Delhi Air Pollution: दिल्ली में सांस लेना भी मुश्किल, टॉप पर पहुंचा प्रदूषण; हवा 9 महीनों में सबसे खराब
मौसम में आए हल्के बदलाव के बाद दिल्ली की हवा इस सीजन के सबसे खराब स्तर पर पहुंच गई है। रविवार को दिल्ली के 13 इलाकों का वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 के पार यानी गंभीर श्रेणी में पहुंच गया।
मौसम में आए हल्के बदलाव के बाद दिल्ली की हवा इस सीजन के सबसे खराब स्तर पर पहुंच गई है। रविवार को दिल्ली के 13 इलाकों का वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 के पार यानी गंभीर श्रेणी में पहुंच गया। अगले दो-तीन दिनों के बीच भी दिल्ली की वायु गुणवत्ता में खास सुधार होने के आसार नहीं हैं।
दिल्ली में बीते दो दिनों में मौसम में हल्का बदलाव देखने को मिला है। पाकिस्तान और पश्चिमी राजस्थान के ऊपर बने चक्रवाती तूफान के चलते तापमान में हल्की गिरावट आई है। इससे सुबह में हल्की धुंध देखने को मिल रही है। साथ ही हवा की गति भी धीमी है। इससे प्रदूषण के स्तर में तेजी से इजाफा हुआ है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक, रविवार को दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 382 के स्तर पर रहा। इस स्तर की हवा को बेहद खराब श्रेणी में रखा जाता है। एक दिन पहले यानी शनिवार को यह सूचकांक 316 अंक पर था। यानी 24 घंटे में सूचकांक में 66 अंकों की बढ़ोतरी हुई है। द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, यह नौ महीनों में सबसे खराब एक्यूआई था। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों से पता चलता है कि इससे अधिक एक्यूआई पिछली बार 31 जनवरी को 392 दर्ज किया गया था। अक्टूबर में सबसे अधिक एक्यूआई 23 अक्टूबर को 'बहुत खराब' श्रेणी में 364 था। बुधवार तक हवा की गुणवत्ता 'बहुत खराब' श्रेणी में रहने की संभावना है।
आनंद विहार में हवा सबसे जहरीली दिल्ली के लिए चिंता की बात यह है कि राजधानी के 13 इलाकों का वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 के ऊपर यानी गंभीर श्रेणी में है। इन जगहों में रोहिणी, आनंद विहार, अशोक विहार, मुंडका जैसी कई भीड़-भाड़ व सघन आबादी वाली जगहें शामिल हैं। रविवार शाम चार बजे आनंद विहार का सूचकांक सबसे ज्यादा 444 के अंक पर रहा। वायु गुणवत्ता पूर्व चेतावनी प्रणाली के अनुसार दिल्ली में प्रदूषक कणों के बिखराव के लिए परिस्थितियां अनुकूल नहीं हैं। इसके चलते प्रदूषक कण ज्यादा देर तक वायुमंडल में बने रहेंगे। लिहाजा दो-तीन दिन तक राहत के आसार नहीं हैं।
मानक से तीन गुना ज्यादा प्रदूषण
मानक के मुताबिक हवा में प्रदूषक कण पीएम 10 का स्तर 100 से आ पीएम 2.5 का स्तर 60 से कम स्वास्थ्यकारी होता है। सीपीसीबी के मुताबिक, रविवार शाम तीन बजे दिल्ली-एनसीआर की हवा में पीएम 10 का स्तर 305 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर और पीएम 2.5 का स्तर 182 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा।
प्रदूषण फैलाने वाले 597 निर्माण स्थलों पर जुर्माना
वहीं, दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में प्रदूषण की स्थिति को देखते हुए ग्रैप के पहले और दूसरे चरण की पाबंदियां लागू की गई हैं। केन्द्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के मुताबिक, 15 अक्टूबर से लेकर 31 अक्टूबर के बीच ग्रैप प्रतिबंधों का उल्लंघन करने वाले 597 निर्माण स्थलों पर जुर्माना लगाया गया है। साथ ही 54 हजार वाहनों का चालान किया गया है।
आयोग ने सभी संबंधित संस्थाओं से इनका उल्लंघन करने वालों के खिलाफ तेज अभियान चलाने के निर्देश दिए थे। इन पर हो रही कार्रवाई की निगरानी के लिए आयोग द्वारा एक नियंत्रण कक्ष भी स्थापित किया गया है। साथ ही संबंधित अधिकारियों का वॉट्सऐप ग्रुप भी बनाया गया है।
सात हजार स्थलों का निरीक्षण किया : आयोग के मुताबिक, 15 अक्टूबर से 31 अक्टूबर के बीच चलाए गए अभियान में दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में अलग-अलग टीमों ने लगभग सात हजार निर्माण स्थलों का निरीक्षण किया। इस दौरान खामियां मिलने पर 597 निर्माण स्थलों पर जुर्माना लगाया गया है। नियमों का ज्यादा उल्लंघन कर रहे 56 निर्माण स्थलों पर काम को बंद करा दिया गया है। दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में लगभग 54 हजार वाहनों का चालान किया गया है। अपनी समयावधि पूरी कर चुके 3900 वाहनों पर भी कार्रवाई की गई।