Delhi Pollution : गैस चेंबर बन रही दिल्ली में 'पलूशन वाले लॉकडाउन' की आ सकती है नौबत; क्या-क्या होगा बंद
गैस चेंबर बनती जा रही दिल्ली की वायु गुणवत्ता खराब होने से राजधानी में सांस लेना भी अब मुश्किल हो गया है। सांसों पर आए संकट को कम करने के लिए अब ग्रैप-3 के प्रतिबंध भी लागू कर दिए गए हैं। अगर फिर भी हालात नहीं सुधरे तो आगे 'पलूशन वाले लॉकडाउन' की भी नौबत आ सकती है।
गैस चेंबर बनती जा रही दिल्ली की वायु गुणवत्ता खराब होने से राजधानी में सांस लेना भी अब मुश्किल हो गया है। स्थिति दिन-प्रतिदिन और बदतर होती जा रही है। सांसों पर आए संकट को कम करने के लिए अब ग्रैप-3 के प्रतिबंध भी लागू कर दिए गए हैं। अगर फिर भी हालात नहीं सुधरे तो आगे 'पलूशन वाले लॉकडाउन' की भी नौबत आ सकती है।
दिल्ली अक्षरधाम, सराय काले खां, आनंद विहार, इंडिया गेट और कई अन्य इलाकों में आज भी दि वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 400 पार बना हुआ है और शहर में धुंध की चादर छाई हुई है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, आनंद विहार क्षेत्र में शुक्रवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 441 दर्ज किया गया, जो 'गंभीर' श्रेणी में पहुंच गया है।
वायु गुणवत्ता गंभीर होने के कारण दिल्ली में ग्रैप-3 के प्रतिबंध लगाए गए हैं, जिसमें निर्माण, तोड़फोड़ और गैर-जरूरी खनन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। अंतरराज्यीय डीजल बसों पर प्रतिबंध और 5वीं क्लास तक के सभी स्कूलों के लिए ऑनलाइन क्लास शुरू करने जैसे कदम शामिल हैं।
वार्ता के अनुसार, गुरुवार को भी दिल्ली में एक्यूआई 400 से अधिक दर्ज किया गया था। मौसम विभाग ने दिल्ली और एनसीआर में 17 नवंबर तक रात और सुबह के समय धुंध और घना कोहरा छाए रहने की संभावना जताई है।
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) द्वारा लागू किए गए ग्रैप के तीसरे चरण के तहत, एनसीआर राज्यों से सभी अंतरराज्यीय बसों को- इलेक्ट्रिक वाहनों, सीएनजी वाहनों और बीएस-6 डीजल बसों को छोड़कर - दिल्ली में प्रवेश करने से प्रतिबंधित कर दिया गया है। साथ ही निर्माण और तोड़फोड़ पर कड़ा प्रतिबंध लगाया है। खनन संबंधी गतिविधियों को रोक दिया गया है। 5वीं क्लास तक के छात्रों के लिए अगले आदेश तक ऑनलाइन क्लास शुरू करने को कहा गया है और प्रमुख सड़कों पर रोजाना पानी का छिड़काव किया जाएगा।
जीआरएपी के तीसरे चरण के तहत दिल्ली और गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर जिलों में बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल वाहनों के चलने पर प्रतिबंध रहेगा। इस बीच अगर ग्रैप-4 लागू हुआ हो पिछले साल की तरह कई और प्रतिबंध भी बढ़ाए जा सकते हैं।
कब लागू होते हैं ग्रैप के प्रतिबंध
दिल्ली-एनसीआर के लिए ग्रैप को वायु गुणवत्ता के चार चरणों में बांटा गया है - चरण 1 “खराब” वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) के लिए जो 201 से 300 के बीच है, चरण 2 “बहुत खराब” एक्यूआई 301-400 के लिए, चरण 3 “गंभीर” एक्यूआई 401-450 के लिए और चरण 4 “बेहद गंभीर” एक्यूआई (450 से अधिक) के लिए है।
पिछले साल ग्रैप 4 लागू होने पर लगी थीं कौन-कौन सी पाबंदियां
1. दिल्ली में आवश्यक वस्तुओं को ले जाने वाले ट्रकों/आवश्यक सेवाएं प्रदान करने वाले ट्रकों और सभी एलएनजी/सीएनजी/इलेक्ट्रिक ट्रकों को छोड़कर अन्य ट्रक यातायात का प्रवेश रोक लगा दी गई थी।
2. आवश्यक वस्तुओं को ले जाने वाले/आवश्यक सेवाएं प्रदान करने वाले वाहनों और इलेक्ट्रिक वाहन/सीएनजी/बीएस-यू डीजल वाहनों के अलावा दिल्ली के बाहर रजिस्टर्ड वाहनों के दिल्ली में प्रवेश पर रोक लगाई गई थी।
3. आवश्यक वस्तुओं को ले जाने वाले/आवश्यक सेवाएं प्रदान करने वाले वाहनों के अलावा दिल्ली में रजिस्टर्ड डीजल से चलने वाले मध्यम माल वाहन (एमजीवी) और भारी माल वाहन (एचजीवी) के चलने पर प्रतिबंध लगाया गया था।
4. राजमार्गों, सड़कों, फ्लाईओवर, ओवरब्रिज, पावर ट्रांसमिशन, पाइपलाइनों आदि जैसी सार्वजनिक परियोजनाओं में सीएंडडी गतिविधियों पर भी प्रतिबंध लगाए गए थे।
5. दिल्ली-एनसीआर में क्लास VI-IX, कक्षा XI के लिए भी ऑफलाइन क्लास बंद करने और ऑनलाइन मोड में क्लास लगाई गई थीं
6. दिल्ली-एनसीआर में सार्वजनिक, नगरपालिका और निजी दफ्तरोंं में 50 फीसदी क्षमता पर काम करने और वर्क फ्रॉम होम शुरू करने पर विचार का आदेश दिया गया था।
7. केंद्र सरकार से भी उसके सरकारी दफ्तरों में कर्मचारियों के लिए घर से काम करने की अनुमति देने पर उचित निर्णय लेने की सलाह दी गई थी।
8. राज्य सरकारें कॉलेजों/शैक्षणिक संस्थानों को बंद करने और गैर-आपातकालीन वाणिज्यिक गतिविधियों को बंद करने, रजिस्ट्रेशन नंबरोंं के आधार पर वाहनों को ऑड-ईवन के आधार पर चलाने की अनुमति देने जैसे अतिरिक्त आपातकालीन उपायों पर विचार करने को कहा गया था।
बता दें कि, बच्चों, बुजुर्गों और सांस, हृदय और मस्तिष्क संबंधी या अन्य पुरानी बीमारियों से पीड़ित लोगों को बाहरी गतिविधियों से बचना चाहिए और जितना संभव हो सके घर के अंदर रहने की सलाह दी गई थी। इसके अलावा सभी नागरिकों से सिटीजन चार्टर का पालन करने और क्षेत्र में वायु गुणवत्ता को बनाए रखने और सुधारने के उद्देश्य से ग्रैप उपायों के प्रभावी कार्यान्वयन में सहायता करने का आग्रह किया गया था।