दिल्ली के गांवों में खेती की जमीनों पर पुश्तैनी आधार पर मिलेगा मालिकाना हक, एलजी का ऐलान
अब दिल्ली के गांवों में कृषि जमीनों पर उत्तराधिकार के आधार पर मालिकाना हक दर्ज किया जाएगा। दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मंगलवार को इसकी घोषणा की। दिल्ली के ग्रामीण इलाकों में लंबे समय से इसकी मांग हो रही थी।
दिल्ली के ग्रामीण इलाकों में खेती की जमीनों का नामांतरण यानी दाखिल खारिज किए जाने की किसानों की मांग जल्द ही पूरी होगी। उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मंगलवार को घोषणा की कि दिल्ली के शहरीकृत गांवों में खेती जमीनों के लिए उत्तराधिकार यानी पैतृक आधार पर मालिकाना हक दर्ज किया जाएगा। दिल्ली पंचायत संघ ने इस कदम का स्वागत किया है। पंचायत संघ का कहना है कि जल्द ही गांवों में राजस्व अधिकारी इसके लिए कैंप लगाएंगे। दिल्ली के शहरीकृत ग्रामीण इलाकों में लोग लंबे समय से इसकी मांग कर रहे थे।
उत्तरी पश्चिम लोकसभा क्षेत्र के मंगोलपुरी औद्योगिक क्षेत्र में आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए एलजी वीके सक्सेना ने कहा- आज पीएम मोदी का जन्मदिन है। यह दिन दिल्ली के गांवों के लिए ऐतिहासिक दिन के रूप में याद किया जाएगा। मैं आपको सूचित करना चाहता हूं कि आज से दिल्ली के शहरीकृत गांवों में खेती की जमीनों का उत्तराधिकार के आधार पर दाखिल-खारिज अब राजस्व अधिकारियों द्वारा किया जाएगा, जैसा कि पहले होता था।
एलजी ने कहा कि इस हफ्ते गांवों में शिविर लगाकर इस प्रक्रिया की शुरुआत की जाएगी। इस फैसले से दिल्ली के उन लाखों निवासियों की लंबे समय से लंबित मांग को पूरा करेगा, जिन्हें 2010 से उनकी सही विरासत से वंचित रखा गया है। आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, राजधानी के गांवों का नियमित दौरा करने के दौरान एलजी सक्सेना को इससे जुड़ी शिकायतें मिली थीं। यही नहीं इस मुद्दे को लेकर दिल्ली के सभी सात सांसदों के प्रतिनिधिमंडल ने एलजी से मुलाकात कर के उन्हें ज्ञापन सौंपा था।
लंबे समय से चली आ रही इस मांग के पूरा होने पर पंचायत संघ ने उपराज्यपाल का आभार जताया और दिल्ली देहात की 18 सूत्रीय मांगों को भी पूरा करने का आग्रह किया है। दिल्ली पंचायत संघ के अध्यक्ष थान सिंह यादव का कहना है कि कई वर्षों से दिल्ली देहात के किसानों के अधिकारों व 18 सूत्रीय मुद्दों के लिए आवाज उठाता रहा है। मंगलवार को डीडीए की ओर से आयोजित कार्यक्रम में दिल्ली के राज्यपाल ने उनकी नामांतरण की मांग को पूरा कर जल्द ही इसकी प्रक्रिया शुरू किए जाने की घोषणा की है।
दिल्ली पंचायत संघ के अध्यक्ष थान सिंह यादव ने कहा कि उपराज्यपाल की ओर से उनकी इन मांगों का संज्ञान लिए जाने के बाद अब सभी मुद्दों के हल होने की उम्मीद है। दिल्ली देहात व 360 गांवों के पंचायत प्रमुखों के साथ उपराज्यपाल व दिल्ली के सभी लोकसभा सांसदों से मिलेंगे। पंचायत संघ जल्द ही गांवों को लाल डोरा व विस्तारित लाल डोरा से मुक्त कराने, गांवों को मालिकाना हक देने और गांवों को संपत्ति कर से मुक्त, रोजगार के लिए गांवों को व्यावसायिक श्रेणी में करने, भवन उपनियम से बाहर करने की भी मांग करेगा।
(एएनआई और हिन्दुस्तान संवाददाता के इनपुट पर आधारित)
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