Hindi Newsएनसीआर न्यूज़Congress may avoid personal attacks on Arvind Kejriwal in Delhi election, this is the reason

दिल्ली चुनाव में अरविंद केजरीवाल पर निजी हमलों में नरम दिखेगी कांग्रेस, ये है कारण

कांग्रेस आम आदमी पार्टी के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाने के बाद अब अपने कदम पीछे खींच रही है। शायद यही वजह है कि कांग्रेस के कोषाध्यक्ष अजय माकन की अरविंद केजरीवाल के खिलाफ देशद्रोह के सबूत सार्वजनिक करने वाली प्रेस कॉन्फ्रेंस को फिलहाल अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया गया है।

Praveen Sharma लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्ली। सुहेल हामिदWed, 8 Jan 2025 05:39 AM
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दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 का बिगुल बज चुका है। चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही सियासी पारा चढ़ने लगा है। प्रदेश कांग्रेस एक के बाद एक चुनावी गारंटियों का ऐलान कर रही है। सभी विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने से जहां कार्यकर्ता उत्साहित हैं, वहीं पार्टी को अपना 11 वर्ष पुराना प्रदर्शन दोहराने की उम्मीद है। इस सबके बावजूद पार्टी विपक्षी एकता को दांव पर नहीं लगाना चाहती है। इस कारण माना जा रहा है कि केजरीवाल पर चुनावी हमले में कांग्रेस नरम रुख अपना सकती है।

कांग्रेस राजधानी दिल्ली में आम आदमी पार्टी के साथ केरल और पंजाब जैसा रिश्ता रखना चाहती है। केरल में कांग्रेस की अगुवाई वाली यूडीएफ और लेफ्ट के नेतृत्व में बना एलडीएफ आमने-सामने हैं। स्थानीय स्तर पर दोनों पार्टियां एक-दूसरे के खिलाफ हैं पर राष्ट्रीय स्तर पर लेफ्ट पार्टियां इंडिया गठबंधन का हिस्सा है। पंजाब में भी आम आदमी पार्टी और कांग्रेस अलग-अलग चुनाव लड़ती हैं, पर दिल्ली में दोनों पार्टियों ने गठबंधन में लोकसभा चुनाव लड़ा था।

राजधानी दिल्ली में कांग्रेस केरल और पंजाब की तरह पूरी ताकत के साथ आम आदमी पार्टी के खिलाफ चुनाव लड़ेगी पर राष्ट्रीय स्तर पर इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस (इंडिया गठबंधन) के घटक दलों के बीच संतुलन बनाए रखना चाहती है। यही वजह है कि पार्टी आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल के खिलाफ व्यक्तिगत तौर पर बेहद आक्रामक रुख अपनाने से बच रही है। कांग्रेस का मानना है कि इस चुनाव में बयानबाजी का असर इंडिया गठबंधन पर नहीं होना चाहिए। इसी को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस आगे की रणनीति बनाने में जुटी है।

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‘आप’ नेता जमकर कर रहे बयानबाजी

पार्टी की मुश्किल यह है कि आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल कांग्रेस पर निशाना साधने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। वह लगातार पार्टी पर भाजपा के साथ सहयोग करने का आरोप लगा रहे हैं। ऐसी स्थिति में प्रदेश कांग्रेस के कई नेता मानते हैं कि राजधानी में पार्टी की प्रासंगिकता को फिर से हासिल करने के लिए आक्रामक रुख अपनाना जरूरी है। इसलिए, पार्टी दिल्ली में केरल की रणनीति को अपनाने की कोशिश करते हुए चुनाव लड़ रही है। वह ज्यादा हमला नहीं कर रही है।

दिल्ली के चुनाव परिणाम से देशभर में जाता है संदेश

यहां के चुनाव से पूरे देश में संदेश जाता है। दिल्ली एक केंद्र शासित प्रदेश है। मुख्यमंत्री के पास बहुत सीमित अधिकार है। इसके बावजूद राजनीतिक तौर पर दिल्ली चुनाव की अपनी अहमियत है। राजधानी में लगभग हर प्रदेश और हर वर्ग के लोग रहते हैं। ऐसे में दिल्ली के मतदाताओं का दिल जीतने वाली पार्टी को राजनीतिक तौर पर दूसरे प्रदेशों में भी लाभ मिलता है। वहीं, चुनावी हार-जीत का पूरे देश में संदेश जाता है। यही वजह है कि कांग्रेस विपक्षी गठबंधन की मजबूरियों के बावजूद पूरी ताकत झोंक रही है। सभी सीटों पर मजबूती से लड़ रही है।

सोमवार को तय प्रेस कॉन्फ्रेंस को टाला

कांग्रेस आम आदमी पार्टी के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाने के बाद अब अपने कदम पीछे खींच रही है। शायद यही वजह है कि कांग्रेस के कोषाध्यक्ष अजय माकन की आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल के खिलाफ देशद्रोह के सबूत सार्वजनिक करने वाली प्रेस कॉन्फ्रेंस को फिलहाल अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया गया है। अजय माकन ने शनिवार को सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म ‘एक्स’ पर कहा था कि वह रविवार को अरविंद केजरीवाल पर विस्तार से अपनी बात रखेंगे। इसके बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस को अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया गया है।

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