BJP ने दिल्ली की 2 सीटें बिहार के सहयोगियों के लिए छोड़ीं, शिंदे सेना के हाथ आई निराशा
भाजपा ने दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले विपक्षी दल के बीच मतभेद के बावजूद बिहार के एनडीए सहयोगियों जेडीयू और एलजेपी (रामविलास) के साथ समझौते को अंतिम रूप दे दिया है।
भाजपा ने दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले विपक्षी दल के बीच मतभेद के बावजूद बिहार के एनडीए सहयोगियों जेडीयू और एलजेपी (रामविलास) के साथ समझौते को अंतिम रूप दे दिया है। दिल्ली में एक ही चरण में 5 फरवरी को मतदान होगा और चुनाव के नतीजे 8 फरवरी को आएंगे।
भाजपा ने 5 फरवरी को होने वाले चुनाव के लिए गुरुवार को नौ उम्मीदवारों की अपनी चौथी सूची जारी कर दी। भाजपा ने दिल्ली की सभी 70 में से 68 सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की है। वहीं, 2 सीटें नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जेडीयू और चिराग पासवान के नेतृत्व वाली एलजेपी (आरवी) के लिए छोड़ी गई हैं।
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने गुरुवार शाम को एक आधिकारिक बयान में कहा कि पार्टी अपने सहयोगियों के लिए दो सीटें छोड़ रही है। बयान में कहा गया, “सीट-शेयरिंग के समझौते के तहत जेडीयू बुराड़ी विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ेगी, जबकि एलजेपी (आरवी) देवली सीट पर चुनाव लड़ेगी।”
जेडीयू ने बुराड़ी सीट से शैलेंद्र कुमार को अपना उम्मीदवार घोषित किया है, जबकि एलजेपी (आरवी) आज देवली से अपना उम्मीदवार उतार सकती है।
जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा, “सैद्धांतिक रूप से हम सभी ने मिलकर आम आदमी पार्टी (आप) को हराने पर सहमति जताई थी। अब जब सीटों के बंटवारे पर सहमति बन गई है, तो हम पूरी ताकत से मैदान में उतर रहे हैं।”
एनडीए के सूत्रों ने पुष्टि की है कि जेडीयू और एलजेपी (आरवी) दिल्ली में अपने-अपने चुनाव चिन्ह "तीर" और "हेलीकॉप्टर" पर चुनाव लड़ेंगे।
सूत्रों ने बताया कि एनडीए के एक अन्य सहयोगी एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना भी एक सीट चाहती थी और इस पर बातचीत भी चल रही थी, लेकिन उसे सीट नहीं मिल सकी, जबकि महाराष्ट्र से एनडीए के एक अन्य घटक दल अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी ने 11 उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं।
बिहार में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसे देखते हुए भाजपा वहां की पार्टियों को साथ लेकर चलने की कोशिश कर रही है। 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में जेडीयू ने बुराड़ी के अलावा एक अन्य पूर्वांचली बहुल सीट संगम विहार से भी चुनाव लड़ा था। उस समय, बुराड़ी में जयंत चौधरी की राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) का भी एक उम्मीदवार था, जो अब एनडीए की सहयोगी है। उस वक्त एलजेपी ने किराड़ी, बिजवासन, लक्ष्मी नगर, सीमापुरी और मुस्तफाबाद से उम्मीदवार उतारे थे।
भाजपा के एक नेता ने बताया कि मौजूदा स्थिति के अनुसार, एनडीए के तहत अब छह पूर्वांचली उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगे, जिनमें भाजपा के चार और जेडीयू तथा एलजेपी (आरवी) के एक-एक उम्मीदवार शामिल हैं। नेता ने बताया कि एलजेपी (आरवी) का उम्मीदवार पासवान समुदाय से होने की संभावना है।