नीतीश और चंद्रबाबू के राज्य में काफी मुसलमान; वक्फ बिल पर JDU-TDP के सांसदों से मिलेंगे NC नेता
- वक्फ विधेयक के प्रमुख मुद्दों पर बात करते हुए रूहुल्ला ने अधिकारियों को दिए गए शक्तियों और वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्य के समावेश के प्रावधान पर सवाल उठाया।
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वक्फ (संशोधन) विधेयक को शुक्रवार से शुरू हो रहे बजट सत्र के दौरान संसद में चर्चा के लिए पेश किया जाएगा। इसके लिए संसद की संयुक्त समिति की रिपोर्ट पहले ही प्रस्तुत की जा चुकी है। इस विधेयक को लेकर उमर अब्दुल्ला की पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के सांसद आगा रूहुल्लाहह मेहदी ने कहा कि वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सहयोगी दलों जनता दल (यूनाइटेड) और तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) के सांसदों से मुलाकात करेंगे और उनसे एक आखिरी अपील करेंगे ताकि मुस्लिम समुदाय के मुद्दों को उठाया जा सके।
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए रूहुल्लाह ने कहा, “सत्र शुरू होने पर मैं विभिन्न दलों के सदस्यों से मिलूंगा, जिसमें नीतीश कुमार की जेडीयू और चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी के सदस्य शामिल हैं। इन राज्यों में मुस्लिमों की एक बड़ी जनसंख्या है और उन्हें अपनी मुस्लिम जनसंख्या और उनके अधिकारों के प्रति ईमानदार होना चाहिए।”
श्रीनगर से सांसद रूहुल्लाह मेहदी को इस मुद्दे पर संसद की संयुक्त समिति द्वारा गवाही देने के लिए नहीं बुलाया गया था। उन्होंने कहा कि यह विधेयक वक्फ संपत्ति के प्रशासन में बदलाव करने का प्रस्ताव करता है। ऐसा करके यह मुस्लिम समुदाय के लिए एक चुनौती पेश कर रहा है। उन्होंने कहा, "हमारे धर्म को मानने का अधिकार भविष्य में हमारे लिए कैसे आकार लेगा?"
रूहुल्लाह ने यह भी कहा कि हम मुस्लिम समुदाय के प्रतिनिधि हैं। इस चुनौती का जवाब देने के लिए एक प्रतिक्रिया तैयार करेंगे। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि यह प्रतिक्रिया लोकतांत्रिक और वास्तविक होनी चाहिए, लेकिन साथ ही कहा कि वर्तमान शासन व्यवस्था ने लोकतांत्रिक तरीकों को इस तरह से डिजाइन किया है कि वह अल्पसंख्यक समुदाय की सुनवाई नहीं करती है। इसलिए हमें इस चुनौती का जवाब देने के लिए नए तरीके खोजने की आवश्यकता है।
वक्फ विधेयक के प्रमुख मुद्दों पर बात करते हुए रूहुल्लाह ने अधिकारियों को दिए गए शक्तियों और वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्य के समावेश के प्रावधान पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि चूंकि वक्फ शरियत, क़ुरान और हदीस से जुड़े कानूनों के अनुसार काम करता है। ऐसे में अगर किसी गैर-मुस्लिम को वक्फ में रखा जाता है तो यह हस्तक्षेप जैसा है। यह वक्फ के कामकाज की स्वतंत्रता को छीन लेता है।
बुधवार को रूहुल्लाह ने हुर्रियत नेता मीरवाइज उमर फारूक से मुलाकात की। वह पिछले सप्ताह दिल्ली आए थे और वक्फ पैनल के समक्ष अपनी गवाही देने के लिए आए थे। रूहुल्लाह ने बताया कि उन्होंने मुख्य रूप से मीरवाइज से मुलाकात की थी ताकि वह वक्फ पैनल को दिए गए हुर्रियत के सुझावों पर चर्चा कर सकें।
एनसी सांसद ने जम्मू और कश्मीर सरकार और केंद्र के बीच कई विवादित मुद्दों को लेकर पार्टी नेतृत्व से मतभेदों को भी खुलकर रखा है। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से पूर्ण राज्य की मांग करने समेत कई मुद्दों पर अपनी आवाज उठाई है। हाल ही में रूहुल्लाह ने जम्मू और कश्मीर में नई आरक्षण नीति को लेकर एक विरोध प्रदर्शन में भाग लिया था, जिसमें एनसी के प्रतिद्वंद्वी दल पीडीपी के नेता भी शामिल थे।