दिल्ली की हवा हुई सबसे खराब, अगले 4 दिन रहेंगे और भारी; स्कूल बंद करने सहित इन कामों पर रोक
दिल्ली के आसमान पर छाई प्रदूषण की परत कम होने की बजाय और मोटी होती जा रही है। रविवार को दिल्ली के लोगों ने इस मौसम की सबसे ज्यादा प्रदूषित हवा में सांस ली। राजधानी की हवा गंभीर श्रेणी में बनी हुई है। वहीं, 13 इलाकों का एक्यूआई 450 अंक को पार करके ‘गंभीरतम’ स्तर श्रेणी में पहुंच गया है।
दिल्ली के आसमान पर छाई प्रदूषण की परत कम होने की बजाय और मोटी होती जा रही है। रविवार को दिल्ली के लोगों ने इस मौसम की सबसे ज्यादा प्रदूषित हवा में सांस ली। राजधानी की हवा गंभीर श्रेणी में बनी हुई है। वहीं, 13 इलाकों का एक्यूआई 450 अंक को पार करके गंभीरतम स्तर (सीवियर प्लस) श्रेणी में पहुंच गया है।
राजधानी में पिछले पांच दिनों में प्रदूषण अपने सबसे भयावह चरण में पहुंच गया है। कोहरे की परत के चलते दृश्यता का स्तर भी प्रभावित हो रहा है। प्रदूषण के चलते लोगों को सांस लेने में परेशानी, आंखों में जलन, गले और नाक में संक्रमण जैसी तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक, रविवार को दिल्ली का एक्यूआई 441 अंक पर रहा। शनिवार को यह 417 अंक पर था। 14 जनवरी को प्रदूषण का स्तर 447 अंक पर था, जो इस साल का सबसे खराब स्तर है।
मानकों से पौने चार गुना ज्यादा प्रदूषक तत्व मौजूद
हवा में प्रदूषक कण पीएम 10 का स्तर 100 से और पीएम 2.5 का स्तर 60 से कम होने पर ही उसे स्वास्थ्यकारी माना जाता है। सीपीसीबी के मुताबिक, दिल्ली-एनसीआर की हवा में रविवार को तीन बजे प्रदूषक पीएम 10 का औसत स्तर 383 और पीएम 2.5 का औसत स्तर 234 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर पर रहा। यानी हवा में मानकों से पौने चार गुने से भी ज्यादा प्रदूषण मौजूद है।
चार दिन तक राहत मिलने की उम्मीद नहीं के बराबर
वायु गुणवत्ता पूर्व चेतावनी प्रणाली के मुताबिक, तीन-चार दिनों के बीच हवा की औसत गति ज्यादा समय में 10 किलोमीटर प्रति घंटे से कम रहेगी। प्रदूषण का वेंटिलेशन इंडेक्स भी छह हजार से नीचे रहेगा। इससे राहत की उम्मीद कम है।
बच्चों और बुजुर्गों से घरों के अंदर रहने की अपील
वायु गुणवत्ता आयोग ने दिल्ली के आम लोगों से ग्रैप एक, दो और तीन के साथ जारी सिटीजन चार्टर का पालन करने की अपील की है। इसके साथ ही बच्चों, बुजुर्गों और जिन्हें सांस लेने, हृदय संबंधी अन्य बीमारियां हैं, उन्हें खुले में की जाने वाली गतिविधियों से बचने और ज्यादा से ज्यादा घर के अंदर ही रहने का आग्रह किया है।
ये पाबंदियां भी लागू होंगी : दिल्ली के बाहर रजिस्टर्ड हल्के कॉमर्शियल वाहनों के प्रवेश पर रोक रहेगी। आवश्यक सेवाओं, ईवी-सीएनजी और बीएस-6 मानक वाले डीजल संचालित वाहनों को छूट। वहीं, दिल्ली में पंजीकृत बीएस-4 और इससे नीचे के डीजल संचालित मध्यम माल वाहन और भारी वाहन पर रोक रहेगी। एनसीआर और दिल्ली सरकार सार्विज कार्यालयों, नगर पालिका और निजी कार्यालयों को 50 फीसदी क्षमता पर काम करने और बाकी को घर से काम करने की अनुमति देने पर निर्णय ले सकती हैं।
केंद्र सरकार के कार्यालयों में कर्मचारियों को घर से काम करने की अनुमति देने पर केंद्र सरकार निर्णय ले सकती है। इसके अलावा राज्य सरकारें कॉलेजों-शैक्षिक संस्थानों को बंद करने, गैर-आपातकालीन कॉमर्शियल गतिविधियों को बंद करने, रजिस्ट्रेशन नंबर के ऑड-ईवन आधार पर वाहनों को चलाने की अनुमति देने जैसे अतिरिक्त आपातकालीन उपायों पर विचार कर सकती हैं।
37 प्रतिशत तक पहुंची पराली के धुएं की हिस्सेदारी
हवा की दिशा में बदलाव के बाद दिल्ली के प्रदूषण में पराली के धुएं की हिस्सेदारी भी बढ़ी है। खासतौर पर शुक्रवार को पराली की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा 37 फीसदी तक रही। इससे पहले एक नवंबर को पराली की हिस्सेदारी 35 फीसदी तक रही थी।
जमीनी स्तर पर नजर नहीं आ रहे उपाय
दिल्ली में विभिन्न स्थानों पर प्रदूषण नियंत्रित करने को लेकर किए गए इंतजाम जमीनी स्तर पर नजर नहीं आ रहे हैं। आजादपुर बाजार, पंजाबी बाग में मुख्य सड़क के पास मौजूद पार्कों सहित कई जिला पार्कों और अवैध कूड़ा स्थलों पर स्थित कचरे को जलाया जा रहा है। स्थानीय निवासी लगातार निगम ऐप 311 पर शिकायत कर रहे हैं, लेकिन ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है। हालांकि, विभागों का दावा है कि उनकी तरफ से लगातार प्रदूषण की रोकथाम को लेकर टीमें तैनात की गई हैं। वह निगरानी भी कर रही हैं।