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4 माह पहले तक गा रहे थे दोस्ताना राग, अब अंबेडकर के पोते से क्यों उलझ गई उद्धव सेना; विवाद क्या?

  • हालिया लोकसभा चुनावों में उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) ने महाराष्ट्र की कुल 48 में से 21 सीटों पर चुनाव लड़ा और 9 सीटें जीतीं थीं, जबकि एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने 15 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 7 सीटें जीती थीं। इस तरह स्ट्राइक रेट शिंदे सेना का अच्छा रहा है।

Pramod Praveen लाइव हिन्दुस्तानTue, 6 Aug 2024 05:36 PM
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नई दिल्ली:  उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना (UBT) के सांसद संजय राउत ने वंचित बहुजन अघाड़ी (VBA) प्रमुख और संविधान निर्माता बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर के पोते प्रकाश अंबेडकर को कानून का बारीकी से अध्ययन करने की सलाह दी है। राउत की यह टिप्पणी तब आई है, जब एक दिन पहले ही प्रकाश अंबेडकर ने आरक्षण बचाओ यात्रा के दौरान कहा था कि एकनाथ शिंदे की सेना ही असली शिवसेना है। संजय राउत ने नई दिल्ली में पत्रकारों से बात करते हुए मंगलवार को कहा कि बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के उत्तराधिकारी के रूप में प्रकाश अंबेडकर को उनकी विरासत का सम्मान करना चाहिए।

राउत ने कहा कि अगर प्रकाश अंबेडकर को लगता है कि शिवसेना शिंदे की पार्टी है तो उन्हें कानूनों का बारीकी से अध्ययन करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि अंबेडकर की पार्टी से ही रामदास अठावले की पार्टी जैसी अन्य पार्टी भी निकली है। ऐसे में अगर रामदास अठावले की पार्टी आरपीआई को ही असली पार्टी कहा जाए तो प्रकाश अंबेडकर को कितनी वेदना होगी?

दरअसल, प्रकाश अंबेडकर ने आरक्षण बचाओ यात्रा के दौरान सोमवार को अमरावती में पत्रकारों से कहा था कि शिंदे सेना ही असली शिवसेना है क्योंकि उसका स्ट्राइक रेट उद्धव ठाकरे की शिवसेना से अच्छा है। अंबेडकर ने अपनी बात को स्पष्ट करते हुए कहा था कि लोकसभा चुनाव के नतीजों पर गौर करें तो एकनाथ शिंदे की शिवसेना का स्ट्राइक रेट उद्धव की शिवसेना से अच्छा है। उन्होंने यह भी दावा किया कहा कि पदाधिकारी भी एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले संगठन को असली शिवसेना मानते हैं।

बता दें कि हालिया लोकसभा चुनावों में उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) ने महाराष्ट्र की कुल 48 में से 21 सीटों पर चुनाव लड़ा और 9 सीटें जीतीं थीं, जबकि एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने 15 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 7 सीटें जीती थीं। इस तरह स्ट्राइक रेट शिंदे सेना का अच्छा रहा है। प्रकाश अंबेडकर ने यह भी दावा किया कि उद्धव ठाकरे की पार्टी को आरक्षणवादियों और मुस्लिमों के वोट मिले हैं।

बता दें कि चार महीने पहले तक प्रकाश अंबेडकर और संजय राउत की पार्टी लोकसभा चुनावों में गठबंधन बनाने के लिए दोस्ती और दोस्ताना के राग गा रहे थे लेकिन अब विधानसभा चुनावों की सुगबुगाहट से पहले दोनों एक-दूसरे की पोल खोलने और कमतर साबित करने में जुट गए हैं।

इस बीच शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) प्रमुख और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे मंगलवार से तीन दिवसीय दौरे पर नई दिल्ली पहुंचें हैं। इस दौरान वह विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के नेताओं से मुलाकात करेंगे। राउत ने दिल्ली में पत्रकारों को बताया कि हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव के बाद ठाकरे का यह राष्ट्रीय राजधानी का पहला दौरा है। राउत ने कहा, ‘‘यह संवाद यात्रा है। तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी के नेता उनसे मुलाकात करेंगे। कांग्रेस के महाराष्ट्र प्रभारी रमेश चेन्निथला ठाकरे से चर्चा करेंगे। उद्धव जी अपनी यात्रा के दौरान राजधानी में मराठी और राष्ट्रीय पत्रकारों से भी मिलेंगे।’’

इस साल की शुरुआत में हुए लोकसभा चुनाव में शिवसेना (यूबीटी) ने महाराष्ट्र की कुल 48 सीट में से नौ सीट जीती थीं, जबकि ‘इंडिया’ गठबंधन के घटक दल कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) ने क्रमश: 14 और आठ सीट पर जीत दर्ज की थी। महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा में इस वर्ष अक्टूबर में चुनाव प्रस्तावित हैं।

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