दिल्ली दंगों के आरोपी व AIMIM प्रत्याशी शफी रहमान को भी कस्टडी पैरोल, कोर्ट ने दिया SC का हवाला
- अदालत ने ओखला विधानसभा सीट से प्रत्याशी शिफा उर रहमान को अपना चुनाव प्रचार करने के लिए जेल से बाहर आने की इजाजत दी। वह हर रोज 12 घंटे के लिए जेल से बाहर आ सकेंगे।
दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले कोर्ट ने AIMIM पार्टी के एक और उम्मीदवार व फरवरी 2020 में हुए दिल्ली दंगों के आरोपी को राहत देते हुए कस्टडी पैरोल दे दी। अदालत ने ओखला विधानसभा सीट से प्रत्याशी शिफा उर रहमान को विधानसभा चुनाव में प्रचार के लिए 30 जनवरी से तीन फरवरी तक 5 दिन के लिए ‘कस्टडी पैरोल’ दी।
रहमान की चार सप्ताह की अंतरिम जमानत याचिका पर सुनवाई कर रहे अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश समीर बाजपेयी ने सुरक्षा खर्च के रूप में 2.07 लाख रुपए जमा करने पर रहमान को 30 जनवरी से 3 फरवरी तक प्रतिदिन 12 घंटे के लिए रिहा करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने उन्हें कस्टडी पैरोल देते हुए कुछ हिदायतें भी दीं।
कोर्ट ने दिया सुप्रीम कोर्ट का हवाला
सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा, ‘हालांकि मौजूदा मामला और वह मामला जिसमें सह-आरोपी मोहम्मद ताहिर हुसैन को सुप्रीम कोर्ट द्वारा हिरासत में पैरोल दी गई है, दोनों बिल्कुल अलग हैं, फिर भी जब सुप्रीम कोर्ट ने सह-आरोपी को अंतरिम जमानत ना देते हुए उसे केवल कस्टडी पैरोल (हिरासत में पैरोल) दी है, तो इस अदालत को भी उसी का पालन करना चाहिए।’
पैरोल देते हुए लगाई ये पाबंदी
अदालत ने रहमान को कस्टडी पैरोल देते हुए कुछ पाबंदियां भी लगाईं। कोर्ट ने उन्हें आदेश दिया कि वे अपने चुनाव प्रचार अभियान, भाषण या प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कोर्ट में लंबित उनसे जुड़े मामलों पर किसी तरह की कोई टिप्पणी नहीं कर सकेंगे।
इन बातों को लेकर दी छूट
इसके अलावा कोर्ट ने रहमान को जामिया नगर स्थित अपने घर में रहने, पार्टी कार्यालय जाने, बैठकों में भाग लेने, दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने और अपने चुनाव प्रचार अभियान प्रबंधकों और वकीलों से मिलने की अनुमति दी।
अदालत ने जेल अधीक्षक और संबंधित पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) को निर्देश दिया कि वे पांच दिनों के लिए उसकी कस्टडी पैरोल के खर्चों को पूरा करने के लिए ‘उपयुक्त राशि’ प्रदान करें।
असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली AIMIM (ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन) पार्टी ने आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव में ओखला निर्वाचन क्षेत्र से रहमान को अपना उम्मीदवार घोषित किया है। रहमान और कई अन्य लोगों पर फरवरी 2020 के दंगों के पीछे बड़ी साजिश के मास्टरमाइंड होने के आरोप में IPC के अलावा कड़े UAPA प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया था। इन दंगों में 53 लोग मारे गए थे और 700 से अधिक लोग घायल हुए थे।
कोर्ट के आदेश के अनुसार रहमान को प्रतिदिन 12 घंटे के लिए रिहा किया जाएगा, इसके बदले में उन्हें सुरक्षा शुल्क के रूप में 2 लाख रुपए भी जमा कराने होंगे। इससे एक दिन पहले दिल्ली दंगों के एक अन्य आरोपी व AIMIM के एक अन्य उम्मीदवार ताहिर हुसैन को सुप्रीम कोर्ट ने कस्टडी पैरोल दिया था।