूप से भीख मांगकर विरोध प्रदर्शन करेंगे। कर्मचारियों के अभाव में स्वास्थ्य व्यवस्था बिल्कुल पटरी से उतर गई है, लेकिन सरकार अपनी जिद पर पड़ी हुई है। हमारी मांगे कर्मचारियों के हितों में हैं। इससे प्रदेश के 18 हजार कर्मचारियों को लाभ मिलेगा।
एंबुलेंस सेवा भी है प्रभावित
एनएचएम कर्मचारियों की हड़ताल में एंबुलेंस विभाग की शामिल हो गया है। इनके हड़ताल पर चले जाने से लोगों को काफी परेशानी हो रही है। यदि चिकित्सक द्वारा किसी रोगी को रेफर किया जाता है तो उसे एंबुलेंस के काफी मशक्कत करनी पड़ती है। एंबुलेंस सेवा को सुचारू बनाए रखने के लिए अस्पताल प्रबंधन की ओर से वैकल्पिक व्यवस्था की गई है, लेकिन इसका लाभ लोगों को नहीं मिल रहा है। लोगों को ऑटो या निजी एंबुलेंस से अपने रोगियों को लेकर जाना पड़ रहा है।
दंत विभाग के चिकित्सकों ने काले रिबन बांधकर किया काम
एनएचएम कर्मचारियों के अलावा बीके अस्पताल सहित विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों के दंत विभाग के चिकित्सकों ने भी अपनी मांगों को लेकर काले रिबन बांधकर काम किया। दंत चिकित्सकों का यह रोष मंगलवार को भी जारी रहेगा। बीके अस्पताल की ओपीडी कार्य डॉ. मीनू ने बताया कि सरकारी डेंटल सर्जन के साथ 16 वर्षों से भेदभाव हो रहा है। हरियाणा सिविल डेंटल सर्जन एसोसिएशन आह्वान पर काले रिबन लगाकर काम कर रहे हैं। उन्हें एसीपी का कोई लाभ नहीं मिल रहा है। इसके अलावा पंजाब, राजस्थान और दिल्ली की तर्ज पर डेंटल सर्जन का कैडर बनाया जाए। इसके अलावा कई डेंटल सर्जन अपना पूरा जीवन सरकारी अस्पताल में निकाल देते हैं, लेकिन उन्हें सुविधाओं का कोई लाभ नहीं मिल रहा है। यदि सरकार मांगों को नहीं मानती है तो 14 अगस्त को दो घंटे की हड़ताल पर भी रहेंगे।
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