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एएमयू के प्रोफेसर का गजब कारनामा, हिन्दू छात्रा बनकर करता रहा साथी की शिकायतें; ऐसे खुली पोल

  • एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. इशात मोहम्मद खान ने शिकायत की कि 20 सितंबर को विभाग के प्रोफेसर रियाजुद्दीन द्वारा हिन्दू छात्रा के नाम पर 20 शिकायतें डाक पोस्ट के द्वारा की गई। इसमें एसोसिएट प्रोफेसर के खिलाफ परीक्षा संबंधी, पेपर, कुछ धार्मिक आरोप भी लगाए गए।

Ajay Singh हिन्दुस्तान, सुनील कुमार, अलीगढ़Tue, 17 Dec 2024 07:39 AM
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एएमयू के प्रोफेसर का गजब कारनामा, हिन्दू छात्रा बनकर करता रहा साथी की शिकायतें; ऐसे खुली पोल

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के रसायन विभाग के प्रोफेसर ने गजब का ही कारनामा कर दिखाया। साथी एसोसिएट प्रोफेसर का खुलकर विरोध नहीं कर सके तो कभी हिन्दू तो कभी मुस्लिम छात्रा बनकर 22 बार एएमयू इंतजामिया, एसएसपी और अन्य अफसरों से शिकायत की। मामले में एसोसिएट प्रोफेसर ने शिकायत की तो मामला खुलकर सामने आ गया। प्रोफेसर ने एएसपी के सामने गुनाह कबूल कर लिया। वहीं एएमयू इंतजामिया ने सात दिन में आरोपी प्रोफेसर से स्पष्टीकरण मांगा है।

घटनाक्रम के मुताबिक 16 नवंबर को रसायन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. इशात मोहम्मद खान ने शिकायत की कि 20 सितंबर को विभाग के प्रोफेसर रियाजुद्दीन द्वारा हिन्दू छात्रा के नाम पर 20 शिकायतें डाक पोस्ट के द्वारा की गई। जिसमें एसोसिएट प्रोफेसर के खिलाफ परीक्षा संबंधी, पेपर, कुछ धार्मिक आरोप भी लगाए गए। मामले में एसोसिएट प्रोफेसर ने एएमयू इंतजामिया और पुलिस प्रशासन को शिकायत की। प्रोफेसर ने डाकघर की वह फुटेज भी बतौर सबूत सौंपा जिसमें प्रोफेसर रियाजुद्दीन पोस्ट करते हुए और रसीद प्राप्त करते हुए दिखाई दे रहे हैं।

पहले इनकार किया, फिर एएसपी के सामने जुर्म कबूला

एसोसिएट प्रोफेसर द्वारा एएसपी के दिए गए सबूतों के आधार पर दोबारा जांच शुरू की गई। जब एएसपी ने प्रोफेसर से पूछा तो उन्होंने इस बात को नकार दिया। वह कहने लगे मैं पोस्ट ऑफिस जाता रहता हूं। इसका मतलब यह नहीं कि मैंने यह पोस्ट की है। जब एएसपी ने रजिस्ट्री का समय और रसीद लेने का फुटेज दिखा तो उन्होंने कबूल कर लिया कि उन्होंने इस कृत्य को अंजाम दिया है। प्रोफेसर का कबूलनामा एएमयू इंतजामिया को ऑडियो वीडियो के रूप में भेज दिया गया है।

यूजीसी के नियमों के तहत होगी कार्रवाई

एएमयू के कुलसचिव इमरान खान द्वारा जारी पत्र के अनुसार उन्हें सात दिन में अपना पक्ष रखने का समय दिया गया है। अगर वह स्पष्टीकरण नहीं देते हैं तो माना जाएगा कि उनके पास कहने के लिए कुछ नहीं है। पत्र के अनुसार दोषी प्रोफेसर के केंद्रीय सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण और अपील नियम), 1965 और विश्वविद्यालय के प्रावधानों के साथ शिक्षक आचरण और अनुशासन नियम, 2020 के अनुसार अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

पोस्ट ऑफिस में लगे कैमरे की फुटेज ने खोला राज

- एएमयू इंतजामिया, एसएसपी सहित अन्य अधिकारियों को 22 शिकायतों से किया गुमराह

- आए दिन शिकायत पर एसएसपी ने गठित की टीम, निकलवाये पोस्ट ऑफिस के फुटेज

- वीसी ने विवि को बदनाम, गुमराह करने को लेकर मांगा स्पष्टीकरण, जांच को टीम गठित

- प्रोफेसर ने डाकघर की वह फुटेज भी बतौर सबूत सौंपा जिसमें प्रोफेसर रियाजुद्दीन पोस्ट करते और रसीद लेते दिख रहे हैं

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