पुरुष भाजपा तो महिलाएं आप की मुरीद, 'जेंडर डिवाइड' थ्योरी से केजरीवाल रिटर्न्स की क्या उम्मीद?
Delhi Exit Poll 2025: बकौल देशमुख दिल्ली चुनावों में जेंडर और क्लास डिविजन हुआ है। हालांकि यह 2020 के चुनावों में भी हुआ था लेकिन मौजूदा चुनाव में जेंडर गैप बहुत बड़ा दिख रहा है।
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Delhi Exit Poll 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए हुए मतदान के बाद बुधवार को विभिन्न मीडिया संस्थानों के एग्जिट पोल के नतीजों में स्पष्ट बहुमत के साथ भाजपा सरकार बनने का अनुमान जताया गया है। अगर चुनावी सर्वे के आंकड़े नतीजों में तब्दील होते हैं तो 26 साल बाद दिल्ली में भाजपा सरकार की वापसी हो सकेगी। एग्जिट पोल नतीजों को देख कर जहां भाजपा खेमे में खुशी का माहौल है और पार्टी ने दावा किया है कि राष्ट्रीय राजधानी में अगली सरकार उसी की बनेगी, वहीं आप 8 फरवरी को चमत्कार की उम्मीद कर रही है और चौथी बार केजरीवाल सरकार के सपने देख रही है।
इस बीच, चुनावी विश्लेषक यशवंत देशमुख ने आज तक पर एक शो में भाग लेते हुए कहा कि इस चुनाव में दिल्ली में कई स्तरों पर समाज में बंटवारा देखने को मिला है। उन्होंने कहा कि मोटे तोर पर पुरुष भाजपा के साथ जबकि महिलाएं आम आदमी पार्टी के साथ नजर आईं। उन्होंने इसके पीछे तर्क दिया कि आम बजट के बाद मिडिल क्लास पुरुषों ने भाजपा की ओर रुख किया। इससे पहले भी शीशमहल और शराब घोटाला विवाद में उनकी राय केजरीवाल के प्रति बदली-बदली सी थी लेकिन 12 लाख रुपये तक की आय को कर दायरे से मुक्त करने से वह भाजपा की तरफ हो गया। हालांकि दिहाड़ी मजदूर और झुग्गी-झोपड़ी के पुरुषों का झुकाव आप की तरफ रहा।
देशमुख ने कहा कि दिल्ली की महिलाओं पर 2100 या 2500 रुपये का मुद्दा ज्यादा प्रभाव नहीं छोड़ पाया जितना कि फ्री बस यात्रा और मोहल्ला क्लिनिक ने उन पर असर डाला है। देशमुख के अनुसार दिल्ली चुनावों में एक तरफ झुग्गी-झोपड़ी और दिहाड़ी मजदूरी करने वाले रहे हैं, जबकि दूसरी तरफ हाई क्लास वोटर रहे हैं। हाई क्लास वोटर की आबादी का एक बड़ा हिस्सा मतदान करने से बचता है, जबकि झुग्गी-झोपड़ी और दिहाड़ी मजदूर वाला वर्ग (महिला और पुरुष दोनों) लोकतंत्र के इस उत्सव में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेता है।
बकौल देशमुख दिल्ली चुनावों में जेंडर और क्लास डिविजन हुआ है। हालांकि यह 2020 के चुनावों में भी हुआ था लेकिन मौजूदा चुनाव में जेंडर गैप बहुत बड़ा दिख रहा है। इसका नतीजा यह हुआ है कि एक ही परिवार में पुरुष भाजपा को तो महिलाएं आप को भी वोट दे सकी हैं। बता दें कि दिल्ली में 1.5 करोड़ मतदाता हैं। इनमें से 70 लाख महिलाएं हैं तो 80 लाख पुरुष हैं। इनके अलावा दलित-ओबीसी और मुस्लिम वोटर्स भी फैक्टर रहे हैं। अगर जेंडर, क्लास और कास्ट डिवीजन की थ्योरी सचमुच सही साबित होती है तो एग्जिट पोल के नतीजे बदल सकते हैं और केजरीवाल रिटर्न्स की भी उम्मीद बन सकती है। दिल्ली में 70 विधानसभा सीटे हैं और बहुमत के लिए 36 सीटें चाहिए। फिलहाल दो सर्वे छोड़कर सभी में आप को 25 से 30 सीटें मिलने का अनुमान जताया है। 2020 में उसे 62 सीटें मिली थीं।
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