फिर विवादों में क्यों MF हुसैन की पेंटिंग्स, हनुमान और गणेश भगवान की कलाकृति जब्त करने का आदेश
शिकायतकर्ता और वकील अमिता सचदेवा ने कोर्ट में सुनवाई के दौरान कहा कि हुसैन की पेंटिंग्स में सनातन धर्म के सबसे पूजनीय देवता हनुमान और गणेश का अपमान किया गया है।
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पद्म विभूषण से सम्मानित दिवंगत मशहूर चित्रकार मकबूल फिदा हुसैन (MF Husain) अपनी मौत के 14 साल बाद फिर से विवादों में हैं। वह जीते जी भी कई विवादों में फंस चुके हैं। उन पर हिन्दू देवी-देवताओं की अपमानजनक पेटिंग्स बनाने के कई आरोप पहले भी लगे हैं। अब एक बार फिर वह इसी तरह के विवादों के लिए चर्चा में हैं। विवाद की वजह से दिल्ली की एक अदालत ने उनकी पेंटिंग्स जब्त करने का आदेश दिया है।
आरोप क्या हैं?
दरअसल, अमिता सचदेवा नाम की एक वकील ने पटियाला हाउस कोर्ट में शिकायत की थी कि दिल्ली आर्ट गैलरी में लगी एमएफ हुसैन की पेंटिंग में हिन्दू -देवी-देवताओं का अपमान किया गया है। इससे हिन्दू धर्म मानने वाले लोगों की धार्मिक आस्था को ठेस पहुंची है। शिकायतकर्ता और वकील अमिता सचदेवा ने कोर्ट में सुनवाई के दौरान कहा कि हुसैन की पेंटिंग्स में सनातन धर्म के सबसे पूजनीय देवता हनुमान और गणेश का अपमान किया गया है।
उन्होंने तर्क दिया, ‘‘यह अश्लीलता है। सबसे पूजनीय देवताओं को अश्लील तरीके से चित्रित करना दुर्भावनापूर्ण और जानबूझकर किया गया अपमान है। हुसैन दुनिया के सबसे महान कलाकार हो सकते हैं, लेकिन उन्हें मेरे देवताओं का अपमान करने का कोई अधिकार नहीं है।’’ उन्होंने दावा किया कि प्रदर्शनी में हजारों लोगों ने ‘देवताओं का उपहास’ करने वाली वह पेंटिंग देखी। सचदेवा ने कहा, ‘‘प्रथम दृष्टया मामला सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए ऐसी आपत्तिजनक पेंटिंग प्रदर्शित करने और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का बनता है।’’
कोर्ट का क्या आदेश
इस पर पटियाला हाउस के प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट साहिल मोंगा ने हनुमान और गणेश की कलाकृति जब्ती करने का आदेश देते हुए पुलिस से कार्रवाई रिपोर्ट पेश करने को कहा। कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने आर्ट गैलरी में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज और नेटवर्क वीडियो रिकॉर्डर को जब्त कर लिया है। दिल्ली आर्ट गैलरी ने पुलिस को पेंटिंग्स की एक लिस्ट भी सौंपी है, जिसमें विवादित पेंटिंग्स क्रमांक 6 और 10 पर थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रदर्शनी निजी स्थान पर आयोजित की गई थी और पेंटिंग्स केवल लेखकों और कलाकारों के मूल कार्य को प्रदर्शित करने के लिए थी।
कब लगी थी प्रदर्शनी
दरअसल, पिछले साल 6 से 10 दिसंबर के बीच ये पेंटिंग्स प्रदर्शित की गई थी। उसी प्रदर्शनी के आधार पर सचदेवा ने अदालत में शिकायत दर्ज की थी। इस शिकायत पर अदालत ने ये कार्रवाई की है। सचदेवा ने सोशल मीडिया एक्स पर भी उस प्रदर्शनी की तस्वीर साझा की थी और आरोप लगाया था कि सार्वजनिक तौर पर हिन्दू देवताओं का अपमान किया जा रहा है। इसके जवाब में दिल्ली आर्ट गैलरी ने कहा है कि वह पुलिस जांच में सहयोग कर रही है। गैलरी की तरफ से कहा गया है कि इस प्रदर्शनी में 5000 लोग आए थे। इस दौरान आम जनों के साथ-साथ प्रेस से भी समीक्षा ली गई जो सकारात्मक रही लेकिन सिर्फ शिकायतकर्ता को ही इसमें अपमानजनक पेंटिंग्स दिखी।
एमएफ हुसैन कौन?
महाराष्ट्र के पंढरपुर में जन्मे मकबूल फिदा हुसैन को भारत का पिकासो कहा जाता है। वह नामी चित्रकार थे। उन्हें पद्म श्री, पद्म भूषण और पद्म विभूषण तीनों अलंकरण मिल चुके थे। कई मीडिया रिपोर्ट्स में उन्हें कट्टर मुस्लिम चित्रकार कहा गया है क्योंकि उन्होंने हिन्दू देवी-देवताओं के कई ऐसे चित्र बनाए थे, जिन पर विवाद हुआ था। 1986 में राजीव गांधी की सरकार ने उन्हें राज्यसभा के लिए नामित भी किया था।
उन्होंने थियोरामा नामक एक सीरीज में रामायण, महाभारत, कर्बला की लड़ाई, सिख साहित्य और ईसाई धर्म से प्रेरित होकर कई रचनाएं की थीं। विवादित पेंटिंग्स बनाने पर 1998 में उनके घर पर हमला भी हुआ था। 2006 में भी उन पर भारत माता (मदर इंडिया) की नंगी तस्वीर बनाने के आरोप लगे थे। इस पेंटिंग पर शिवसेना ने उन्हें निशाने पर ले रखा था। इसके लिए उन्हें सार्वजनिक तौर पर माफी भी मांगनी पड़ी थी। इसके बाद उसी साल वह स्व-निर्वासन में भारत छोड़कर लंदन चले गए थे। 2011 में 95 साल की उम्र में लंदन में उनका निधन हो गया था।