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चुनाव लड़ना कोई मौलिक अधिकार नहीं; पुलिस ने किया ताहिर हुसैन को अंतरिम जमानत देने का विरोध

  • हुसैन के वकील ने कहा कि 2024 में एक ट्रायल कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर के वर्तमान सांसद राशिद इंजीनियर को लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए कथित आतंकी फंडिंग मामले में तीन महीने की अंतरिम जमानत दी थी।

Sourabh Jain पीटीआई, नई दिल्लीTue, 14 Jan 2025 05:14 PM
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दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को जेल में बंद आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता ताहिर हुसैन की उस याचिका का विरोध किया, जिसमें उन्होंने आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए हाई कोर्ट से अंतरिम जमानत मांगी है। ताहिर को 5 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए AIMIM ने मुस्तफाबाद सीट से टिकट दिया है। जिसके बाद हुसैन ने चुनाव लड़ने के लिए अदालत से 14 जनवरी से 9 फरवरी तक के लिए अंतरिम जमानत की मांग की है।

ताहिर हुसैन की याचिका का विरोध करते दिल्ली पुलिस ने ताहिर को फरवरी 2020 के दंगों का मुख्य साजिशकर्ता और वित्तीय मदद करने वाला बताया। साथ ही उच्च न्यायालय से कहा कि चुनाव लड़ना कोई मौलिक अधिकार नहीं है। पुलिस ने कहा कि ताहिर औपचारिकताएं पूरी कर सकते हैं और कस्टडी पैरोल पर भी चुनाव लड़ सकते हैं।

सुनवाई के दौरान अतिरिक्त महाधिवक्ता चेतन शर्मा ने कहा, 'हम ताहिर को नामांकन दाखिल करने, दस्तावेजों की जांच करने और बैंक खाता खोलने में सहायता करेंगे। साथ ही भले ही चुनाव मौलिक अधिकार नहीं है, फिर भी हम हिरासत पैरोल देने के लिए तैयार हैं।' जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद कहा कि वह इस मामले में आदेश पारित करेंगी।

हुसैन का पक्ष रख रहे वरिष्ठ वकील ने अदालत से कहा कि चुनाव लड़ना एक जटिल प्रक्रिया है, जिसके लिए उन्हें न केवल 17 जनवरी तक अपना नामांकन दाखिल करना होगा, बल्कि बैंक खाता भी खोलना होगा और इसके साथ ही प्रचार भी करना होगा। उन्होंने कहा कि यदि हुसैन को हिरासत पैरोल दी जाती है तो उन्हें प्रचार करने की अनुमति भी दी जानी चाहिए।

वरिष्ठ वकील ने अदालत को बताया कि हुसैन के खिलाफ दंगों से संबंधित 11 मामलों में से आठ मामलों में उन्हें जमानत मिल गई है और शेष बचे दो मामलों में अंतरिम राहत के लिए उनकी याचिका अदालतों में लंबित है। ताहिर हुसैन की तरफ से बोलते हुए वरिष्ठ वकील ने कहा कि, '4 तारीख को प्रचार खत्म हो जाएगा। मैं वोट दूंगा और आत्मसमर्पण करूंगा।'

हालांकि ASG शर्मा ने कहा कि वर्तमान मामले में मुकदमा इंटेलीजेंस ब्यूरो (आईबी) के एक कर्मचारी की हत्या के जघन्य अपराध से संबंधित है और यह एक महत्वपूर्ण चरण में है। शर्मा ने हुसैन को समाज के लिए खतरा बताते हुए कहा कि कहा कि चार गवाह मुकर गए हैं और उसकी रिहाई से स्थिति ध्रुवीकृत हो जाएगी। उन्होंने कुछ उदाहरण देते हुए कहा कि, 'अमृतपाल सिंह और कई अन्य लोगों की तरह जेल से भी नामांकन किया जा सकता है। उन्होंने भी जेल से चुनाव लड़ा था और जीता भी था।'

उधर जवाब में हुसैन के वकील ने कहा कि 2024 में एक ट्रायल कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर के वर्तमान सांसद राशिद इंजीनियर को लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए कथित आतंकी फंडिंग मामले में तीन महीने की अंतरिम जमानत दी थी।

उत्तर-पूर्वी दिल्ली में 24 फरवरी, 2020 को हिंसा भड़क उठी, जिसमें 53 लोग मारे गए थे और कई घायल हो गए थे।

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