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हर चीज पर बुलडोजर नहीं चला सकते, आखिरी दम तक लड़ेंगे; वक्फ पर संसद में खूब भड़के इमरान मसूद

  • कांग्रेस के सांसद इमरान मसूद ने कहा कि यह लोकतंत्र है और सभी के विचारों को महत्व मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि आप बहुमत के आधार पर हर चीज पर बुलडोजर नहीं चला सकते। हम इस मामले में आखिरी तक लड़ेंगे। यह संविधान के आर्टिकल 26 का सीधे तौर पर उल्लंघन है।

Surya Prakash लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीMon, 3 Feb 2025 12:12 PM
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हर चीज पर बुलडोजर नहीं चला सकते, आखिरी दम तक लड़ेंगे; वक्फ पर संसद में खूब भड़के इमरान मसूद

संसद में वक्फ बिल पर जमकर हंगामा हुआ है। सोमवार को सहारनपुर से कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने सरकार पर बुलडोजर मानसिकता से काम करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र है और सभी के विचारों को महत्व मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि आप बहुमत के आधार पर हर चीज पर बुलडोजर नहीं चला सकते। हम इस मामले में आखिरी तक लड़ेंगे। यह संविधान के आर्टिकल 26 का सीधे तौर पर उल्लंघन है। संविधान आर्टिकल 26 धार्मिक स्वतंत्रता की बात करता है। इसके अलावा धार्मिक आधार पर संस्थानों के संचालन, संपत्ति के अधिकार का भी बात करता है। उन्होंने कहा कि यह सरकार अल्पसंख्यकों के अधिकार छीन लेना चाहती है और यह वक्फ बिल उसका नया अधिकार है।

वहीं वक्फ बिल को लेकर बनी जेपीसी के चेयरमैन जगदंबिका पाल ने विपक्ष के सारे आरोपों को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि विपक्ष तो अपना अलग ही एजेंडा चला रहा है। उन्होंने कहा कि जेपीसी की 428 पन्नों की रिपोर्ट है, जिनमें से 281 पन्नों में विपक्ष की ओर से जताई गई आपत्तियों को शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि हमने आखिरी रिपोर्ट तैयार करने से पहले सभी पक्षों की राय ली थी। उन्होंने कहा कि विपक्ष का तो एजेंडा ही अलग है। ये लोग कह रहे हैं कि यदि वक्फ बिल पास हो गया तो फिर सारी वक्फ संपत्तियों को छीन लिया जाएगा। ऐसे ही ये लोग पूरे देश में मुस्लिम तुष्टिकरण करने में जुटे हैं।

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उन्होंने कहा कि हम जेपीसी की मीटिंग में सभी को बुलाते रहे। अल्पसंख्यक आयोग, सरकारी अधिकारी, इस्लामिक स्कॉलर समेत सभी पक्षों को अपनी मीटिंग में बुलाया था। सभी का पक्ष लिया गया है। उसके आधार पर ही 428 पेजों की रिपोर्ट बनी है, जिसे हमने स्पीकर को सौंपा है। हालांकि कांग्रेस इन दावों को खारिज कर रही है। पार्टी के सांसद प्रमोद तिवारी का कहना है कि विपक्ष की ओर से सुझाए गए सभी 44 संशोधनों को खारिज कर दिया गया, जबकि सरकारी पक्ष की हर बात शामिल है। आखिर यह जेपीसी बनी थी या फिर कोई औपचारिकता थी, जिसे पूरा कर लिया गया है। सपा सांसद वीरेंद्र सिंह ने कहा कि भाजपा सरकार मनमानी कर रही है। उन्होंने कहा कि जेपीसी के विपक्षी सदस्यों को सस्पेंड किया गया और फिर प्रस्ताव को पारित कर लिया गया।

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